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नगर सरकार : सात वर्ष बाद निगम में भाजपा गुट की वापसी
फैसला : असंतुष्टों ने महागठबंधन को किया कमजोर, मेयर और डिप्टी मेयर पद पर रजनी देवी व आशीष सिन्हा हारे अनिकेत त्रिवेदी पटना : नगर निगम की सरकार में सात वर्ष बाद भाजपा समर्थनवाले गुट का कब्जा हुआ है. वर्ष 2007 से 2010 तक संजय कुमार पटना नगर निगम के मेयर व संतोष मेहता उप […]
फैसला : असंतुष्टों ने महागठबंधन को किया कमजोर, मेयर और डिप्टी मेयर पद पर रजनी देवी व आशीष सिन्हा हारे
अनिकेत त्रिवेदी
पटना : नगर निगम की सरकार में सात वर्ष बाद भाजपा समर्थनवाले गुट का कब्जा हुआ है. वर्ष 2007 से 2010 तक संजय कुमार पटना नगर निगम के मेयर व संतोष मेहता उप महापौर रहे थे. संजय कुमार भाजपा के नेता हैं. वहीं उस समय संतोष मेहता भी भाजपा में ही थे.
इस अनुसार वर्ष 2010 तक नगर निगम की राजनीति में भाजपा गुट का कब्जा रहा था. इसके बाद अफजल इमाम मेयर बने, जो जदयू के नेता थे और विनय कुमार पप्पू एवं रूप नारायण के बतौर उप महापौर हारने के बाद पूर्ण रूप से निगम की राजनीति में महागठबंधन का कब्जा हो गया. 2010 के बाद 2017 में अब जाकर भाजपा गुट का कब्जा एक बार फिर निगम की राजनीति में हुआ है.
जोड़-तोड़ में भारी पड़ा भाजपा गुट मेयर व डिप्टी मेयर के जोड़-तोड़ की कहानी बड़ी दिलचस्प रही. वैसे पटना नगर निगम का चुनाव किसी पार्टी के बैनर तले नहीं होता है, लेकिन पहले भी भीतर-भीतर पार्टी अपने समर्थनवाले पार्षदों के गुट को सपोर्ट करती रही है. मगर इस बार चुनाव में भाजपा व महागठबंधन गुट के नेता खुल कर सामने आ गये थे.
भाजपा की ओर से विधायक नितिन नवीन, अरुण कुमार सिन्हा, संजीव चौरसिया से लेकर नंदकिशोर यादव तक लग गये थे. वहीं महागंठबंधन की ओर से जदयू नेता संजय सिंह व विधायक श्याम रजक ने जोर लगा दिया था. विधायकों ने खुले तौर पर अपनी पार्टी के समर्थनवाले पार्षदों के साथ होटलों में बैठकें की थीं. सब दावा कर रहे थे कि उनके पास 50 से अधिक पार्षदों का समर्थन है, लेकिन अंत में भाजपा नेताओं का जोड़-तोड़ कामयाब रहा.
अफजल का जाना, महागठबंधन पर भारी : मेयर पद पर महागठबंधन के उम्मीदवार के हारने को लेकर नाम नहीं छापने की शर्त पर जदयू नेता ने कहा कि अफजल इमाम जदयू से रहे हैं. लेकिन इस बार अफजल इमाम को महागठबंधन का उम्मीदवार नहीं बनाया गया था, इस कारण वे असंतुष्ट थे. अत: मौके पर अफजल ने अपने आठ समर्थकों के साथ सीता साहू का समर्थन कर दिया. यही कारण है कि महागठबंधन का पलड़ा हल्का हो गया.
सात दिनों में बनानी होगी सशक्त स्थायी समिति
सबसे पहले मंगलवार को मेयर सीता साहू व डिप्टी मेयर विनय कुमार पप्पू मौर्या लोक स्थित निगम मुख्यालय जायेंगे. इसके बाद नगर आयुक्त अभिषेक सिंह ने औपचारिक मुलाकात होगी. इसके बाद मेयर को सात दिनों के भीतर अपनी कैबिनेट यानी सशक्त स्थायी समिति का गठन करना होगा. इसमें मेयर व डिप्टी मेयर को लेकर कुल नौ सदस्य होंगे. फिर सशक्त स्थायी समिति की पहली बैठक होगी. बैठक में तय एजेंडा पर चर्चा व निर्णय होंगे.
