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नयी व्यवस्था : पुलिस मुख्यालय का ट्रेंड बदलने का आदेश, अब एसपी को बताना होगा, किस अपराध में पकड़े कितने अपराधी

पटना: राज्य में अपराध नियंत्रण और आपराधिक गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए मॉनीटरिंग की नयी व्यवस्था की गयी है. अब सभी जिलों के एसपी को अब अपराध से जुड़ा डिटेल रिकॉर्ड अपराधवार गिरफ्तारी के साथ भेजना होगा. पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में सभी एसपी को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने जिलों में […]

पटना: राज्य में अपराध नियंत्रण और आपराधिक गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए मॉनीटरिंग की नयी व्यवस्था की गयी है. अब सभी जिलों के एसपी को अब अपराध से जुड़ा डिटेल रिकॉर्ड अपराधवार गिरफ्तारी के साथ भेजना होगा. पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में सभी एसपी को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने जिलों में जो क्राइम मीटिंग करते हैं और इस दौरान अपराध की समीक्षा की जाती है. इसमें थोड़ा बदलाव लाने की जरूरत है. सभी अलग-अलग तरह के अपराधों का आंकड़ा अलग करके जुटाये.

मसलन चोरी, रेप, हत्या, अपहरण, छिनैती समेत अन्य सभी तरह के अपराधों में कितने अपराधी पकड़े गये और कितने फरार हैं. किस अपराध में कितने अपराधी पकड़े गये हैं, इसके आधार पर यह तय होगा कि क्राइम को नियंत्रित करने को लेकर जिले कितने संवेदनशील हैं. इसके आधार पर संबंधित जिलों और वहां तैनात एसपी का भी परफॉर्मेंस काउंट होगा. इस तरह से अपराधवार आंकड़ा एकत्र करने से यह स्पष्ट हो पायेगा कि कौन से अपराध की संख्या कितनी हुई और इनमें किस स्तर पर कार्रवाई की गयी है.

अपराधियों की गिरफ्तारी से स्पष्ट हो पायेगा कि अपराध के नियंत्रण को लेकर कौन कितना संवेदनशील है. मौजूदा समय में सभी तरह के अपराधों का आंकड़ा तो अलग-अलग आता था, लेकिन अपराधियों की गिरफ्तारी का आंकड़ा एक साथ ही आता है. परंतु अब यह स्पष्ट करना होगा कि किस तरह के अपराध में कितनी संख्या अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है.


पुलिस मुख्यालय के इस फरमान के बाद अब सभी एसपी अपनी-अपनी साप्ताहिक या मासिक क्राइम मीटिंग में सभी थानों से इसी तरह का आंकड़ा एकत्र करेंगे. इससे प्रत्येक थाना स्तर पर भी इस बात की समीक्षा हो पायेगी कि कौन से अपराध कितनी संख्या में हुई और इनमें कितनी संख्या में अपराधी पकड़े गये. अपराध नियंत्रण को लेकर कितनी सजगता और सतर्कता थाना स्तर पर बरती जा रही है.
सभी जिलों से अपराधवार अपराधियों की गिरफ्तारी का आंकड़ा भेजने के लिए कहा गया है. अब जल्द ही इस तरह के आंकड़े आने लगेंगे. इससे अपराध नियंत्रण की समीक्षा और इन्हें नियंत्रण करने में पुलिस मुख्यालय के स्तर पर ज्यादा आसानी होगी.
एसके सिंघल, एडीजी, मुख्यालय

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