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टॉपर बने नहीं, परेशानी पहले ही शुरू
पटना : अभी तक बिहार बोर्ड के मैट्रिक और इंटर के टॉपर को टॉपर बनने के बाद परेशानी आती थी. इस बार मैट्रिक के टॉपर का ताज किसके सिर होगा, यह तो पता नहीं, लेकिन टॉपर बनने के पहले ही टॉपर की परेशानी शुरू हो गयी है. बिहार बोर्ड ने उन तमाम मैट्रिक के परीक्षार्थियों […]
पटना : अभी तक बिहार बोर्ड के मैट्रिक और इंटर के टॉपर को टॉपर बनने के बाद परेशानी आती थी. इस बार मैट्रिक के टॉपर का ताज किसके सिर होगा, यह तो पता नहीं, लेकिन टॉपर बनने के पहले ही टॉपर की परेशानी शुरू हो गयी है. बिहार बोर्ड ने उन तमाम मैट्रिक के परीक्षार्थियों को समिति कार्यालय आने का अादेश दिया हैं, जो टॉपर की सूची में शामिल हैं.
ये छात्र तो पटना या बिहार में हैं नहीं, जो तुरंत समिति कार्यालय पहुंच कर फिजिकल वेरिफिकेशन में शामिल हो. मैट्रिक की परीक्षा देेने के बाद आगे की पढ़ाई अौर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिये छात्र कोटा, हैदराबाद, विशाखापट्टम और दिल्ली जा चुके हैं. अब जब बिहार बोर्ड ने उन्हें आने का आदेश दिया है, तो जैसे-तैसे टॉपर्स समिति कार्यालय पहुंच रहे हैं.
नाम नहीं छापने के शर्त पर एक अभिभावक ने बताया कि तत्काल टिकट नहीं मिला, तो प्लेन में 10 हजार का टिकट लेकर सोमवार को समिति कार्यालय पहुंचना पड़ा है. सूत्रों की मानें, तो टॉप 20 छात्र एक ही विद्यालय के हैं.
आठ एक्सपर्ट की टीम : टॉपर का इंटरव्यू लेने व फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए आठ एक्सपर्ट की टीम बनायी गयी है. समिति सूत्रों की मानें, तो हर विषय के एक्सपर्ट रखे गये हैं. ये एक्सपर्ट टाॅपर का इंटरव्यू ले रहे हैं. इंटरव्यू के दौरान टॉपर से कई सवाल भी पूछे जा रहे हैं. दिन भर टॉपर का इंतजार ये एक्सपर्ट करते हैं. जैसे ही टॉपर आते हैं, उनका इंटरव्यू का दौर चलता है. टॉपर वेरिफिकेशन के कारण कार्यालय को सील कर दिया गया है. बाहर से किसी की भी इंट्री नहीं हो रही है.
ग्रेस मार्क्स से परीक्षार्थियों को होगा फायदा, 55% के उत्तीर्ण होने की उम्मीद
सबसे ज्यादा छात्र भाषा में थे फेल
पटना : इंटर के रिजल्ट में भले 38 फीसदी ही परीक्षार्थी पास किये हों, लेकिन यह स्थिति मैट्रिक में नहीं हो, इसके लिए परीक्षार्थियों को ग्रेस मार्क्स देने का फैसला लिया गया है. ग्रेस मार्क्स देने से रिजल्ट बेहतर होगा. बोर्ड सूत्रों की मानें, तो मैट्रिक का जो रिजल्ट तैयार किया गया था, उसमें उत्तीर्णता 42 फीसदी तक थी, लेकिन ग्रेस मार्क्स देने के बाद पास होने का प्रतिशत बढ़ जायेगा. समिति सूत्रों की मानें, तो उत्तीर्णता का प्रतिशत 55 फीसदी तक हो चुका है.
हर विषय में डाले जा रहे हैं ग्रेस मार्क्स : विभाग से मंजूरी मिलने के बाद ग्रेस मार्क्स हर विषय दिये जा रहे हैं. मैट्रिक के रिजल्ट में सबसे ज्यादा छात्र भाषा में फेल हुए हैं. खास कर इंगलिश और हिंदी में फेल की संख्या सबसे ज्यादा है. ग्रेस मिलने से इंगलिश और हिंदी में पास होनेवालों की संख्या बढ़ेगी. पास होने का प्रतिशत बढ़ने के साथ विषयवार भी रिजल्ट सुधरेगा.
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