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सूखाग्रस्त घोषित करने को मानक पूरा करना जरूरी

पटना : राज्य सरकार द्वारा अब किसी भी इलाके को सूखाग्रस्त घोषित करना आसान नहीं होगा. राज्य सरकार को इसके पहले केंद्र सरकार के मानकों को पूरा करना होगा. दिक्कत यह है कि सूखे को लेकर केंद्र सरकार द्वारा ऐसे मानक तैयार किये गये हैं जिस पर शायद ही कोई इलाका या प्रदेश सही ठहरता […]

पटना : राज्य सरकार द्वारा अब किसी भी इलाके को सूखाग्रस्त घोषित करना आसान नहीं होगा. राज्य सरकार को इसके पहले केंद्र सरकार के मानकों को पूरा करना होगा. दिक्कत यह है कि सूखे को लेकर केंद्र सरकार द्वारा ऐसे मानक तैयार किये गये हैं जिस पर शायद ही कोई इलाका या प्रदेश सही ठहरता हो.
सरकार के अधिकारी बताते हैं कि किसी राज्य को अब आसानी से सूखा राहत नहीं मिलनेवाला है. पर, मानकों के आधार पर दावा करने के बाद केंद्र सरकार राहत देने से बच भी नहीं सकती है. यह मानक पहले भी था, पर इसे एडवाइजरी के रूप में भेजा जाता था. इस साल यह मैनडेट्री है. अब तक राज्य सरकार द्वारा सूखा को लेकर जो रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाती थी, उस पर राहत नहीं मिलने पर दोनों सरकारों के बीच विवाद पैदा होता था. केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2016 में इस तरह के नये मानक तैयार किये गये थे.
ये तय किये गये हैं मानक : केंद्र के मानक में भारतीय मौसम विज्ञान की रिपोर्ट, मौसम पूर्वानुमान, फसलों का अच्छादित क्षेत्र, खड़ी फसलों का स्वास्थ्य, हरियाली का घनत्व सूचकांक, हैदराबाद स्थित रिमोट सेंसिंग की रिपोर्ट, नदियों की धरा और प्रवाह की स्थिति, भूमिगत जलस्तर, जलाशयों के जलस्तर, जल के अभाव में मवेशियों के पलायन की स्थिति, जल के अभाव में मानव के पलायन की स्थिति, चारा की उपलब्धता, पशुओं के स्वास्थ्य की स्थिति आदि मानक शामिल हैं.
खरीफ में 30 अक्तूबर और रबी में 31 मार्च तक करनी है सूखे की घोषणा : मानक के आधार पर राज्य सरकार को 30 अक्तूबर तक खरीफ फसलों के सूखे की घोषणा करेगी. जबकि, रबी फसलों के मामले में 31 मार्च तक सूखे की घोषणा करनी होगी. सूखा घोषित करने के बाद राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर केंद्र सरकार को भेजनी होगी. इसके बाद इंटर मीनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम (आइएमसीटी) द्वारा रिपोर्ट प्राप्त होने के एक सप्ताह के अंदर राज्य सरकार की रिपोर्ट के अनुसार सूखे प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर जांच करेगी. इसके बाद केंद्र सरकार द्वारा एक माह के अंदर सहायता को लेकर निर्णय लिया जायेगा.
जनविरोधी है केंद्र सरकार : मंत्री : आपदा प्रबंधन मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि केंद्र में बैठी सरकार ही जनविरोधी है. उसे सूखा और आपदा से कोई लेना-देना नहीं है. जितने भी चुनावी वादे हैं उसमें एक भी वादा पूरा नहीं किया गया. उल्टे वह हर दिन नया कानून और मानक तैयार कर रही है. किसान मरे, बेरोजगार भटके और गरीब भूख से तड़पे इससे केंद्र को कोई लेना-देना नहीं है.

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