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नये शराब कानून पर अग्रिम जमानत से इन्कार करना गैर संवैधानिक
हाइकोर्ट की टिप्पणी पटना : राज्य में नये शराब कानून के प्रावधानों के तहत अग्रिम जमानत नहीं दिये जाने को पटना उच्च न्यायालय ने गैर संवैधानिक करार दिया है. जस्टिस अश्विनी प्रसाद द्वारा गत माह दिये गये आदेश से इतर जस्टिस राकेश कुमार की एकलपीठ ने अधिनियम की धारा 76 (2) को असंवैधानिक बताते हुए […]
हाइकोर्ट की टिप्पणी
पटना : राज्य में नये शराब कानून के प्रावधानों के तहत अग्रिम जमानत नहीं दिये जाने को पटना उच्च न्यायालय ने गैर संवैधानिक करार दिया है. जस्टिस अश्विनी प्रसाद द्वारा गत माह दिये गये आदेश से इतर जस्टिस राकेश कुमार की एकलपीठ ने अधिनियम की धारा 76 (2) को असंवैधानिक बताते हुए मामले में निषेधात्मक कार्रवाई पर रोक लगाते हुए इसकी विस्तृत सुनवाई हेतु खंडपीठ को स्थानांतरित कर दिया. जस्टिस राकेश कुमार की एकलपीठ ने पंकज कुमार की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.
गत माह पटना हाइकोर्ट के जस्टिस अश्विनी कुमार की एकलपीठ ने एक मामले की सुनवाई करते हुए उत्पाद अधिनियम 2016 कि धारा 76 (2) के तहत अग्रिम जमानत पर रोक लगाते हुए सभी जिला न्यायाधीशों को निर्देश दिया था कि शराब से संबंधित मामले में किसी को भी अग्रिम जमानत नहीं दिया जाय एवं ऐसे मामले में जेल में बंद या समर्पण करने वाले अभियुक्तों को सुनवाई के बाद जमानत दे दिया जाय. अदालत ने पटना हाइकोर्ट के निबंधक को भी फैसले की एक प्रति भेजने का निर्देश दिया था ताकि कोई भी इस मामले में अग्रिम जमानत की याचिका दायर नहीं कर सके. अदालत ने गुरुवार को सुनवाई के क्रम में कहा कि अग्रिम जमानत हासिल करना अभियुक्तों का अधिकार है. किसी को भी यह अधिकार हासिल करने से रोका जाना गैर संवैधानिक है.
अदालत ने यह भी कहा की सूबे में लागू नयी शराब कानून अवैध है. इसकी समीक्षा की जानी चाहिए. जस्टिस अश्विनी कुमार सिंह की एकलपीठ द्वारा शराब से संबंधित मामले में नियमित जमानत के लिए अपील दायर करने के निर्देश पर पटना हाइकोर्ट के अधिवक्ताओं में रोष उत्पन्न हो गया और वे हंगामा करने लगे.
इसके बाद अदालत में यह मामला काफी देर तक गरमाया रहा. अदालत ने दूसरे सत्र में मामले पर पुन: लंबी सुनवाई करते हुए आदेश सुरक्षित रख लिया.
डीसीएलआर मामले में सुनवाई टली
पावर ग्रिड की जमीन बेचने के मामले में पटना सदर के तत्कालीन डीसीएलआर मिथिलेश कुमार सिंह की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई टल गयी.
जस्टिस केके मंडल की एकलपीठ ने मिथिलेश कुमार सिंह की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर गुरुवार को संक्षिप्त सुनवाई के बाद इसे अगली सुनवाई तक के लिए टाल दी. याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि हमने तो अंचलाधिकारी व राजस्व कर्मचारी की अनुशंसा के आधार पर केवल आॅर्डर पास किया था. इस मामले में हमारी कोई भूमिका नहीं है.
पर्चा लीक मामले में राहत से इन्कार
बहुचर्चित पर्चा लीक मामले में अभियुक्त बनाये गये दिनेश कुमार यादव को पटना हाइकोर्ट ने किसी भी प्रकार का राहत देने से साफ तौर पर इंकार करते हुए नियमित जमानत याचिका को खारिज कर दिया. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठ ने दिनेश कुमार यादव की ओर से दायर नियमित जमानत याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया.
गौरतलब है कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग यानी बीएसएससी की इंटर (12वीं) स्तरीय पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा में प्रश्नपत्र और उसके उत्तर लीक होने के मामले में अहम सबूत मिलने के बाद बिहार सरकार ने परीक्षा रद्द कर दिया था.
पत्रकार हत्याकांड में सुनवाई टली
सीवान के पत्रकार राजदेव हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त अजहरुद्दीन बेग ऊर्फ लड्डन मियां की नियमित जमानत याचिका पर हाइकोर्ट में सुनवाई टल गयी. जस्टिस विकास जैन की एकलपीठ के समक्ष लड्डू मियां की ओर से दायर नियमित जमानत पर सुनवाई होनी थी, परंतु रेकॉर्ड उपलब्ध नहीं होने से सुनवाई नहीं हो सकी.
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