नगर आयुक्त अभिषेक सिंह से लेकर नगर विकास व आवास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद तक सड़क पर उतर आये हैं, लेकिन अब शहर के नाले ही पानी नहीं खींच रहे हैं. शहर के मुख्य इलाके गांधी मैदान, एसएसपी कार्यालय, छज्जुबाग, एग्जिविशन रोड, डाकबंगला चौराहा, स्टेशन गोलंबर, अार ब्लॉक से लेकर जीपीओ, चिरैयाटांड़ पुल के नीचे पानी लगा है.
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फिर लौट आयी परेशानी: दो दिनों की कल-कल, शहर में चारों ओर जल-ही-जल
जलजमाव से लड़ने की दो माह से चल रही नगर निगम की तैयारी की पोल बारिश ने खोल दी है. दो दिन की ही बारिश में शहर तालाब बन गया है. कहीं घुटने तो कहीं कमर भर पानी भरा हुआ है. कई इलाकों में तो घरों में पानी घुस गया है. पटना : नाला उड़ाही […]
जलजमाव से लड़ने की दो माह से चल रही नगर निगम की तैयारी की पोल बारिश ने खोल दी है. दो दिन की ही बारिश में शहर तालाब बन गया है. कहीं घुटने तो कहीं कमर भर पानी भरा हुआ है. कई इलाकों में तो घरों में पानी घुस गया है.
पटना : नाला उड़ाही को लेकर नगर निगम की लंबी प्लानिंग, दो माह से बैठकों का दौर और करोड़ों रुपये खर्च. लेकिन, इन सारे तामझाम को मॉनसून की बारिश ने दो दिनों में ही धो दिया. रविवार से लगातार दो दिनों की बारिश में ही पूरी राजधानी जलमग्न हो गयी है. कहीं एक फुट, कहीं घुटने भर तो कहीं कमर भर तक पानी लग गया है. सबसे आश्चर्य की बात है कि शहर के वो इलाके जहां जलजमाव की संभावना कम थी, वहां भी पानी लगा है. निगम की सारी व्यवस्था बौनी साबित हो रही है.
चारों तरफ जलजमाव
गर्दनीबाग से लेकर सरिस्ताबाद में भारी जलजमाव है. गर्दनीबाग के लगभग सभी सड़कों पर पानी लगा है. रविवार की शाम जहां इन इलाकों से तेजी से पानी निकल रहा था, वहीं सोमवार की बारिश ने एक बार फिर से स्थिति खराब कर दी है. जलजमाव के लिए कुख्यात जनता रोड में फिर एक बार पानी लगा है. छज्जुबाग और गांधी मैदान के चारों तरफ घुटना तक पानी जमा है. बारिश के बाद जीपीओ से लेकर आर ब्लॉक की स्थिति काफी खराब हो गयी. यह स्थिति सोमवार को भी नहीं सुधरी. नाला टूट जाने के कारण फ्लाइओवर के नीचे दो फुट तक पानी लग गया. राजेंद्र नगर, मैकडोनाल्ड गोलंबर व लंगर टोली की स्थिति नारकीय बन गयी है. इस इलाकों में घुटने तक पानी लगा रहा. रविवार की देर शाम नगर निगम की ओर से दावा किया जा रहा था कि मैकडोनाल्ड गोलंबर व लंगर टोली से पानी निकाल दिया गया है, मगर सोमवार को सारे दावे गलत साबित हुए.
प्लेटफॉर्म पर मुश्किलें
मॉनसून की बारिश शुरू हो गयी, लेकिन जंकशन के प्लेटफॉर्म पर बदले जा रहे शेड का काम पूरा नहीं किया गया है. स्थिति यह है कि प्लेटफॉर्म संख्या एक हो या फिर चार-पांच और आठ-नौ. इन प्लेटफॉर्म पर बारिश के दौरान यात्रियों को खड़ा होना भी मुश्किल हो गया है. सोमवार की दोपहर दो बजे झमाझम बारिश शुरू हुई, तो यात्रियों को ट्रेन पकड़ना भी मुश्किल हो गया था. प्लेटफॉर्म नंबर एक पर 90 प्रतिशत हिस्से का शेड बदल दिया गया है, लेकिन आधा-अधूरा बदला गया है.
