पटना में मेट्रो रेल का निर्माण कार्य जल्द शुरू हो सकता है. मंगलवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) और एजेंसी तय करने को लेकर विचार-विमर्श किया गया. मेट्रो रेल कानिर्माण पूरा होने पर यहां की करीब 20 लाख की आबादी को ट्रैफिक जाम से बहुत हद तक मुक्ति मिल जायेगी.
पटना: राजधानी के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने के लिए तीन रूटों पर मेट्रो रेल चलायी जायेगी. पहला रूट दानापुर से अशोक राजपथ होते हुए पटना सिटी तक होगा. दूसरा डाकबंगला चौराहे से दानापुर के सगुना मोड़ तक और तीसरा रूट पटना जंकशन से दीघा स्टेशन तक होगा. प्राचीन पटना के अवशेष स्थल कुम्हरार को भी मेट्रो रेल से जोड़ा जायेगा. इसके मद्देनजर कैबिनेट ने तकनीकी बिंदुओं पर नगर विकास विभाग से और जानकारी मांगी है. माना जा रहा है कि सरकारी एजेंसी राइटस को डीपीआर तैयार करने की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. इस पर दो करोड़ 52 लाख रुपये खर्च होंगे. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अगले कुछ महीनों में मेट्रो रेल परियोजना पर काम शुरू हो जायेगा.
नगर विकास विभाग से जुड़े अधिकारियों ने बताया है कि पटना में मेट्रो रेल परियोजना का काम ऊपरी और जमीन के नीचे दोनों स्तरों पर शुरू किया जायेगा. पटना सिटी से दानापुर जानेवाले रूट को कुम्हरार से जोड़ा जायेगा. यहां पर ऊपरी मेट्रो रेल चलाने की योजना है. विभागीय सूत्रों के अनुसार, मेट्रो रेल पर सहमति बनती है, तो इसके निर्माण पर 225 करोड़ प्रति किलोमीटर खर्च होंगे.
डाकबंगला से सगुना मोड़ के बीच मेट्रो रेल की दूरी करीब 12.5 किलोमीटर होगी. इसे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर तैयार किया जाना है. राज्य सरकार की इच्छा है कि दिल्ली की मेट्रो रेल के जैसा पटना में भी यह सेवा बहाल की जाये. इसको लेकर रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) का काम पूरा किया जा चुका है. इसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट भी तैयार हो चुकी है. इस परियोजना को लेकर केंद्र सरकार कुल परियोजना का वायबलिटी गैप फंड करीब 1600 करोड़ दे सकती है और उतनी ही राशि राज्य सरकार खर्च करेगी. शेष राशि मेट्रो रेल तैयार करनेवाली कंपनी खर्च करेगी. रेलवे की टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी ने भी 20 लाख से अधिक आबादीवाले शहरों के लिए मेट्रो रेल का सुझाव दिया है.