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82 अभियंताओं को मिली निरीक्षण की जिम्मेवारी
पटना : राज्य के 82 इंजीनियरों की टीम आठ हजार किलोमीटर सड़कों के रखरखाव पर नजर रखेगी. अभियंताओं का दल आठ हजार से अधिक किलोमीटर सड़कों का निरीक्षण करेंगे. पथ निर्माण विभाग ओपीआरएमसी के तहत मेंटेन किये जानेवाले सड़कों की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए निरीक्षण अभियान चला रहा है. इसमें 15 जून […]
पटना : राज्य के 82 इंजीनियरों की टीम आठ हजार किलोमीटर सड़कों के रखरखाव पर नजर रखेगी. अभियंताओं का दल आठ हजार से अधिक किलोमीटर सड़कों का निरीक्षण करेंगे. पथ निर्माण विभाग ओपीआरएमसी के तहत मेंटेन किये जानेवाले सड़कों की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए निरीक्षण अभियान चला रहा है.
इसमें 15 जून से 22 जून तक अभियंताओं का दल अपने-अपने कार्यक्षेत्र में सौ किलोमीटर सड़कों का निरीक्षण कर मुख्यालय को इसका रिपोर्ट सौंपेंगे. अभियंताओं के दल में अधीक्षण, कार्यपालक अभियंता व सहायक अभियंताओं को शामिल किया गया है. अभियंताओं को हर पांच किमी सड़क निरीक्षण पैदल चलते हुएकरना है.
750 किमी एनएच चौड़ीकरण के डीपीआर पर सात करोड़ खर्च
सड़क मंत्रालय से सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त राज्य की 750 किमी एनएच को दस मीटर चौड़ा बनाने का विस्तृत रिपोर्ट तैयार होगा. रिपोर्ट तैयार करने का काम इस वित्तीय वर्ष में होने की संभावना है. 12 एनएच के डीपीआर बनाने में चार कंसलटेंट का चयन हुआ है.
डीपीआर तैयार होने के बाद टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी. डीपीआर बनाने में साढ़े सात करोड़ खर्च होंगे. 12 एनएच के दस मीटर चौड़ा होने से एक दर्जन जिला के लोगों की सुविधाएं बढ़ जायेगी. नये सड़क का कनेक्शन अन्य एनएच के साथ होने से वाहनों का आवागमन सुलभ होगा. सड़क का विस्तार होने से दक्षिण बिहार सहित उत्तर बिहार का अन्य राज्यों से कनेक्टिवटी बढ़ जायेगी.
बारह एनएच की तैयार होगी डीपीआर : राज्य केबारह एनएच को दस मीटर चौड़ा बनाने की डीपीआर तैयार होगी. सड़क परिवहन मंत्रालय ने एनएच की सैद्धांतिक स्वीकृति दी है.
हजीपुर से बेतिया भाया वैशाली अरेराज, मेहसी-झप्पा भाया तेतरिया, बिक्रमगंज-सासाराम भाया नोखा, बेलागंज गया-बलुआ मोड़ नालंदा जिला गिरियक,चौसा रामगढ़ मोहनिया, चौसा-राजपुर कोचस -करगहर-सासाराम, वरुणा ब्रिज-दलसिंहसराय रोसड़ा बेगूसराय, रोसड़ा-दरभंगा, हाजीपुर जंक्शन-बछवाड़ा भाया महनार मोहिउद्दीन नगर, समस्तीपुर-दरभंगा,भागलपुर-ढाका मोड़ व कटोरिया-चंदन शामिल है.
डीपीआर बनाने के लिए चार कंसलटेंट चयनित : इन सड़कों के चौड़ीकरण से संबंधित डीपीआर बनाने के लिए गाजियाबाद की कंपनी एमसी कंसलटेंट, कोलकाता की सीइ टेस्टिंग कंपनी, पटना की कंपनी ट्रांसटेक इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड व चैतन्या कंसलटेंट का चयन हुआ है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कोलकाता की कंपनी 134 किमी, पटना की कंपनी 117 किमी, गाजियाबाद की कंपनी 429 किमी व चैतन्या कंपनी 66 किमी सड़क का डीपीआर तैयार करेगी.
डीपीआर बनाने पर खर्च होंगे साढ़े सात करोड़ : बारह एनएच का डीपीआर तैयार करने में लगभग साढ़े सात करोड़ खर्च होंगे. डागर-मकुंदपुर-भवनाथपुर-नागर एनएच के डीपीआर तैयार करने में सिंगल बीडर के भाग लेने से उसे रद्द कर दिया गया. डीपीआर के लिए अब फिर से टेंडर जारी होगा.
अभियंताओं को प्रत्येक दिन किये जानेवाले निरीक्षण की रिपोर्ट ऑनलाइन मुख्यालय को करना है. निरीक्षण के दौरान अभियंताओं को उन सारे चीजों को देखना है जो कांट्रैक्टर द्वारा मेंटेन किया जा रहा है. जांच दल में प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों को सरजमीन की वास्तविकता के अनुसार तटस्थ व जिम्मेवारी पूर्वक रिपोर्ट देनी है. पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने ओपीआरएमसी के तहत मेंटेन किये जा रहे सड़कों का निरीक्षण करने के संबंध में निर्देश जारी किये हैं.
उल्लेखनीय है कि राज्य में लगभग आठ हजार किलोमीटर का ओपीआरएमसी के तहत सड़कों का मेंटेनेंस हो रहा है. इसमें कांट्रैक्टर को पांच साल तक सड़कों का मेंटेनेंस करना है.
पीठ को बनाया एंबुलेंस
सासाराम के रौजा रोड इलाके में मंगलवार को एक नर्सिंग होम में इलाज के बाद घर जाने के लिए एंबुलेंस या किसी दूसरे वाहन की व्यवस्था नहीं होने पर एक महिला ने बीमार पति के लिए खुद को ही एंबुलेंस बना दिया. वह पति को पीठ पर ही उठा कर घर के लिए निकल पड़ी. कुछ को दया आयी, तो रुपये से मदद भी की. लेकिन, यह मदद नाकाफी थी. उसने बस पड़ाव तक के लिए एक रिक्शे का सहारा लिया. बीमार पूर्णवासी खरवार कैमूर जिले के कुदरा थाना क्षेत्र में स्थित सकरी गांव का है.
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