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ढाई महीने में स्टार्ट अप के आये 1103 आवेदन 108 को मिली मंजूरी

पटना : बिहार सरकार की स्टार्ट अप पॉलिसी के तहत ढाई महीने में 1103 आवदेन आये हैं. सरकार ने इनमें से 108 को मंजूरी दी है. यह योजना साल 2016 में लांच की गयी, लेकिन कुछ कारण से इसे रोक दिया गया. इसके बाद 17 मार्च, 2017 को यह फिर से लांच की गयी. इसके […]

पटना : बिहार सरकार की स्टार्ट अप पॉलिसी के तहत ढाई महीने में 1103 आवदेन आये हैं. सरकार ने इनमें से 108 को मंजूरी दी है. यह योजना साल 2016 में लांच की गयी, लेकिन कुछ कारण से इसे रोक दिया गया. इसके बाद 17 मार्च, 2017 को यह फिर से लांच की गयी.
इसके तहत नये आइडिया के साथ उद्योग स्थापित करने के लिए आवेदन करने वालों का सेलेक्शन कर 10 साल के लिए 10 लाख रुपये का लोन दिया जाता है. यह पैसा ब्याज मुक्त होगा. इस अवधि में इसे वापस करना होता है. 108 आवेदनों को उद्योग विभाग की पहली स्क्रीनिंग कमेटी ने मंजूरी दे दी है. इनक्यूबेशन सेंटर में उनपर काम चल रहा है.
उद्योग विभाग के सूत्रों का कहना है कि स्टार्ट अप का अावेदन सेलेक्ट होने के लिए इस पॉलिसी की कुछ शर्त हैं. इसकी पहली शर्त यह है कि आवेदक के प्रस्ताव से जिस उत्पाद का निर्माण हो उससे आमलोगों की समस्याओं का समाधान हो सके. दूसरी शर्त यह है कि बाजार में अन्य उत्पादों से यह अलग होना चाहिए. तीसरी शर्त यह है कि इस उत्पाद के लिए दिये गये प्रस्ताव में बौद्धिक संपदा का उपयोग किया जाना चाहिए.
चौथी शर्त यह है कि उद्यमी को इससे लाभ होना चाहिये. पांचवीं शर्त यह है कि बाजार से पैसा उगाहने में यह उत्पाद सक्षम होना चाहिये.
आवेदन का प्रोसेस
आवेदक इसके लिए www.startup.bihar.gov.in वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करेंगे. आवेदक के मोबाइल पर ओटीपी आएगा. इसके बाद आवेदक 2000 शब्दों में अपना आइडिया लिखकर भेजेंगे. उद्योग विभाग को यह आवेदन और आइडिया मिलते ही स्टार्ट अप के लिए बनी प्रारंभिक स्क्रूटनी कमेटी इस पर विचार करेगी. इसमें वह देखेगी कि उपर्युक्त शर्तों को आवेदक पूरा करते हैं या नहीं. इसके लिए आवेदक को बुलाकर उससे बातचीत की जाती है.
तकनीकी संस्थान करते हैं जांच
आवेदक का आइडिया सेलेक्ट होने पर उसे बिहार स्टार्ट अप फंड ट्रस्ट के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाता है. वहां से अनुमोदन मिलते ही उसे इनक्यूबेटर के पास भेज दिया जाता है. इसमें आईआईटी, निफ्ट, एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी जैसे संस्थान शामिल हैं.ये सेंटर आवेदक के आइडिया को डवलप करते हैं. हर स्तर पर उसकी जांच की जाती है कि मार्केट में लांच होने के बाद उसमें कितनी संभावनायें हैं.
मिलती है आर्थिक मदद
उद्योग विभाग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि वहां से उसे ठीक पाये जाने पर अनुमोदन कर उसे बिहार स्टार्ट अप फंड ट्रस्ट के पास भेज दिया जाता है.
वहां से इस आइडिया को लांच करने के लिए 10 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद दी जाती है. इसके बाद इन्क्यूबेशन सेंटर की मॉनिटरिंग में इस आइडिया पर काम शुरू होता है. इसे मार्केट में लांच करने के लायक बनाने के बाद सरकार की अन्य संस्था बड़े उद्यमियों से इस आवेदक को मिलवाती है. सभी मिलकर कंपनी बनाने और उत्पाद शुरू करने में मदद करते हैं. इस तरह यह आवेदक बाद में उद्यमी बन जाता है.

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