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धर्म-अध्यात्म. पहली सोमवारी के साथ सावन का पवित्र महीना शुरू, शिवमय होगी राजधानी पटना : पहली सोमवारी के साथ सावन का पवित्र महीना आज से शुरू होजायेगा. इसको लेकर राजधानी सहित पटना जिले के शिव मंदिरों की रौनक बढ़ गयी है. मंदिरों की आकर्षक सजावट की जा रही है. मंदिरों में उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की […]

धर्म-अध्यात्म. पहली सोमवारी के साथ सावन का पवित्र महीना शुरू, शिवमय होगी राजधानी
पटना : पहली सोमवारी के साथ सावन का पवित्र महीना आज से शुरू होजायेगा. इसको लेकर राजधानी सहित पटना जिले के शिव मंदिरों की रौनक बढ़ गयी है. मंदिरों की आकर्षक सजावट की जा रही है. मंदिरों में उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा व भीड़ नियंत्रण के इंतजाम भी किये गये हैं. पटना जंकशन के समीप स्थित महावीर मंदिर, खाजपुरा शिव मंदिर, कंकड़बाग पंच शिव मंदिर व जलेश्वर मंदिर से लेकर खुशरूपुर के बैकटपुर, बिहटा के बिहटेश्वर नाथ आदि शिव मंदिरों में सोमवारी को लेकर विशेष व्यवस्था की गयी है. भगवान शिव को प्रसन्न के लिए श्रद्धालु व्रत रख कर बेलपत्र, दूध, दही, चावल, पुष्प, गंगाजल आदि से पूजा-अर्चना करेंगे.
पांच सोमवारी के साथ खास होगा सावन : इस बार का सावन कई मायनों में खास है. सालों बाद ऐसा संयोग बन रहा है, जब सावन सोमवार से शुरू होकर सोमवार को ही खत्म होगा. इस बार पांच सोमवार पड़ेंगे. इसे विशेष संयोग माना जा रहा है. सावन के पहले दिन शिवजी की आराधना से शुरुआत होगी, वहीं आखिरी सोमवार को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जायेगा. पं आचार्य श्रीपति त्रिपाठी के अनुसार सर्वार्थ सिद्धि योग से 10 जुलाई को सावन का शुभारंभ होगा. वहीं, इसका समापन सात अगस्त को भी सोमवार को सर्वार्थ सिद्धि योग और चंद्र ग्रहण के साथ होगा. इस बीच 24 जुलाई को पुष्य नक्षत्र होगा.
सावन में बेलपत्र का खास महत्व : ये तीन दल के होते हैं. वेदों में दैहिक, दैविक व भौतिक तीनों रूपों में पापों को दूर करने के अस्त्र समान माना गया है. बेलपत्र के जड़ में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु व अग्रभाग में महादेव का वास होता है. इन तीनों देवताओं के वास से बेलपत्र अति मनोरथ सिद्ध है. साथ ही मां पार्वती व शिव का प्रिय भी है. पार्वती ने 64 वर्षों तक शंकर जी को पाने के लिये तपस्या की थी. उस समय मां पार्वती बेलपत्र का आहार करती थी.
रक्षाबंधन पर चंद्रग्रहण का साया : सावन पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन के दिन चंद्रग्रहण का साया होने और साथ ही भद्रा होने से रक्षा सूत्र बांधने के लिए मुहूर्तों का टोटा होगा. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस दिन चंद्रग्रहण का दुर्लभ योग भी बन रहा है और यह लंबे समय के बाद आ रहा है. सुबह 11.07 बजे तक भद्रा रहेगी. रात्रि 10.52 से चंद्र ग्रहण दिखना शुरू होगा. जो कि रात 12.22 बजे तक रहेगा. रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बज कर 07 मिनट से दोपहर 1 बज कर 50 मिनट तक रहेगा.
पटना. सावन की पहली सोमवारी को लेकर सभी मंदिरों में जोर-शोर से तैयारी की जा रही है. लगभग मंदिरों की सजावट कर ली गयी है. श्रद्धालुअों के लिए अलग से पुजारियों की भी व्यवस्था की जा रही है.
बोरिंग रोड शिवमंदिर : बोरिंग केनाल रोड स्थित शिवमंदिर से गांव के लोगों की आस्था जुड़ी है. मंदिर की स्थापना वर्ष 1950 में की गयी थी. खेतों के बीच स्थित छोटे से शिव मंदिर में गांव के किसान पूजा करने पहुंचते थे. पुजारी पं मधुसूदन त्रिवेदी ने बताया कि इस मंदिर में नाग देवता की विशेष रूप से पूजा होती है. मंदिर परिसर में बने बड़े से नाग देवता खास हैं.
महावीर मंदिर : पटना जंकशन के पास स्थित महावीर मंदिर का इतिहास कई वर्ष पुराना है. माना जाता है कि बालानंद के समय ही मंदिर की स्थापना की गयी थी. हालांकि, मंदिर का नवनिर्माण 1984 में हुआ. मंदिर में प्रतिवर्ष दस हजार से अधिक श्रद्धालु जल चढ़ाने पहुंचते हैं. अलग से रुद्राभिषेक की भी व्यवस्था है.
