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पटना जू में शेरनी की संदेहास्पद स्थिति में मौत

जू प्रशासन ने कहा, सोमवार रात तक स्वस्थ थी सरस्वती मंगलवार सुबह मिली मृत पटना : पटना जू में सोमवार की देर रात सरस्वती नामक शेरनी की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गयी. शेरनी की उम्र लगभग नौ साल थी. मंगलवार सुबह आठ बजे सबको इसकी जानकारी मिली. वेटनरी कॉलेज के डाॅक्टरों के अनुसार हार्ट […]

जू प्रशासन ने कहा, सोमवार रात तक स्वस्थ थी सरस्वती मंगलवार सुबह मिली मृत
पटना : पटना जू में सोमवार की देर रात सरस्वती नामक शेरनी की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गयी. शेरनी की उम्र लगभग नौ साल थी. मंगलवार सुबह आठ बजे सबको इसकी जानकारी मिली. वेटनरी कॉलेज के डाॅक्टरों के अनुसार हार्ट अटैक होने से शेरनी की मौत हुई है.
जू प्रशासन के अनुसार सरस्वती पूरी तरह स्वस्थ थी. सोमवार को सामान्य रूप से उसकी दिनचर्या रही. खाना खायी और टहलने के बाद अपने केज में ही सो गयी. मंगलवार की सुबह में केयर टेकर द्वारा यह जानकारी मिली कि वह निढाल पड़ी है.
इसके बाद वेटनरी कॉलेज के दस डाक्टरों की एक टीम ने जू के अस्पताल के पास पोस्टमार्टम किया. पोस्टमार्टम के बाद वहीं पर शेरनी का दाह संस्कार कर दिया गया.
डॉक्टरों ने कहा, हार्ट अटैक से हुई मौत : पोस्टमार्टम के बाद वेटनरी कॉलेज के वरिष्ठ डाॅक्टर एए खान ने बताया कि शेरनी की मौत रात में 12 से 1 बजे के दौरान हुई है. हार्ट अटैक के कारण हृदय, फेफड़ा और लीवर को नुकसान पहुंचा है. अब सैंपल का कल्चर करने के बाद कारणों के बारे में और विस्तृत जानकारी मिलेगी.
पांच सालों में सात शावकों और एक शेरनी की मौत
चिड़ियाघर में 2012 से अब तक बाघ के कुल सात शावक और एक शेरनी की मौत हो चुकी है. इससे पटना जू प्रशासन पर बाघ और शेर के रखरखाव को लेकर सवाल खड़ा हो गया है. सबसे पहले 2012 में स्वर्णा बाघिन के तीन शावक नहीं बच पाये थे. इसके बाद 2014 में चार शावकों को वह जन्म दी थी, जिसमें एक की मौत हो गयी थी. वहीं 13 मार्च, 17 को दो शावक की मौत हुई. 20 जुलाई को तीसरे शावक की मौत हुई और सोमवार की देर रात सरस्वती नामक शेरनी की मौत हो गयी.
सरस्वती नामक शेरनी की मौत अचानक हुई है. सोमवार की रात में मैंने स्वयं निरीक्षण किया था, तो शेरनी की स्थिति काफी अच्छी थी. केज में किसी आदमी को छोड़ा नहीं जा सकता, इस कारण कोई व्यक्ति वहां नहीं था. सुबह में शेरनी निढाल पड़ी पायी गयी. डाॅक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम के बाद बताया कि मौत का कारण हर्ट अटैक है. इसके बाद जू प्रशासन द्वारा दाह संस्कार कर दिया गया.
नंदकिशोर, निदेशक, संजय गांधी जैविक उद्यान
सरस्वती के जाने से अकेला पड़ा विशाल
पटना. 2011 में एनिमल एक्सचेंज के तहत हैदराबाद जू से सरस्वती पटना जू लायी गयी थी. उस समय उसकी उम्र केवल तीन वर्ष थी. तिरूपति जू से लाये गये अपने से कम उम्र के शेर विशाल के साथ उसने अपनी दुनिया बसायी.
सम्राट और शेरू जैसे स्वस्थ शावकों को जन्म दिया, जो आज पटना जू की शान है. लेकिन कौन जानता था कि शेरनी महज नौ वर्ष की अवस्था में दम तोड़ देगी. उसके जाने से विशाल अब बिल्कुल अकेला रह गया है, क्योंकि बच्चे बड़े होने के कारण पहले से ही अलग-अलग इनक्लोजर में रह रहे हैं.
चिड़ियाघरों में 20 वर्ष तक जीते हैं शेर : जंगलों में शेर की औसत आयु 10 से 14 वर्ष के बीच होती है, जबकि जू में आयु 15 से 20 वर्ष होती है. ऐसे में महज नौ वर्ष की आयु में सरस्वती की मौत अस्वाभाविक और अल्पायु मौत ही मानी जायेगी.

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