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बीमा कंपनियों के लाभ के लिए हो रहा है किसान बीमा : जदयू

पटना : जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा है कि मंदसौर के किसान आंदोलन के बाद यह साबित हो गया है कि केंद्र सरकार को किसानों की चिंता नहीं रह गयी है. किसान बीमा योजना का लाभ किसानों के लिए नहीं बल्कि बीमा कंपनियों के लिए चलाया जा रहा है. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण […]

पटना : जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा है कि मंदसौर के किसान आंदोलन के बाद यह साबित हो गया है कि केंद्र सरकार को किसानों की चिंता नहीं रह गयी है. किसान बीमा योजना का लाभ किसानों के लिए नहीं बल्कि बीमा कंपनियों के लिए चलाया जा रहा है.
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा दिये गये बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि केंद्र सरकार को किसानों की कर्ज माफी से कोई लेना-देना नहीं है. केंद्र ने किसान कर्ज माफी की जिम्मेवारी राज्य सरकारों पर थोप दी है. उन्होंने कहा कि जिस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जेटली किसानों की कर्ज माफी राज्यों पर डाल रहे थे, उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि बड़ी कंपनियों व कारपोरेट्स द्वारा नहीं चुकाये जानेवाले हजारों करोड़ के लोन की माफी का जिक्र उन्होंने विस्तार से बताया. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा शासन में पूंजीपतियों द्वारा लोन नहीं चुकाने में 2 लाख 61 हजार 843 करोड़ की वृद्धि हुई है.
पिछले दो वित्तीय वर्षों में केंद्र सरकार ने एक लाख 33 हजार 777 करोड़ की टैक्स में छूट बड़े पूंजीपतियों को दी गयी. उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 में खरीफ बीमा के तहत देश में मात्र 3 करोड़ 70 लाख किसानों ने कृषि बीमा कराया. इस मौके पर जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने बताया कि वर्ष 2016 में महाराष्ट्र के किसानों के मद में केंद्र सरकार द्वारा 3920.8 करोड़ का प्रीमियम बीमा कंपनियों को दिया गया जबकि बीमा कंपनियों द्वारा फसल खराब होने की स्थिति में कुल दो हजार करोड़ का भुगतान किया.
इसमें से 2 करोड़ 69 लाख ऐसे किसान थे जिनकों बैंकों द्वारा लोन दिया गया था. सिर्फ एक करोड़ एक लाख वैसे किसानों का बीमा कराया गया था जिनके ऊपर किसी तरह का लोन नहीं था. इसी तरह से वर्ष 2015 में 2.10 करोड़ लोन लेनेवाले किसानों का बीमा कराया गया.
यह देखा गया है कि लोन वाले किसानों के बीमा दर में 28 फीसदी की वृद्धि हुई है जबकि बिना लोन वाले किसानों के बीमा में महज तीन फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी. यह साबित करता है कि बैंक लोन देते समय किसानों से बीमा करवाकर अपना पैसा सुरक्षित कर रहे हैं.
इससे खरीफ फसल में बीमा कंपनियों ने सिर्फ महाराष्ट्र में 1920.8 करोड़ का मुनाफा इसमें इफको टोक्यो, रिलायंस जेनरल और एचडीएफसी एग्रो शामिल है. अब इस योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री बीमा लाभकारी योजना रख दिया जाना चाहिए.

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