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साफ-सफाई को लेकर किशोरियों को मिला प्रशिक्षण
पटना : साफ-सफाई क्या है. स्वच्छता क्यों जरूरी है. सैनेटरी नैपकीन का इस्तेमाल क्यों जरूरी है. स्कूल में इसके लिए राशि मिल रही है या नहीं? इन सारी बातों की जानकारियां किशोरियों को दी जा रही है. स्वयंसेवी संस्था इजाद की ओर से किशोरियों को सैनिटेशन के बारे में जागरूक किया जा रहा है. ताकि, […]
पटना : साफ-सफाई क्या है. स्वच्छता क्यों जरूरी है. सैनेटरी नैपकीन का इस्तेमाल क्यों जरूरी है. स्कूल में इसके लिए राशि मिल रही है या नहीं? इन सारी बातों की जानकारियां किशोरियों को दी जा रही है.
स्वयंसेवी संस्था इजाद की ओर से किशोरियों को सैनिटेशन के बारे में जागरूक किया जा रहा है. ताकि, वह स्वस्थ्य रह सकें. इससे किशोरियां कई तरह की बीमारियों की शिकार हो रही हैं. संस्था की हेड अख्तरी बताती हैं कि पटना सिटी के इलाकों में साफ-सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है. स्लम बस्तियों में पर्याप्त शौचालय तक की सुविधा नहीं है.
एक शौचालय पर पांच-पांच परिवार आश्रित है. इसके अलावा माहवारी के प्रति किशोरियों में अज्ञानता है. सैनेटरी नैपकीन की जगह गंदे कपड़ों का इस्तेमाल किया जाता है. इससे ज्यादातर किशोरियों में संक्रमण की समस्या उत्पन्न हो रही है. स्किल ट्रेनिंग से जुड़ने की दी गयी जानकारी : संस्था की ओर से किशोरियों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक करने के बाद उन्हें स्किल ट्रेनिंग के बारे में भी जानकारी दी गयी.
जिससे वह ट्रेनिंग लेकर आत्मनिर्भर हो सकती है. उन्हें कंप्यूटर शिक्षा, सिलाई और कढ़ाई बुनाई के बारे में बताया गया. उन्होंने बताया कि ज्यादातर लड़कियां पैसे के अभाव में आगे की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाती है. इससे किशोरियों को स्किल ट्रेनिंग से जोड़ कर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है. ताकि, वह आगे की पढ़ाई कर सकें.
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