खाजपुरा शिव मंदिर: बेली रोड स्थित खाजपुरा शिवमंदिर 50 वर्ष से अधिक पुराना है. मंदिर की स्थापना आज से 29 वर्ष पहले वर्ष 1988 में की गयी है. मंदिर काफी पुराना होने के कारण इसका निर्माण कार्य किया जाता रहा. 1998 में मंदिर में नवीनीकरण का कार्य किया गया. मंदिर के उपाध्यक्ष धनंजय बताते हैं कि अलग से कुल 12 पुजारी बुलाये गये हैं.
जलेश्वर महादेव मंदिर : कंकड़बाग स्थित जलेश्वर मंदिर बहुत पुराना है. पूर्व में पीपल वृक्ष के नीचे शिवलिंग हुआ करता था. 1970 में मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया. सावन में हजारों की संख्या में यहां लोग पूजा करने पहुुंचते हैं. मंदिर का अस्तित्व शिवलिंग के रूप में हुआ है.
बैकटपुर मंदिर : बैकटपुर स्थित गौरीशंकर मंदिर में सावन की प्रथम सोमवारी को लेकर विशेष व्यवस्था की गयी है. मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष विधान पार्षद प्रो रणवीर नंदन ने बताया कि जहां मंदिर में सीसीटीवी कैमरा की व्यवस्था की गयी है, वहीं भीड़ के मद्देनजर स्थानीय पुलिस के साथ-साथ जिला पुलिस बल मौजूद रहेंगे.
बाबा बिहटेश्वरनाथ : देश के चार प्रख्यात चतुर्मुखी शिवलिंग में से एक हैं बिहटा के बाबा बिटेश्वरनाथ. लोगों का मानना है कि यहां मात्र एक लोटा जलाभिषेक से मन की सारी मुरादें पूरी होती हैं. विशेष पूजा में दूर-दूर से लाखों भक्त यहां आते हैं.
वीर महादेव स्थान : धनरूआ प्रखंड मुख्यालय से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है वीर महादेव स्थान. बुढ़वा महादेव के नाम से भी इस मंदिर की प्रसिद्धि है.सावन में भक्तों की अपार भीड़ होती है यहां. इस मंदिर में जलाभिषेक करने का अपना एक अलग महत्व है.नीलकंठ महादेव मंदिर : मोकामा प्रखंड के शिवनार स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर शिवभक्तों की अटूट आस्था का केंद्र है.
पटना. श्रावणी मेला शुरू होते ही पटना जंकशन बोल बम के जयकारेे से गूंज उठा है. रविवार को जंकशन गेरूआ रंग में रंग गया. ज्यादातर भक्त कांवर लेकर सुलतानगंज जाने के लिए ट्रेन की प्रतीक्षा में नजर आये. हालांकि, देवघर जाने वाले भक्तों की संख्या सुलतानगंज की तुलना में कम दिखी. जंकशन पर सुल्तानगंज की तरफ की ट्रेनें आते ही कांवरियों से भर जाती थीं. रेल प्रशासन ने जसीडीह जानेवाले भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था की है. रेल अधिकारियों का तर्क है कि देवघर से आने वाले भक्त जसीडीह होते वापस लौटेंगे. विभिन्न हिस्सों से लोग पटना जंकशन पहुंच रहे हैं. प्लेटफॉर्म नंबर एक का दृश्य देखने लायक था. यहां युवाओं की संख्या ज्यादा थी.
इन ट्रेनों से जा सकते हैं सुलतानगंज : सुबह 5.20 बजे साहेबगंज इंटरसिटी, 6.30 बजे विक्रमशिला एक्सप्रेस, दोपहर 12.50 बजे दादर-भागलपुर एक्सप्रेस, एक बजे न्यू फरक्का एक्सप्रेस, 2.45 बजे ब्रह्मपुत्र मेल, शाम 4.00 बजे अपर इंडिया, 4.30 बजे भागलपुर इंटरसिटी, रात 9.45 बजे मालदह इंटरसिटी है. इन ट्रेनों से श्रद्धालु सुल्तानगंज जा सकते हैं.
कांवरियों की सुरक्षा के लिए थानों को निर्देश
पटना. पटना से देवघर जानेवाले श्रद्धालुओं के लिए जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के विशेष इंतजाम किये गये हैं. रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, महावीर मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए सादी वर्दी में पुलिस बल तैनात किये गये हैं.
डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने जिले के सभी थानों को निर्देश दिया है कि वह अपने क्षेत्र में गश्ती बढ़ा दें. रात में सड़कों व उन सभी जगहों पर नजर रखें, जहां पर श्रद्धालु विश्राम करते हैं. उन्होंने अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि प्राथमिक उपचार से संबंधित सभी दवाएं उपलब्ध रखें. जिलाधिकारी ने डॉक्टरों को निर्देश दिया है कि वह रोस्टर के मुताबिक ड्यूटी करें.

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