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घोषणा : मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में समीक्षात्मक बैठक, पटना व भागलपुर में लगेगी रेडीमेड गारमेंट फैक्टरी

पटना : बिहार उद्योग का हब बनने की राह में है. पटना और भागलपुर में रेडीमेड गारमेंट की फैक्टरी लगेगी. वहीं, मुजफ्फरपुर में 10 एकड़ जमीन पर लेदर पार्क बनेगा. इसका फैसला उद्योग विभाग की समीक्षात्मक बैठक में लिया गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में उद्योग व गन्ना उद्योग विभाग की समीक्षात्मक बैठक में […]

पटना : बिहार उद्योग का हब बनने की राह में है. पटना और भागलपुर में रेडीमेड गारमेंट की फैक्टरी लगेगी. वहीं, मुजफ्फरपुर में 10 एकड़ जमीन पर लेदर पार्क बनेगा. इसका फैसला उद्योग विभाग की समीक्षात्मक बैठक में लिया गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में उद्योग व गन्ना उद्योग विभाग की समीक्षात्मक बैठक में गन्ना किसानों को बताने का निर्देश दिया गया कि कब गन्ना की कटाई की जायेगी और कब उसे चीनी मिल को देना है. साथ ही सरकार गन्ना का बीज भी इस साल से बदलने जा रही है.

उद्योग व गन्ना उद्योग की समीक्षात्मक बैठक के बाद मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि बिहार में नयी इंडस्ट्री पॉलिसी के बाद 493 उद्योगपतियों ने आवेदन दिया, जिसमें 422 को स्वीकृति मिली है. इससे प्रदेश में 3900 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव है. स्टार्टअप में 30 लोगों को 10 लाख रुपये का ऋण बिना ब्याज के दिया जायेगा और उन्हें बड़ी संस्थाओं से भी जोड़ा जायेगा. खादी के विकास के लिए जीविका को 10 हजार चरखा दिया गया है और कलस्टर को डेवलप किया जा रहा है. बिहार में 2011-16 में 263 यूनिट लगे हैं और 6336 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है.

मुख्य सचिव ने बताया कि बिहार की उद्योग नीति को देश भर में सराहा गया, लेकिन जमीन व अन्य समस्याओं के कारण फूड प्रोसेसिंग को छोड़ कर दूसरा कुछ ज्यादा निवेश नहीं हुआ, लेकिन अब टेक्सटाइल पर ज्यादा जोर है. इसका मुख्य कारण है कि बिहार में स्किल की कमी नहीं है और कम दर पर मजदूर मिल जाते हैं. 19 हजार का कौशल विकास किया गया, जिसमें 11 हजार टेक्सटाइल से ही जुड़े हैं.

मुख्य सचिव ने बताया कि उद्योगपति खुद निवेश करेंगे. सरकार अपनी ओर से 10 करोड़ रुपये तक की ब्याज की राशि देगी. इससे जब प्रोजेक्ट पूरा होगा, तब तक सरकार अपनी ओर से मदद करेगी. उन्होंने बताया कि बियाडा के जरिये उद्योग लगाने, उसके ट्रांसफर व उद्योग बंद करने के लेकर एक्ट में बदलाव किया जा रहा है. बैठक में उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह, गन्ना उद्योग मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज आलम, उद्योग व गन्ना उद्योग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे. मुख्य सचिव ने कहा कि गन्ना की रिकवरी खराब है. अभी नौ प्रतिशत है. इसे 10 प्रतिशत से ऊपर पहुंचाना है. इसके लिए गन्ना के बीज को रिप्लेस करने की तैयारी की जा रही है. उच्च कोटि के गन्ना के बीज किसानों को दिये जायेंगे, ताकि गन्ना का उत्पादन बढ़ सके. साथ ही किसानों को बताया जायेगा कि कब गन्ना की कटाई की जायेगी और कब उसे चीनी मिल में पहुंचाया जायेगा. इसके लिए विभाग को समय-सीमा तय करने को कहा गया है. समय सीमा तय नहीं रहने से कटाई के बाद देर से चीनी मिल को गन्ना देने से वह सूख जाता है.

दो साल में सभी पंचायतों में पंचायत सरकार भवन बनाने का निर्देश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पंचायती राज विभाग की समीक्षा के दौरान विभाग को दो साल के अंदर सभी 8391 पंचायतों में पंचायत सरकार भवन बनाने का निर्देश दिया है. उन्होंने विभाग को निर्देश दिया कि जिन पंचायतों में जमीन उपलब्ध नहीं है, तो वहां के संबंधित जिलाधिकारियों को जमीन उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी सौंपी जाये. इस लक्ष्य को प्राप्त करना है. राज्य में वर्तमान में 1435 पंचायत सरकार भवनों के निर्माण कराया जा रहा है. इसमें अभी तक 1176 पंचायत भवनों के लिए जमीन उपलब्ध हो चुकी है. इसके अलावा राज्य के 12 जिलों में 330 पंचायत सरकार भवनों का निर्माण विश्वबैंक के सहयोग से निर्माण कराया गया है.
शौचालय निर्माण व ओडीएफ पर निगरानी रखने का निर्देश
सीएम नीतीश कुमार ने ग्रामीण विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की. उन्होंने सात निश्चय के तहत संचालित लोहिया स्वच्छता अभियान की प्रगति को देखा. विभाग को निर्देश दिया कि शौचालयों के निर्माण और ग्राम पंचायतों को ओडीएफ घोषित करने में विशेष निगरानी रखी जाये. राज्य को 2019 तक राज्य के 8391 पंचायतों को ओडीएफ घोषित किया जाना है. अभी तक इसकी रफ्तार धीमी हैं. लोहिया स्वच्छता अभियान व जीविका समूहों का प्रेजेंटेशन जीविका के सीइओ बालामुरूगन डी ने किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने जीविका समूहों के गठन को लेकर भी इसमें तेजी लाने का निर्देश दिया. राज्य में 10 लाख जीविका समूहों का गठन किया जाना है. अभी तक राज्य में छह लाख 70 हजार समूहों का ही गठन किया गया है. इसके अलावा पीएम अावास का प्रेजेंटेशन राहुल रंजन महिवाल ने किया. मुख्यमंत्री ने पीएम आवास के इस वित्तीय वर्ष के लक्ष्य छह लाख 37 हजार को प्राप्त करने लिए लाभार्थियों के चयन और राशि के ट्रांसफर करने की दिशा में कार्रवाई करने को कहा.
उन्होंने कहा कि जितना जल्द हो लाभार्थियों की पहचान कर ली जाये. साथ ही उनको आवास निर्माण की पहली किस्त और जिन्होंने पहली किस्त की राशि का उपयोग कर लिया है उनको दूसरी किस्त जारी की जाये. मनरेगा योजना का प्रेजेंटेशन सीपी खंडूजा ने किया. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि बारिश के मौसम में पौधारोपण और परंपरागत जलस्रोतों के साथ जल संचयन पर अधिक ध्यान दिया जाये. सूखा से बचाव के लिए सूखारोधी कार्य किये जाये.

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