बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Election 2024) के लिए विपक्ष को एक मंच पर लाने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं. दिल्ली में कांग्रेस (Congress) के केंद्रीय नेतृत्व से बात करने के बाद सीएम विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर लाने के लिए केंद्र की राजनीति में संयोजक के रुप में सक्रिया हुए. उन्होंने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान देश की राजधानी में मौजूद कई विपक्षी पार्टियों के शीर्ष नेताओं से बातचीत की. अब बताया जा रहा है कि आज मुख्यमंत्री विपक्षी एकता के लिए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) और उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से मुलाकात करने के लिए निकल गए हैं. उनके साथ बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी हैं. साथ में संजय झा समेत अन्य नेता भी शामिल हैं.
सपा और तृणमूल कांग्रेस के साथ से मजबूत होगा विपक्ष
नीतीश कुमार की विपक्षी एकता तब तक पूरी नहीं हो सकती जब तक उन्हें उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और बंगाल में ममता बनर्जी का साथ नहीं मिल जाता. उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा सीट हैं. जबकि पश्चिम बंगाल में 42 लोकसभा सीटों पर विपक्षी की नजर है. रविवार को सीएम ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उनका मकसद केवल विपक्ष को केंद्र में बैठी बीजेपी सरकार के खिलाफ एक मंच पर लाना है. सभी प्रयास करेंगे और एकजुट होकर काम करेंगे तो परिणाम प्राप्त होगा ही.
बीजेपी की बढ़ी परेशानी
लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी के लिए आसान नहीं होने वाला है. नीतीश कुमार की विपक्षी एकता का असर देश की राजनीति में देखने को मिल रहा है. कांग्रेस के साथ, अरविंद केजरीवाल, और लेफ्ट की कई पार्टियों ने साथ आने की बात की है. ऐसे में बिहार के मुख्यमंत्री के ममता बनर्जी और अखिलेश यादव से मिलने की बात से ही बीजेपी में बेचैनी बढ़ गयी है. हालांकि, चुनाव की तैयारी को लेकर बीजेपी भी काफी सक्रिय है.