अवैध हुए दो वोट दोपहर बाद बने चर्चा का विषय
मेयर चुनाव परिणाम के बाद अवैध घोषित हुए दो निर्णायक वोट दिन भर चर्चा का विषय बने रहे. जानकारी के अनुसार दो घोषित होने वाले वोट में एक पर डबल क्रास मार दिया गया था, जबकि दूसरे अवैध वोट को खाली ही छोड़ दिया गया था. दोनों गुटों में इसको लेकर अलग-अलग चर्चाएं रहीं. सत्ता पक्ष हासिल करने वाला गुट जहां इसे अपनी रणनीति की सफलता मान रहा था, वहीं विपक्षी गुट ऐसा करने वाले पार्षदों की तलाश करता रहा. दरअसल वोटिंग करने से पहले ही सभी पार्षदों को वोटिंग प्रक्रिया की स्पष्ट जानकारी दे दी गयी थी. इसके बावजूद गलती होना, सवाल खड़ा करता है. वहीं, डिप्टी मेयर के चुनाव में सभी 75 वोट वैध हुए. भाजपा गुट के समर्थकों में चर्चा थी कि ये वो पार्षद हैं जो महागंठबंधन के समर्थक थे और भाजपा गुट की ओर सेट हो चुके थे.
ये हैं आपके मेयर व िडप्टी मेयर और उनकी प्राथमिकताएं
सीता साहू, मेयर
मेयर बनीं 59 वर्षीया सीता साहू पहली बार पार्षद चुन कर आयी हैं. अति पिछड़ा वर्ग से आनेवाली सीता ने सुरक्षित सीट वार्ड 58 से चुनाव लड़ा था. इनका आवास आलमगंज थाना क्षेत्र की बड़ी पटनदेवी, महाराजगंज में है. इनका अपना कोई पॉलिटिकल बैकग्राउंड नहीं है. पति स्व बैद्यनाथ प्रसाद व्यवसायी थे, जिनकी 23 जुलाई, 1990 को गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. उस वक्त बच्चे छोटे थे, इसलिए पति के व्यवसाय को खुद इन्होंने ही संभाला.
1994 तक व्यवसाय से जुड़े सारे काम देखे. धीरे-धीरे बड़े बेटे शिशिर गुप्ता ने उनका हाथ बंटाना शुरू किया. उनके तीन बच्चों में बेटी श्वेता साहू सबसे बड़ी हैं. बड़ा बेटा शिशिर गुप्ता भाजपा के व्यावसायिक प्रकोष्ठ की पुरानी कमेटी में सदस्य थे. छोटा बेटा सुशांत कुमार गुप्ता एचएसबीसी, बेंगलुरू में इंजीनियर है. बड़ी बेटी के पति अबूधाबी में सीनियर क्राफ्ट मैनेजर है. श्रीमती साहू का मायका मधुबनी के जयनगर में है. शपथ पत्र के मुताबिक इनके पास कोई वाहन नहीं है.
विनय कुमार पप्पू, डिप्टी मेयर
डिप्टी मेयर बने 45 वर्षीय विनय कुमार पप्पू लगातार चौथी बार वार्ड पार्षद बने हैं. इससे पहले वर्ष 2010 से 2012 तक भी इन्होंने पटना नगर निगम के डिप्टी मेयर का कार्यभार संभाला. उससे पहले तत्कालीन जल पर्षद के अध्यक्ष अशोक यादव की हत्या के बाद वर्ष 2005 से 2007 तक पटना जल पर्षद के अध्यक्ष भी रहे. स्टेशन रोड, गोरिया टोली के मूल निवासी विनय कुमार पप्पू ने वार्ड संख्या 28 से चुनाव लड़ा और बड़े अंतर से जीत हासिल की.
नगर निगम चुनाव में दायर शपथ पत्र के मुताबिक इन पर गांधी मैदान थाने में दो और कोतवाली थाने में एक मामला दर्ज है. इनका होटल का व्यवसाय है. इनके पास एक मोटरसाइकिल होंडा पैशन प्रो और एक हुंडई आइ 10 कार है, जो लोन पर ले रखी है. आभूषण के नाम पर 700 ग्राम सोना और 500 ग्राम चांदी है. इन्होंने कॉलेज ऑफ कॉमर्स से स्नातक की डिग्री ले रखी है. इनके दो बेटे हैं. शपथ पत्र में इन्होंने अपनी वार्षिक आय 6.85 लाख रुपये दिखायी है.
