नाटकीय घटनाक्रम. पहले नीतीश का इस्तीफा, फिर चुने गये एनडीए विधायक दल के नेता, आज सुबह शपथ
महागठबंधन सरकार के गठन के 20 माह के बाद ही राज्य में सियासी समीकरण बदल गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद भाजपा ने उन्हें बिना शर्त समर्थन देने का एलान किया़ इसके बाद 1, अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर जदयू और एनडीए विधायक दल की संयुक्त बैठक हुई,
जिसमें मिल कर नयी सरकार बनाने का फैसला किया गया. रात 12 बजे नीतीश कुमार ने एनडीए नेताओं के साथ राजभवन जाकर सरकार बनाने का दावा पेश िकया. इससे पहले उनके इस्तीफे के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार को बधाई दी, जिस पर नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया. वहीं, लालू प्रसाद ने आरोप लगाया कि सब कुछ पहले से सेट था.
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सिर पर छठी बार बिहार का ताज होगा. भाजपा के साथ बननेवाली उनकी सरकार को राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी गुरुवार की सुबह 10 बजे शपथ दिलायेंगे. महागठबंधन सरकार के मुखिया के तौर पर इस्तीफा देने के बाद बुधवार की देर रात नीतीश कुमार को जदयू और भाजपा संयुक्त विधायक दल का नेता चुन लिया गया.
नीतीश कुमार देर रात ही नयी सरकार बनाने का दावा पेश किया. राज्यपाल ने उन्हें नयी सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है. सुबह 10 बजे नीतीश कुमार छठी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. उनके साथ भाजपा के 14 मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक सुशील कुमार मोदी को उपमुख्यमंत्री का पद दोबारा मिल सकता है.
मोदी ने कहा कि अब नीतीश कुमार हमारे नेता हैं. शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे. देर रात 1.30 बजे तेजस्वी अपने विधायकों के साथ राजभवन मार्च के लिए निकले.
राज्यपाल को बुधवार की शाम कोलकाता लौटना था. लेकिन, उन्हें दो दिन पटना में ही ठहरने का अनुरोध किया गया. शाम 6:40 बजे जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना इस्तीफा उन्हें सौंपा, तो राज्यपाल ने उसे स्वीकर कर लिया और केयर टेकर मुख्यमंत्री के रूप में काम करने को कहा. इसके थोड़ी देर बाद ही भाजपा विधायक दल की बैठक हुई. भाजपा ने बिना शर्त नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनने वाली सरकार को समर्थन देने की घोषणा की है.
महागठबंधन टूटा, नीतीश…
देर रात करीब नौ बजे भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय के साथ मुख्यमंत्री आवास पहुंचे और उन्होंने अपना समर्थन देने का भरोसा दिलाया. उनके साथ भाजपा के कुछ विधायक भी थे. इसके बाद नीतीश कुमार ने भाजपा नेताओं के साथ राजभवन पहुंचे और सरकार बनाने का दावा पेश िकया. 243 सदस्यीय विधानसभा में जदयू के 71 और एनडीए के 56 विधायकों के साथ नयी सरकार बहुमत के आंकड़ा 122 को पार कर जायेगी.
इसके पहले बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में 20 महीने पूर्व बनी महागठबंधन की सरकार बुधवार को अपने उम्र से पहले ही गिर गयी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दुखी मन से राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को अपना इस्तीफा सौंप दिया. शाम साढ़े पांच बजे जदयू विधायक दल की हुई बैठक में उन्होंने विधायकों से कहा कि महागठबंधन की सरकार चलाना उनके वश में नहीं है.विधायक दल की बैठक को बीच में ही छोड़ करीब 6:30 बजे वह राजभवन गये. राजभवन में उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया. मुख्यमंत्री ने नयी सरकार के गठन को लेकर संकेत दिया था कि बिहार के हित में जो कोई बातें सामने आयेंगी, तो वह उन पर विचार करेंगे. उन्होंने कहा कि आगे क्या होगा, कब होगा, कैसे होगा, यह आगे पर छोड़ दीजिए. फिलहाल आज का चैप्टर खत्म. इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस्तीफा देने के लिए बधाई दी है.
स्पीकर बने रहेंगे विजय चौधरी, सुशील मोदी होंगे उपमुख्यमंत्री
नयी सरकार में विजय कुमार चौधरी विधानसभा अध्यक्ष बने रहेंगे. सुशील कुमार मोदी की हैसियत उपमुख्यमंत्री की होगी. भाजपा कोटे से जिन लोगों को मंत्री बनाये जाने की चर्चा है, उनमें नंदकिशोर यादव, अरुण सिन्हा, मंगल पांडेय, अनिल सिंह व लोजपा कोटे से राजू तिवारी के नाम हैं.
