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विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 60% पद खाली

पटना : राज्य के विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 60 फीसदी पद खाली हैं. विश्वविद्यालयों के खाली पदों पर जहां एडहॉक पर शिक्षकों को रख कर पढ़ाई करवायी जा रही है, वहीं बिहार लोक सेवा आयोग से चल रही नियुक्ति प्रक्रिया के साथ-साथ अब नवगठित बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग से असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति होगी. […]

पटना : राज्य के विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 60 फीसदी पद खाली हैं. विश्वविद्यालयों के खाली पदों पर जहां एडहॉक पर शिक्षकों को रख कर पढ़ाई करवायी जा रही है, वहीं बिहार लोक सेवा आयोग से चल रही नियुक्ति प्रक्रिया के साथ-साथ अब नवगठित बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग से असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति होगी. विश्वविद्यालय सेवा आयोग विधेयक को राज्यपाल की अनुमति मिलने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जायेगी. मगध विवि में 1443, ललित नारायण मिथिला विवि में 1199, बीआरए बिहार विवि में 1160 पद खाली हैं. वहीं, मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय के स्वीकृत 56 में से एक पद पर ही शिक्षक बहाल हैं.

विश्वविद्यालयों में 2003 के बाद 2014 में बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से बहाली प्रक्रिया शुरू की गयी. 3364 पदों की बहाली प्रक्रिया में अब तक मैथिली, मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र, अंगरेजी, अर्थशास्त्र और भौतिकी के 933 असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त हो चुके हैं. वहीं, गणित व भूगोल विषय रिजल्ट भी आ गया है, लेकिन विश्वविद्यालयों में उनकी नियुक्ति नहीं हो सकी है. वर्तमान में विश्वविद्यालयों में शिक्षक के 7485 पद खाली हैं. बीपीएससी से चल रही बहाली प्रक्रिया पूरी होने के बाद करीब एक से डेढ़ हजार पद खाली रहने की आशंका है. ऐसे में बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग प्रदेश में 9000 के करीब पदों पर बहाली प्रक्रिया शुरू कर सकेगी.

विश्वविद्यालय स्वीकृत कार्यरत खाली
बीआरए विवि, मुजफ्फरपुर 1861 701 1160
जेपी विवि, छपरा 1013 377 636
वीर कुंवर सिंह विवि, आरा 1015 419 596
बीएन मंडल विवि, मधेपुरा 1482 784 698
अरबी-फारसी विवि 56 01 55
पटना विवि 808 316 492
मगध विवि 3093 1650 1443
एलएमएन विवि, दरभंगा 1966 767 1199
तिलका मांझी विवि, भागलपुर 1489 663 826
केएसडीएस विवि, दरभंगा 781 401 380
बीपीएससी से 3364 में से 933 पदों पर हो चुकी है बहाली : मैथिली के 49, मनोविज्ञान के 198, दर्शनशास्त्र के 132, अंगरेजी के 170, अर्थशास्त्र के 214 और भौतिकी के 170 असिस्टेंट प्रोफेसर हो चुके हैं बहाल. गणित व भूगोल का आ चुका है रिजल्ट.
बाढ़ से अब तक 379 की मौत, सहरसा व खगडिया में कोई राहत शिविर नहीं
पटना. राज्य के 19 जिलों में बाढ़ का प्रकोप जारी है. अभी तक सरकार ने 379 लोगों के मौत की पुष्टि की है. इधर बाढ़ का असर कम होने के साथ ही सहरसा, खगड़िया और सीवान जिलों के राहत शिविरों में रहनेवाले लोगों की संख्या शून्य हो गयी है. सरकार की ओर से सहरसा और खगड़िया में कोई राहत शिविर नहीं लगाया गया है. इधर राज्य के 185 प्रखंडों व 2347 पंचायत गुरुवार को भी बाढ़ की चपेट में रहे. उधर, केंद्र सरकार की ओर से बिहार के बाढ़पीड़ितों के लिए 11500 पॉलिथीन शीट की आपूर्ति की गयी है. बुधवार को सेना के एक जहाज से पटना हवाई अड्डे पर पॉलिथीन शीट ड्राप किया गया है. बाद में पांच ट्रकों में उसे राज्य के बाढ़प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे के पहले केंद्र द्वारा इस तरह की मदद की जा रही है. बिहार में सेना की सात टीमों द्वारा राहत व बचाव कार्य किया जा रहा है.
हालांकि सरकार की ओर से बाढ़ राहत शिविरों की संख्या में निरंतर कमी की जा रही है. गुरुवार को 624 राहत शिवरों में एक लाख 56 हजार 560 लोगों को आश्रय दिया गया. सबसे अधिक 280 राहत शिविर अभी पूर्वी चंपारण जिले में चलाये जा रहे हैं. घर छोड़ कर बाहर रहनेवाले लोगों को भोजन के लिए 1565 सामुदायिक रसोई के माध्यम से खाने की व्यवस्था की गयी. सामुदायिक रसोई में गुरुवार को तीन लाख 44 हजार 137 लोगों को भोजन कराया गया. सबसे अधिक 473 सामुदायिक रसोई दरभंगा जिला और 423 सामुदायिक रसोई कटिहार जिला में चलाया जा रहा है. इधर मुजफ्फरपुर जिला में सबसे अधिक 50 हजार 400 लोग शिविरों में शरणार्थी बने हुए हैं.

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