इनका लक्ष्य
शुद्ध पेयजल उपलब्ध
कराना पहली प्राथमिकता
– पहली बार वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ींऔर मेयर पद पर भी चुनी गयीं. इसमें किसका सहयोग सबसे ज्यादा रहा?
हां, यह सही है कि मैंने कभी राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा नहीं लिया. लेकिन मेरा पुत्र शिशिर भाजपा से जुड़ा हुआ है. वार्ड पार्षद का चुनाव अचानक लड़ी और जीत भी गयी. भाजपा ने मेयर पद के लिए उम्मीदवार भी बना दिया. पार्टी विधायकों के साथ-साथ पार्षदों के सहयोग से मेयर पद पर चुनी गयी.
– आपकी पहली प्राथमिकता क्या होगी?
शहर में गरमी के दिनों में पीने के पानी का संकट गहरा जाता है. इसके साथ ही घरों में सप्लाइ पानी भी गंदा पहुंचता है. शहरवासियों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करना हमारी पहली प्राथमिकता होगी. इसके साथ ही शहर को साफ-सुथरा और स्वच्छ बनायेंगे. इस कार्य में जनता से भी सहयोग की उम्मीद करेंगे.
-शहर में जलजमाव भी बड़ी समस्या है. इससे लोगों को कैसे निजात दिलायेंगी?
मॉनसून से पहले निगम प्रशासन तैयार होंगे. प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक-एक नाले का निरीक्षण करूंगी और एक-एक कमी को दूर करूंगी, ताकि मॉनसून की बारिश में शहरवासियों को जलजमाव की समस्या से निजात मिल सके.
– प्रशासनिक तालमेल बिठाना भी एक चुनौती है. इस चुनौती से कैसे निबटेंगी?
निगम के पुराने इतिहास में नहीं जाना है. शहर की विकास के लिए जनता ने पार्षदों को चुना है और बेहतर कार्य के लिए पार्षदाें ने मेयर पद के लिए मुझे चुना है. निगम प्रशासन से बेहतर तालमेल बैठा कर एक-एक वार्ड के विकास को लेकर समग्र योजना बनायी जायेंगी.
– शहर को बेहतर बनाने के लिए और आप क्या-क्या सोचती हैं?
स्वच्छता रैंकिंग में बेहतर अंक लाने को लेकर बेहतर सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करूंगी. अतिक्रमण हटवा कर ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त कराऊंगी.
इनका लक्ष्य
फिलहाल जलजमाव से निबटने पर होगा फोकस
– आप दूसरी बार डिप्टी मेयर चुने गये हैं. इस बार आपकी प्राथमिकता क्या होगी ?
हां, दूसरी बार डिप्टी मेयर चुना गया हूं. इस बार बड़ी संख्या में पार्षदों ने मेरे ऊपर भरोसा जताया है. इस भरोसे पर पूरी तरह खड़ा उतरूंगा. फिलहाल, सिर पर मॉनसून है. मॉनसून के दौरान शहर में जलजमाव एक बड़ी समस्या है. इस समस्या से निबटने के लिए दिन-रात काम करेंगे, ताकि शहर में जलजमाव की समस्या नहीं हो.
-आपकी नजर में शहर की क्या-क्या समस्याएं हैं. इनसे आप कैसे निबटेंगे ?
शहर में जलजमाव के साथ साथ पेयजल संकट और शत-प्रतिशत कचरे के उठाव बड़ी समस्या है. पेयजल संकट को दूर करने के लिए पार्षदों से विचार-विमर्श कर समग्र योजना बना कर क्रियान्वयन करायेंगे. साथ ही शहर से शत-प्रतिशत कचरे का उठाव भी सुनिश्चित करायेंगे, ताकि शहर स्वच्छ बने.
-निगम में प्रशासन से विवाद भी खूब हुआ है. इसको कैसे खत्म करेंगे?