जेपी सेतु के किनारों पर बिछाया गया मैट
जेपी सेतु के पहुंच पथ के किनारे के खुले हिस्सों पर सोमवार को बारिश खत्म होने के बाद मैट डाला गया. 200 मीटर मैट (50 मीटर के चार रॉल) के इस्तेमाल के द्वारा पहुंच पथ के उन हिस्सों को आवरण देने का प्रयास किया गया, जहां नयी केवाल मिट्टी पानी के साथ तेजी से बह रही थी. प्रभात खबर ने सोमवार को प्रमुखता से इसकी तसवीर प्रकाशित की थी और लंबे समय तक ऐसा होने पर पहुंच पथ को होनेवाले नुकसानों से भी आगाह किया था. उससे बचने के लिए सोमवार को मिट्टी को मैट से ढंकने की यह कवायद दिखी.
परेशानियों का पहाड़
एयर ट्रैफिक : आठ फ्लाइटें डायवर्ट, एक कैंसिल
सोमवार को दिन में हुए झमाझम बारिश के कारण विजिबिलिटी घट कर 800 मीटर के नीचे तक पहुंच गयी. नतीजतन पटना एयरपोर्ट पर दोपहर एक बजे से चार बजे तक तीन घंटे विमानों का परिचालन बंद रहा. इसके कारण आठ फ्लाइट को पटना एयरपोर्ट की बजाय रांची, लखनऊ और वाराणसी डायवर्ट किया गया. चार बजे के बाद मौसम ठीक होने पर इनमें से सात फ्लाइट पटना एयरपोर्ट पर वापस पहुंच गये लेकिन मुबंई से पटना होते हुए रांची जाने वाला फ्लाइट रांची डायवर्ट होने के बाद वापस नहीं पहुंचा. उसे रद्द कर मुंबई भेज दिया गया. इस दौरान पटना के लिए उड़ने वाले कई विमानों ने अपनी उड़ान स्थगित कर दी और मौसम ठीक होने की सूचना मिलने के बाद उड़े. इन सब के कारण 12 फ्लाइट पटना एयरपोर्ट पर देर से पहुंचे और यात्रियों को घंटो इंतजार करना पड़ा.
रोड ट्रैफिक : धीरे-धीरे रेंगते रहे वाहन
स्टेशन गोलंबर, इनकम टैक्स गोलंबर, कारगिल चौक, होटल मौर्या के सामने स्थित गोलंबर समेत राजधानी के कई प्रमुख गोलंबरों और चौक चौराहों पर सोमवार को तेज बारिश होने के बाद भारी जलजमाव हो गया. इसके कारण ट्रैफिक का परिचालन मुश्किल हो गया और आने जाने वाले वाहन धीरे धीरे रेंगती रहें. जलजमाव वाले ज्यादातर गोलंबरों की लाइट सिग्नल पूरी तरह बंद रही और पोस्ट पर तैनात ट्रैफिक पुलिस के कर्मी मैनुअली वाहनों को निकालते रहे. इसके कारण दफ्तर जाते समय और दफ्तर से घर आते समय लोगों को सबसे अधिक परेशानी हुई. कई लोगों ने 20-30 मिनट की दूरी घंटे- डेढ़ घंटे में पूरा करने की शिकायत की. एएन कॉलेज पानी टंकी मोड़ और आशियाना मोड़ जैसे कुछ ऐसे भी ट्रैफिक सिग्नल थे, जहां देर तक येलो लाइट या ग्रीन लाइट की जगह लगातार रेड लाइट ही जलती नजर आयी.