दिन भररहीगहमागहमी
12:00 बजेदोपहर में राजद विधायक दल की बैठक शुरू
5:30 बजेसीएम आवास पर जदयू विधायक दल की बैठक
6:30 बजे
नीतीश कुमार अकेले राजभवन पहुंचे
6:40 बजेनीतीश ने कार्यकारी राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा
6:45 बजे सीएम राजभवन से बाहर आये व पत्रकारों को संबोधित किया
12:00 बजे रात में नीतीश एनडीए नेताओं के साथ राजभवन पहुंचे, दावा पेश िकया
आवश्यकता की पूिर्त हो सकती है, पर लालच की नहीं
राज्यपाल को इस्तीफा सौंपकर राजभवन से बाहर निकलने के बाद नीतीश कुमार ने वहां मौजूद पत्रकारों से कहा कि जो माहौल बना है, उनमें मेरे लिए यह सरकार चला पाना संभव नहीं दिख रहा था. मैंने 20 महीने तक महगठबंधन की सरकार को चलाने की पूरी कोशिश की. जो चीजें मेरे सामने आयी थीं, उसमें सरकार का नेतृत्व कर पाना संभव नहीं था. राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि उनके परिवार पर जो कार्रवाई हुई, वह अपने आप लाया गया संकट है. उन पर जो भी आरोप लगे हुए हैं, उनका जवाब मैं नहीं दे सकता था. उन्होंने कहा कि नोटबंदी का हमने समर्थन किया, तो मेरे ऊपर कई तरह के आरोप लगाये गये. लेकिन, मैंने उस समय बेनामी संपत्ति पर भी वार करने की हमने बात कही थी. इससे हम पीछे कैसे जा सकते थे? हम बार-बार कहते रहे हैं कि मनुष्य की आवश्यकता की पूर्ति हो सकी है, लेकिन लालच की नहीं. कफन में जेब नहीं होती. फिर हम इससे कैसे मुकर सकते थे? उन्होंने कहा कि हम विपक्षी एकता के पक्षधर रहे हैं. लेकिन, यह किस प्रकार होगा, इसका एजेंडा तय होना चाहिए था.
नीतीश जी को बहुत-बहुत बधाई
भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में जुड़ने के लिए नीतीश कुमार जी को बहुत-बहुत बधाई. सवा सौ करोड़ नागरिक ईमानदारी का स्वागत और समर्थन कर रहे हैं. देश के, विशेष रूप से बिहार के उज्ज्वल भविष्य के लिए राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठ कर भ्रष्टाचार के खिलाफ एक होकर लड़ना, आज देश और समय की मांग है.
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री, नीतीश के इस्तीफे के आधा घंटा बाद ट्वीट
दावा पेश करने को तेजस्वी ने राज्यपाल से मांगा समय
पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बुधवार की देर रात राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद राजद विधायक दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने भी सरकार बनाने का दावा किया है. उन्होंने ट्वीट लिखा कि राजद सबसे बड़ा दल है. इसलिए सबसे पहले सरकार बनाने का अवसर हमें मिलना चाहिए. इसके लिए हमने राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से समय मांगा है. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी के खिलाफ
दावा पेश करने को…
चुन कर आये जदयू विधायकों का भी हमें समर्थन मिलेगा. इसके पहले रांची जाने के दौरान रास्ते में लालू प्रसाद ने भी कहा कि राजद लार्जेस्ट पार्टी. हमको सरकार बनाने का पहला मौका मिले. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार सिर्फ ढोंग कर रहे हैं, वह सत्ता के बिना नहीं रह सकते. इतिहास नीतीश कुमार को माफ नहीं करेगा. नीतीश का कदम धोखा है, हम धोखा नहीं देते.
ये (नीतीश कुमार) रणछोड़ निकले. प्रणाम करके बेवकूफ समझते हैं. निर्वतमान उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव अब विरोधी दल के नेता होंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा इस्तीफा देने के बाद राज्य महागंठबंधन सरकार सत्ता से बाहर हो गयी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर से एनडीए में चले जाने के बाद विधान सभा में राजद विधायक दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव विरोधी दल के नेता होंगे. विधानसभा में राजद के सबसे अधिक 80 विधायक हैं. शपथग्रहण समारोह के बाद विधानसभा के पहले सत्र का नजारा बदला होगा. 20 माह तक महागठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में तेजस्वी प्रसाद यादव की विधानसभा में सीट मुख्यमंत्री की बगल की होती थी. सत्ता से बाहर होने के बाद अब वह विरोधी दल के नेता के रूप में काम करेंगे.
-माॅनसून सत्र स्थगित
पटना. 28 जुलाई से आरंभ होने वाला बिहार विधानसभा का माॅनसून सत्र स्थगित हो गया है. इस सत्र के दौरान कई विधायी व वित्तीय कार्य होने थे. लेकिन, सीएम नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद अब सत्र का कोई मतलब नहीं रह जाता है. विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने पुष्टि की है.
तहेदिल से धन्यवाद
हमने जो निर्णय लिया उस पर माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्वीट के द्वारा दी गयी प्रतिक्रिया के लिए उन्हें तहेदिल से धन्यवाद़
नीतीश कुमार