यह सब अब पुरानी बात हो गयी. उमंग और विश्वास के साथ 52 पार्षदों ने अपना मत देकर डिप्टी मेयर बनाया है. शहर के हित में समग्र योजना बनायी जायेगी, ताकि पार्षदों का विरोध नहीं हो और उन योजनाओं को ससमय क्रियान्वयन कराने के लिए भी रूपरेखा तैयार करेंगे.
– पहले आप विपक्ष के पार्षद थे और मेयर द्वारा लाये गये प्रस्तावों का विरोध करते थे. अब आप डिप्टी मेयर हैं, तो इससे कैसे निबटेंगे ?
हम उन प्रस्तावों का कभी विरोध नहीं किये, जो शहर व जनता के हित की योजना थी. विरोध उन योजनाओं की किया, जो जनहित की नहीं थी. अब बोर्ड में शहर और जनता को ध्यान में रख कर योजनाएं बनायी जायेंगी और उन योजनाओं पर काम किया जायेगा.
अंदर गिरते रहे वोट, बाहर बनती-बिगड़ती रही सरकार
पटना : घड़ी दोपहर 1:05 मिनट बजा रही थी. कलेक्ट्रेट सभागार से सूचना निकल कर आयी कि मेयर पद पर सीता साहू ने बाजी मार ली है. अचानक माहौल में हलचल पैदा हो गयी. चूंकि बाजी बीजेपी गुट ने मारा इसलिए उनका चहकना वाजिब था. जिंदाबाद के नारे लगने लगे. एक तरफ बधाई और मिठाई का दौर था, तो दूसरी तरफ सन्नाटा और खामोशी थी. भाजपाई गुट फोन पर अपने शुभचिंतकों को जानकारी देते रहे. करीब 15 मिनट के अंदर कलेक्ट्रेट परिसर में मौजूद भीड़ के अलावा भी भारी संख्या में लोग जुट गये.
वहीं दूसरी तरफ रविवार से ही 60 से अधिक पार्षदों का समर्थन का दावा करने वाले महागंठबंधन के समर्थक धीरे-धीरे कलेक्ट्रेट परिसर से खिसकने लगे.
सबसे पहली पहुंचीं सबसे बुजुर्ग पार्षद : सोमवार को दस बजे से चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत हो गयी थी. सबसे पहले आने वालों में सबसे उम्रदराज पार्षद विद्यापति उर्फ बिंदी से लेकर कई युवा पार्षद का आना शुरू हो गया था. पार्षदों को पश्चिमी गेट से प्रवेश कराया जा रहा था. प्रवेश करने के लिए पार्षदों के मूल प्रमाणपत्र दिखाना अनिवार्य कर दिया गया था. पार्षद वोटिंग व शपथ के लिए कोई इलेक्ट्राॅनिक समान भी नहीं ले जा सकते थे.
11 बजे तक सभी पार्षद कलेक्ट्रेट सभागार में पहुंच चुके थे. एक बजे के बाद मेयर चुनाव का परिणाम आया. तब तक परिसर में चर्चा का बाजार गरम था. अंदर वोट पड़ रहे थे और बाहर समर्थक अपने अनुसार नगर सरकार को बना-बिगाड़ रहे थे.
तो विनय पप्पू के उपमहापौर बनने की तेज हुई चर्चा : मेयर परिणाम घोषित होने के बाद भाजपा गुट के ही विनय कुमार पप्पू के उपमहापौर बनने की चर्चा तेज हो गयी. कई समर्थकों ने सोशल मीडिया पर पहले से उपमहापौर बने विनय पप्पू इसकी सूचना भी प्रकाशित कर दी. इधर, महागठबंधन की ओर से लोगों को उपमहापौर के उम्मीदवार का तब तक पता नहीं था.
बाद में निर्वाचन कार्य में लगे अधिकारियों ने घोषणा की कि महागंठबंधन की ओर से आशीष कुमार सिन्हा को उम्मीदवार बनाया गया है. इसके बाद उपमहापौर के लिए वोटिंग शुरू हुई. फिर करीब दो घंटे बाद कलेक्ट्रेट सभागार से विनय पप्पू के विजयी होने की घोषणा की गयी. तब लगभग तीन बजे का समय था. जैसे ही विनय कुमार पप्पू के विजयी की सूचना समर्थकों तक पहुंची कलेक्ट्रेट परिसर में भाजपा समर्थकों ने एक बार फिर से नारेबाजी करनी शुरू कर दी.