बिजली : बारिश में चरमरायी आपूर्ति व्यवस्था
रविवार को दोपहर से ही राजधानी में बारिश शुरू है और सोमवार को भी दिन भर रुक-रुक कर बारिश होती रही. इस दौरान कहीं जंफर कट रहा है, तो कहीं फ्यूज उड़ जा रहा है. इससे राजधानी के कई इलाकों में दिन भर बिजली आपूर्ति व्यवस्था चरमरायी रही. इसके साथ ही कई इलाकों में ट्रिपिंग की समस्या गहरा गयी. सोमवार की सुबह बहादुरपुर, बाजार समिति, संदलपुर, कांटी फैक्टरी रोड, महात्मा गांधी नगर, अशोक नगर, हनुमान नगर, सिपारा, जय प्रकाश नगर, रामकृष्णा नगर, करबिगहिया, पोस्टल पार्क आदि इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप हो गयी. हालांकि, कांटी फैक्टरी रोड और आसपास के इलाकों में 10 बजे के बाद बिजली आपूर्ति सामान्य हुई, लेकिन शेष इलाकों में आठ बजे तक ट्रिपिंग की समस्या रही. वहीं, बेऊर व महावीर कॉलोनी के इलाके में सुबह से लेकर शाम तक ट्रिपिंग की समस्या बनी थी. स्थिति यह थी कि आधे-आधे घंटे पर ही बिजली गुल हो रही थी.
पीएमसीएच : इमरजेंसी में भी जलजमाव
पीएमसीएच के इमरजेंसी में जलजमाव हो गया है. यह जलजमाव भारी बारिश की वजह से हुआ है इसके साथ ही डॉक्टर चैंबर के बाथरूम में तोड़फोड़ भी इसकी एक वजह है. इसके कारण इमरजेंसी के साथ ही ऑपरेशन थियेटर भी प्रभावित हो गया है. रूम नंबर 104, रूम नंबर 105, ऑपरेशन थियेटर नंबर 120 और कंट्राेल रूम में पानी जमा हो गया है. इसके कारण जेनरल सर्जरी और आर्थो सर्जरी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. कई मरीजों के इलाज होने में दिक्कतें आयी है. ओटी में कई मरीजों को बेड नहीं मिलने के कारण जमीन पर रख दिया गया और इसके कारण वे भी प्रभावित हुए. वहां पर जल जमाव होने के कारण मरीजों को इंस्पेक्शन का खतरा है. कंट्रोल रूम में पानी जमा होने के कारण डाक्टरों और कर्मचारियों को भी परेशानी हुई. कंट्रोल रूम के डाक्टरों ने बताया कि जलजमाव होने की वजह से परेशानी हो रही है, मरीजों को भी थोड़े समय परेशानी हुई लेकिन कुछ घंटो बाद पानी निकल गया.
हाल एनएमसीएच का : मेडिसिन वार्ड व आईसीयू में घुसा बारिश का पानी
एनएमसीएच : मरीजों की बढ़ी परेशानी
महज दो दिनों की मूसलधार बारिश ने नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के औषधि विभाग (मेडिसिन) में भरती मरीजों की परेशानी बढ़ा दी है. लगातार हो रही बारिश के बाद विभाग के वार्ड व आईसीयू में पानी प्रवेश कर गया है. इतना ही नहीं अस्पताल में अधीक्षक कक्ष व उपाधीक्षक कक्ष के साथ लेखा विभाग व स्थापना विभाग दवा काउंटर, इमरजेंसी गेट के बाहर समेत अस्पताल के अधिकांश जगहों पर पानी भर गया. हालांकि पानी निकासी के लिए संप हाउस से काम चल रहा है, लेकिन इसके बाद भी पानी जमा होने से मरीजों की परेशानी बढ़ गयी है. मरीजों व कर्मियों का कहना है कि वार्ड में बरसात के पानी के साथ बाथरूम का पानी भी आ रहा है. नतीजतन बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है. कर्मियों ने भी बताया कि पानी के कारण काम करने में परेशानी हो रही है. दवाओं को बचाने में परेशानी हो रही है. इधर, विभाग के आठ बेड के आइसीयू में पानी आने से मशीनों के बचाने की कोशिश परिचारिकाओं द्वारा किया जा रही थी. जबकि कार्यालय के अलमारी में रखे कागजात भीग गये हैं.
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