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वाहन चोरी ‘उद्योग’ में 10% का इजाफा
वाहन चोरी का काला कारोबार, साल दर साल बढ़ता जा रहा है बाजार विजय सिंह पटना : वाहन चोरों के हाथ लंबे होते जा रहे हैं. बिहार के सभी बड़े शहरों तक इस गैंग की पहुंच बन चुकी है. बड़े शहरों से गाड़ियों की चोरी की जा रही है. पुरानी गाड़ियों को बिहार-नेपाल के बाॅर्डर […]
वाहन चोरी का काला कारोबार, साल दर साल बढ़ता जा रहा है बाजार
विजय सिंह
पटना : वाहन चोरों के हाथ लंबे होते जा रहे हैं. बिहार के सभी बड़े शहरों तक इस गैंग की पहुंच बन चुकी है. बड़े शहरों से गाड़ियों की चोरी की जा रही है. पुरानी गाड़ियों को बिहार-नेपाल के बाॅर्डर इलाकों में मौजूद गैरेज में काट कर उसके पुर्जों को बेच दिया जा रहा है. वहीं, नयी लक्जरी गाड़ियों को नेपाल के वाहन चोर गैंग के हाथों लाख-दो लाख में बेच दिये जा रहे हैं. साल दर-साल चोरी के वाहनों का बाजार बढ़ता जा रहा है. पुलिस के पास मौजूद आंकड़ों पर गौर करें तो प्रति वर्ष करीब 10 फीसदी वाहन चोरी के मामले बढ़ रहे हैं. वाहन चोरी पर अंकुश लगाने में पुलिस के पसीने छूट रहे हैं, जबकि वाहन चोरों का गैंग चलती-फिरती दुकान की तरह काम कर रहा है. उसका नेटवर्क बिहार से लेकर नेपाल तक काफी मजबूत हो गया है.
मुजफ्फरपुर, भागलपुर व पटना से ज्यादा वाहन चोरी
वाहन चोरों के लिए पटना, मुजफ्फरपुर और भागलपुर सेफ जोन बन चुका है. बिहार के ये तीन शहर ऐसे हैं, जहां से सर्वाधिक गाड़ियों की चोरी हो रही हैं. एक साल में जितने मामले पुलिस के जीडी में दर्ज हो रहे हैं उसके करीब 35 प्रतिशत मामले इन तीनों शहरों के हैं. कहा जा सकता है कि बिहार के ये टॉप थ्री शहर वाहन चोरों के निशाने पर हैं. पुलिस केस तो दर्ज कर रही है, लेकिन गाड़ी की बरामदगी करना दूर की कौड़ी साबित हो रही है. पटना पुलिस ने मुजफ्फरपुर और पटना से पिछले साल दो बड़ी कार्रवाई की थी. भारी संख्या में चोरी के वाहन जब्त किये गये थे. मुजफ्फरपुर में एक गैरेज भी पकड़ा गया था, लेकिन पुलिस इस गैंग का नेटवर्क ध्वस्त करने में अब तक सफल नहीं हो सकी है.
फर्जी कागजात पर गांवों में इस्तेमाल हो रहे वाहन
वाहन चोरी करने वाले गैंग के पास ऐसे एक्सपर्ट भी हैं, जो वाहनों के फर्जी कागजात भी तैयार कर देते हैं. बाइक गैरेज में कट जाती हैं उनके चेचिस नंबर का इस्तेमाल लक्जरी गाड़ियों के कागजात बनवाने में कर दिया जाता है. बड़े शहरों से चोरी की गयी दो पहिया और चार पहिया वाहन बिहार के ग्रामीण इलाकों में बेच दिये जा रहे हैं. ऐसी गाड़ियों का इस्तेमाल अपराधी तत्व कर रहे हैं. वहीं बहुत पुरानी गाड़ियों का पुर्जा अलग-अलग कर टुकड़ों में बेच दिये जाते हैं.
बिहार-नेपाल के बाॅर्डर इलाके में बैठे हैं सरगना
बिहार से चोरी की गयी लक्जरी गाड़ियां नेपाल में बेची जा रही हैं. बिहार-नेपाल के बाॅर्डर इलाके में बैठे गैंग के सरगना बिहार के बड़े शहरों से गाड़ियों की चोरी कराते हैं और इन गाड़ियों को बाॅर्डर इलाकों में छिपा देते हैं. फिर नेपाल के अपराधी गिरोह से सौदा करके इन गाड़ियों को बेच देते हैं. महंगी से महंगी गाड़ियां लाख-दो लाख में बेची जा रही हैं. बताया जाता है कि वाहन चोरी से जुड़े गैंग के सदस्यों ने इस धंधे से करोड़ों रुपये कमाये हैं.
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