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वेस्ट प्लास्टिक से बनेंगी राज्य की ग्रामीण सड़कें
बैठक. मुख्यमंत्री ने की ग्रामीण कार्य विभाग की समीक्षा पटना : प्रदेश की ग्रामीण सड़कें अब रद्दी (वेस्ट) प्लास्टिक से बनेगी. सेल फिल टेक्नोलॉजी से बनने वाली इस पद्धति में सड़कों का निर्माण होने पर जहां उसकी गुणवत्ता बेहतर होगी, वहीं कचरा प्रबंधन में प्लास्टिक की समस्या से भी निदान मिलेगा. इस पर ग्रामीण कार्य […]
बैठक. मुख्यमंत्री ने की ग्रामीण कार्य विभाग की समीक्षा
पटना : प्रदेश की ग्रामीण सड़कें अब रद्दी (वेस्ट) प्लास्टिक से बनेगी. सेल फिल टेक्नोलॉजी से बनने वाली इस पद्धति में सड़कों का निर्माण होने पर जहां उसकी गुणवत्ता बेहतर होगी, वहीं कचरा प्रबंधन में प्लास्टिक की समस्या से भी निदान मिलेगा. इस पर ग्रामीण कार्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक में निर्णय लिया गया.
मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उन्होंने रद्दी प्लास्टिक से सड़क बनने की योजना को लागू करने का निर्देश दिया. इससे सड़कें टिकाऊ होंगी और पानी से खराब नहीं होंगी. मुख्यमंत्री ने पुल निर्माण निगम की ओर से बनाये गये वैसे 355 पुलों जहां पहुंच पथ नहीं बना है, उसे बनाने की जिम्मेदारी ग्रामीण कार्य विभाग को सौंपी है. इसके साथ ही राज्य के पर्यटन स्थलों का सर्वेक्षण करने को कहा है, ताकि उसे ग्रामीण कार्य विभाग मुख्य सड़क से जोड़ सकें. ग्रामीण कार्य विभाग की बैठक के बाद विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा ने बताया कि राज्य में 1,29,473 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें हैं. इसमें 69 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण हो चुका है और 15 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण चल रहा है.
विभाग ने अगले तीन सालों मेें बचे 60,900 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा है. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद बचे बसावटों में सड़क निर्माण के लिए राशि की मांग भी की गयी है और साथ ही समय पर इसे पूरा करने का संकल्प भी लिया गया. विभाग ने इस काम के लिए 10 हजार करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया है. इस पर विभाग को 600 करोड़ रुपये पहले ही मिल चुका है और बाकी राशि नाबार्ड से ऋण लेकर दी जायेगी. मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि काम के लिए राशि की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी.
एससी-एसटी कल्याण विभाग की समीक्षा, दिये कई निर्देश
मुख्यमंत्री ने बुधवार को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के कार्यों की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण निर्देश दिया. इसमें मुख्य रूप से छात्र-छात्राओं को 2017-18 के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति देने और अनुसूचित जाति वित्त और विकास निगम को पुनर्जीवित करने का निर्णय हुआ. यह छात्रवृत्ति योजना भारत की केंद्रीय सरकार द्वारा वित्तपोषित है
बैठक में थे मौजूद : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, ग्रामीण कार्य विभाग के प्रधान सचिव विनय कुमार, सीएम के सचिव अतीश चंद्रा, सचिव मनीष कुमार वर्मा समेत विभाग के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.
विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा ने बताया कि सात निश्चय के तहत ग्रामीण टोला निश्चय योजना में एक साल में 4643 टोलों की सड़कों का निर्माण होगा. इसमें से एक तिहाई को स्वीकृति दी गयी है, बाकी की भी जल्द स्वीकृति मिल जायेगी. इन सभी सड़कों का निर्माण अगले एक साल में पूरा कर लिया जायेगा. उन्होंने बताया कि ग्रामीण सड़कों लेकर निर्देश दिया गया है कि जो सड़कें बनायी जाये उसे गुणवत्ता का विशेष ध्यान दिया जाये. जब तक के लिए वह सड़क बन रही है, उसमें वह खरा उतरे. बैठक में ग्रामीण कार्य विभाग ने बताया कि विभाग ने गुणवत्ता मॉनीटरिंग पद्धति अपनायी है. ग्रामीण सड़कों की निर्माणाधीन व मेंटेनेंस अवधि की जांच होती है. इसमें निर्माण कंपनी को पांच साल तक मेंटेनेंस करना पड़ता है.
उन्होंने बताया कि बिहार में 2016-17 में देश में सबसे ज्यादा 9597 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें बनायी और इसके लिए बिहार को केंद्र में सम्मानित भी किया.
सीएम 11 अगस्त से करेंगे समीक्षा
पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विभागों के कार्यों की समीक्षा कार्यक्रम के दूसरे चरण की शुरुआत 11 अगस्त से करने जा रहे हैं. इसके तहत बचे हुए सभी 13 विभागों की चरणबद्ध तरीके से समीक्षा की जायेगी. ये सभी वे विभाग हैं, जो भाजपा खेमे के मंत्रियों के पास हैं. मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद कक्ष में आयोजित यह समीक्षा बैठक 11 अगस्त से शुरू होगी. इसके बाद यह बैठक 12, 16 और 21 अगस्त को होगी.
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