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प्रेमिका ने किया केस, तो फायदा उठाने पहुंचा संजय, बेची जमीन ले ली वापस
व्यवसायी निखिल प्रियदर्शी से जुड़ा मामला पटना : व्यवसायी निखिल प्रियदर्शी और सीमा (परिवर्तित नाम) का मामला, शहर का एक बेहद ही चर्चित और हाइ-प्रोफाइल प्रेम प्रसंग सह सेक्स रैकेट के रूप में पिछले कई महीनों से छाया रहा है. इस मामले में निखिल प्रियदर्शी की गिरफ्तारी भी हुई, पर अब इसके पीछे जो कहानी […]
व्यवसायी निखिल प्रियदर्शी से जुड़ा मामला
पटना : व्यवसायी निखिल प्रियदर्शी और सीमा (परिवर्तित नाम) का मामला, शहर का एक बेहद ही चर्चित और हाइ-प्रोफाइल प्रेम प्रसंग सह सेक्स रैकेट के रूप में पिछले कई महीनों से छाया रहा है. इस मामले में निखिल प्रियदर्शी की गिरफ्तारी भी हुई, पर अब इसके पीछे जो कहानी सामने आ रही है, वह काफी दिलचस्प है.
यह मामला पहले महिला थाने, फिर एससी-एसटी थाने पहुंचा. इसके बाद इतना हंगामा मचा कि इसका फायदा उठाने के लिये हेलीयस ग्रुप का फरार एमडी संजय सिंह और दो-तीन अन्य जमीन माफिया बीच में कूद गये. इन्होंने इस प्रकरण को सेक्स रैकेट के रूप में इतना तूल दे दिया कि इस हंगामे की आड़ में 25 कट्ठे जमीन और पौने चार करोड़ रुपये से जुड़ी वह सच्चाई छिप गयी, जिसे शातिराना तरीके से ठगने में ये लोग कामयाब हो गये.
संजय ने निखिल को करीब चार साल पहले बेची हुई जमीन वापस हथिया ली. इस मामले को लेकर निखिल ने 29 अप्रैल, 2017 को जेल से बंदी आवेदन पत्र के माध्यम से पटना जिले के रूपसपुर थाने में प्राथमिकी भी दर्ज करवायी है. एफआइआर पर आज तक कार्रवाई तक शुरू नहीं हुई. उलटे एसएसपी ने रूपसपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी को लाइन हाजिर तक कर दिया.
इस तरह रची पूरी साजिश : निखिल प्रियदर्शी के खिलाफ जब सीमा (परिवर्तित नाम) ने दिसंबर, 2016 में मामला दर्ज कराया, तो संजय सिंह, सुहैल खान और चांद मोहम्मद ने मिल कर अलग तरीके से फायदा उठाने की साजिश रची. हाइकोर्ट में जब मामले की सुनवाई शुरू हुई, तो पूरी हकीकत सामने आने लगी.
इन तीनों के बहकावे में आकर सीमा ने तीन-चार बार अपना बयान भी बदला. निखिल पर लड़की की तरफ से मामला दर्ज होने के बाद सबसे पहले सोहैल खान ने 13 जनवरी, 2017 को दानापुर थाने में उसके खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज करवाया. सोहैल खान ने अपने को हेलियस कंपनी में कार्यकारी अधिकारी बताया है.
उसके अनुसार, निखिल के साथ वर्ष 2012 में सगुना मोड़ के पास 25 कट्ठे जमीन खरीदने की जो डील हुई थी, वह 2015 में रद्द हो गयी थी. निखिल ने एग्रीमेंट करवाने के बाद पैसे की कमी का हवाला देते हुए जमीन नहीं ली. फिर भी निखिल और मनीष ने मिल कर इस जमीन पर जबरन कब्जा कर रखा है, जो अभी भी उसके कब्जे में हैं. जहां तक पैसा लौटाने की बात है, तो इसके बदले 1200 सागवान के पेड़ दिये गये हैं.
भगोड़े ने लड़की का चाचा बन दिया बयान
आश्चर्य की बात है कि हेलियस चिट फंड और जमीन घोटाले मामले में इस कंपनी का एमडी संजय कुमार सिंह लंबे समय से फरार चल रहा है.
पुलिस इसे पकड़ नहीं पा रही है. परंतु जैसे ही निखिल के खिलाफ सीमा एफआइआर करती है, वैसे ही इस मामले में अचानक संजय सिहं सामने आता है और सीमा के पक्ष में पुलिस के सामने धारा 161 के अंतर्गत बयान भी दर्ज करवाता है. इसमें उसने बकायदा यह कहा है कि वह सीमा का चाचा है और कानून का साथ देने के लिये वह इस संकट की घड़ी में भतीजी का ढांढ़स बंधवाने आया है.
मजे की बात यह है कि वह बयान दर्ज करवा कर लौट जाता है और न तो पुलिस इस भगोड़े को गिरफ्तार करती है और न ही इसके खिलाफ कोई कार्रवाई होती है. बाद में इस मामले में संजय सिंह की गिरफ्तारी भी होती है, तो दो दिनों में वह रिहा तक हो जाता है. पुलिस उसकी फरारी और हेलियस से जुड़ी घपलेबाजी के मामले में जांच तक करना मुनासिब नहीं समझती है. उसके पिछले सभी केस फाइलों में ही बंद रह जाते हैं. वर्तमान में वह फिर से फरार चल रहा है.
यह है पूरी हकीकत
इस मामले में हकीकत यह है कि हेलियस वाले संजय सिंह के नाम पर यहां 45 कट्ठे का एक प्लॉट है और निखिल के साथ वर्ष 2012 में पहली डील में 25 कट्ठे जमीन बेचने की ही बात तय हुई थी. निखिल ने इसके लिये तीन करोड़ 75 लाख रुपये भी संजय को पेमेंट किया था.
यह पेमेंट संजय और उसके लोगों ने निखिल को फंसता देख बेची हुई इस जमीन को फिर से वापस लेने और पौने चार करोड़ हड़पने के लिए पूरी साजिश रच डाली, जिसमें प्रेमिका सीमा का जम कर इस्तेमाल किया. पैसे के बदले जिन पेड़ों को देने की बात कही गयी, उन पेड़ों का कहीं अता-पता नहीं है. ये कहां हैं, कोई नहीं जानता.
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