11:30 बजे ही पहुंच चुकी थी सरकारी गाड़ी
नगर निगम की ओर से दिन के 11:30 बजे ही मेयर की सरकारी गाड़ी को कलेक्ट्रेट सभागार में भेज दिया गया था. गाड़ी के साथ मेयर के ड्राइवर से लेकर एक असिस्टेंट भी साथ दिया गया. सीता साहू अपने वाहन से कलेक्ट्रेट में आयी थीं, लेकिन जीत के बाद उन्होंने मेयर के वाहन की सवारी की. पहला सफर उन्होंने कलेक्ट्रेट से भाजपा कार्यालय तक किया.
जीत कर सीधे गये भाजपा कार्यालय, हुआ अभिनंदन
पटना : जीतने के बाद मेयर सीता साहू व डिप्टी मेयर विनय कुमार पप्पू सीधे वीर चंद्र पटेल पथ स्थित भाजपा के पार्टी कार्यालय पर पहुंचे. वहां दोनों विजेताओं का सम्मान समारोह आयोजित किया गया. इस दौरान भाजपा नेता नंदकिशोर यादव, विधायक नितिन नवीन, संजीव चौरसिया, अरुण कुमार सिन्हा मौजूद थे.
मौके पर नंद किशोर यादव ने कहा कि पार्षदों ने महागंठबंधन के धनबल व बाहुबल को नकार दिया है. पटना के महापौर व उप महापौर से अनुरोध है कि वो सबका साथ व सबका विकास को ध्यान में रख कर काम करें. शहर के चारों विधायक उनका विकास कामों में सहयोग करेंगे. इस दौरान विनय कुमार पप्पू व सीता साहू ने भी पार्षदों व भाजपा कार्यकर्त्ताओं को धन्यवाद दिया.
इसके बाद जम कर पटाखेबाजी की गयी और लोगों ने एक दूसरे को मिठाइयां खिलायीं. समारोह में पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष देवेश कुमार, निवेदिता सिंह, प्रदेश मंत्री सजल झा, प्रवीण दास तांती, प्रवक्ता श्री प्रेम रंजन पटेल, मीडिया प्रभारी पंकज सिंह, अशोक भट्ट, राकेश कुमार सिंह, अनुसूचित जाति मोरचा अध्यक्ष सुबोध कुमार पासवान आिद मौजूद थे.
हारते ही मुरझा गये चेहरे
पार्षदों का पूर्ण समर्थन मिलने के बाद ही मेयर उम्मीदवार बनी थी. किस स्तर पर चूक हुई है और कैसे वोट की संख्या कम हुई. इसका आकलन किया जायेगा. फिलहाल, इस पर कुछ कह नहीं सकती. हम हार को स्वीकार करते हैं. नवनिर्वाचित मेयर को बधाई देते हुए आश्वस्त करना चाहती हूं कि शहर के विकास में हर संभव सहयोग करूंगी.
रजनी देवी, मेयर प्रत्याशी
मैं पहले से डिप्टी मेयर का प्रत्याशी नहीं था. मैं सिर्फ महागठबंधन के मेयर उम्मीदवार के समर्थन में पार्षदों को एकजुट करने में लगा था. अचानक चुनाव के दौरान डिप्टी मेयर का प्रत्याशी बना. हालांकि, मुझे सफलता नहीं मिली. हार को स्वीकार करते हुए नवनिर्वाचित मेयर व डिप्टी मेयर को बधाई देता हूं.
आशीष, डिप्टी मेयर प्रत्याशी
मेयर बनने पर बधाई
वैश्य अभियंता फोरम ने सीता साहू को पटना के मेयर चुने जाने पर हार्दिक बधाई दी है. फोरम की ओर से महासचिव इ शंकर प्रसाद जायसवाल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि मेयर चयन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद बैठक कर सीता साहू को सभी ने सामूहिक बधाई दी है.
