गोविंदपुर : प्रखंड के 70 प्रतिशत गांवों में बिजली नहीं है. इसके कारण गांव के लोग अंधेरे में जिंदगी जीने को विवश हैं. बिजली नहीं रहने के कारण बच्चों की पढ़ाई में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. ढिबरी की रोशनी के सहारे बच्चों को होम वर्क बनाना पड़ता है. इससे उनके स्वस्थ व आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है.
किसानों को भी बिजली नहीं रहने से खेत पटवन करने में काफी मशक्कत करना पड़ती है. डीजल से पटवन में एक घंटे का सौ रुपये भुगतान करना पड़ रहा है. बिजली वाले गांव में एक घंटे का 20 रुपये खेत पटाने में लिया जाता है. इसको लेकर क्षेत्र के किसान काफी चिंतित हैं. डेलुआ, पीपरा, सरकंडा, पहरैठा, बकसौती, जेपीनगर समेत सैकड़ों गांवों में बिजली नहीं है. गांव के अनुज प्रसाद, बहादुर चौधरी, मिथिलेश प्रसाद, दिलीप सिंह, प्रकाश यादव, अनिल महतो, रिंकू देवी, संजू देवी ने बताया कि जरूरी सुविधाओं की तरफ लोगों का ध्यान नहीं जाता है.