उन्होंने कहा कि श्रीमती साहू के कार्यकाल में पटना एक नये रूप में चमकेगा और स्मार्ट सिटी बनेगा. वहीं जिला कानू विकास संघ की ओर से चंद्रिका साह, प्यारे लाल, अखिलेश कुमार, दिनेश प्रसाद, मनोज कुमार, जयराम प्रसाद ने मेयर श्रीमती सीता साहू को बधाई दी है.पटना सिटी व्यापार मंडल के अध्यक्ष प्रदीप सिंह यादव व महासचिव अवधेश कुमार सिन्हा ने खुशी जताते हुए कहा कि वे लंबित मेट्रो प्रोजेक्ट की स्वीकृति दिलाने में अहम भूमिका निभायेंगी.
पटना सिटी ने दिया सातवां महापौर, अब तक मिले छह उपमहापौर
अमिताभ श्रीवास्तव
पटना सिटी : पटना नगर निगम के गठन के बाद महापौर और उपमहापौर के पद पर पटना सिटी के लोगों का दबदबा पहले भी कायम रहा है. अतीत में झांकें तो पटना सिटी के पार्षदों में सात महापौर और छह उपमहापौर बनाये गये हैं.
अतीत को याद करते हुए महापौर रहे स्वर्गीय रामेश्वर प्रसाद गोलवारा के पुत्र बसंत लाल गोलवारा व संत लाल गोलवारा बताते हैं कि पिता जी 1955 से लेकर 1962 तक उपमहापौर रहे. इसके बाद दो दफा वर्ष 1962-63 और 1964-65 में महापौर बने. इसके अलावा पटना सिटी के पत्थर की मसजिद निवासी देवता प्रसाद चौधरी भी महापौर बने. पटना सिटी के स्वर्गीय चंद्रमोहन प्रसाद, स्वर्गीय जमुना प्रसाद, मधुसुदन यादव के साथ निवर्तमान महापौर अफजल इमाम ने मेयर के पद पर आसीन होकर पटना सिटी का मान बढ़ाया. वर्तमान महापौर सीता साहू भी पटना सिटी की है.
महापौर ही नहीं उप महापौर के पद पर भी कब्जा जमा कर सिटी का मान बढ़ाया व विकास कार्य को अंजाम दिया. पूर्व उपमहापौर संतोष मेहता अतीत को याद कर बताते है कि वो वर्ष 2005 से 2007 तक फिर 2007 से 2009 तक उपमहापौर के पद पर आसीन रहे.
वो बताते है कि महापौर के साथ तालमेल बैठा कर शहर के विकास की योजनाओं को धरातल पर उतारा था. हालांकि, उपमहापौर की चर्चा की जाये, तो इसमें पटना साहिब के विधायक और लोक लेखा समिति के अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, स्वर्गीय जगन्नाथ दास, रुपनारायण मेहता व जिया उल्लाह खां भी इस पद पर आसीन हुए. अतीत में निगम के समृद्ध इतिहास को याद कर पूर्व उपमहापौर जिया उल्ला खां कहते हैं कि उपमहापौर के चुनाव में नौ प्रत्याशी मैदान मे थे, आठ राउंड की मतदान के बाद वो नरेश महतो को हरा कर 1990 में उपमहापौर बने थे.
पटना सिटी : महापौर बनने के बाद सीता साहू की बड़ी पटनदेवी मार्ग महाराजगंज स्थित आवास पर जश्न का माहौल था. बड़ी पतोहू श्वेता बताती है कि सुबह से ही घर में परिजन और समर्थक टीवी से चिपके थे, जैसे ही महापौर चुने जाने की अधिकारिक घोषणा हुई, वैसे ही बेटा शिशिर कुमार और मुकेश ने फोन पर सूचना दी. फिर क्या था घर के नीचे समर्थकों की भीड़ को जब इसकी जानकारी हुई, तो उत्सव का माहौल हो गया.
भाभी खुशबू, ललिता, रेणु देवी, वीणा देवी व पूजा ने लड्डू बांटने शुरू कर दिये. तब तक टीवी पर भी यह खबर प्रसारित होने लगी. समर्थकों की भीड़ फूल-माला लेकर घर पर पहुंच गयी. घर के अंदर महिलाएं व पुरुष अलग-अलग अबीर लगा कर खुशी का इजहार किया, तो समर्थकों की टोली घर के बाहर आतिशबाजी करने में जुट गयी. शाम को जब सीता साहू घर पहुंची, तो लोगों ने फूल माला से उनका स्वागत किया.
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