वाद-विवाद. दिल्ली पब्लिक स्कूल के बच्चों ने रखी बेबाक राय
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नोटबंदी पर पक्ष व विपक्ष से तर्कों की हुई बौछार
वाद-विवाद. दिल्ली पब्लिक स्कूल के बच्चों ने रखी बेबाक राय कालाधन, भ्रष्टाचार, कैशलेस विनिमय व जाली नोट पर बच्चों ने रखे अपने-अपने तर्क नवादा नगर : नोटबंदी के पक्ष व विपक्ष में तर्कों का जबरदस्त द्वंद्व रविवार को दिल्ली पब्लिक स्कूल में वाद-विवाद प्रतियोगिता में देखने को मिला. विमुद्रीकरण के मुद्दे पर आठवीं से 10वीं […]
कालाधन, भ्रष्टाचार, कैशलेस विनिमय व जाली नोट पर बच्चों ने रखे अपने-अपने तर्क
नवादा नगर : नोटबंदी के पक्ष व विपक्ष में तर्कों का जबरदस्त द्वंद्व रविवार को दिल्ली पब्लिक स्कूल में वाद-विवाद प्रतियोगिता में देखने को मिला. विमुद्रीकरण के मुद्दे पर आठवीं से 10वीं तक के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. स्कूल के निदेशक शशिभूषण प्रसाद के नेतृत्व में हुए कार्यक्रम में बच्चों का तर्क बड़े-बड़ों को सोचने पर मजबूर कर रहा था. पुराने एक हजार व पांच सौ के नोटों के प्रचलन को बंद करके नये छापे गये दो हजार व पांच सौ के नोट के प्रचलन में आने के बाद के हालात पर पक्ष व विपक्ष में रहे छात्र-छात्राओं ने अपने-अपने तर्क दिये. नोटबंदी के पक्ष में अरिंदम शिरिष के नेतृत्व में विद्यार्थियों ने अपने पक्ष रखते हुए कहा कि नोटबंदी एक क्रांतिकारी कदम है. इससे समाज में फैली असमानता को दूर करने में काफी हद तक मदद मिलेगी.
पुरानी व्यवस्था में गरीब और गरीब जबकि अमीर और अधिक अमीर बनते जा रहे हैं. सरकार की इस व्यवस्था से आम गरीब लोगों को समानता का लाभ मिलेगा. विपक्ष की ओर से तर्क के वाण में आठ नवंबर से अब तक सरकार द्वारा लगातार किये गये उपक्रम पर बातें रखी गयीं. सरकार के दावे के विपरीत जिस प्रकार से बैंकों में कुल जमा होने वाले पुराने एक हजार व पांच सौ के नोट जमा हो रहे, इससे काले धन पकड़ में नहीं आ रहा है. विमुद्रीकरण के पक्ष में तर्क दिया गया कि इससे जाली नोट की संख्या बढ़ जाने के कारण समानांतर आर्थिक व्यवस्था शुरू हो गया था, जो देश के तोड़नेवाली शक्तियों को सीधे लाभ पहुंचाती थी. आतंकवाद व नक्सलवाद को कम करने में यह सहायक हुआ है. विपक्ष के विद्यार्थियों ने शनिवार को ही आतंकी हमले में मारे गये जवानों का उदाहरण देते हुए कहा कि केवल नोटबंदी से ही आतंकवाद का खात्मा संभव नहीं है. वाद-विवाद प्रतियोगिता में भ्रष्टाचार, कालाधन, कैशलेस विनिमय, आतंकवाद, नकली नोट, शिक्षा, गरीबी आदि विषयों पर भी अपने-अपने तर्क दिये. कार्यक्रम में निर्णायक के रूप में प्रभात खबर के विशाल कुमार, पत्रकार विनय कुमार, गौरव मिश्रा, अरुण तिवारी, सुधीर कुमार, बबलू कुमार ने भूमिका निभायी. कार्यक्रम में पक्ष के सर्वश्रेष्ठ वक्ता अरिंदम शिरिष, विपक्ष के सर्वश्रेष्ठ वक्ता राजा कुमार व पूरे वाद विवाद में अच्छे आंकड़ों व सबसे तर्कसंगत पक्ष रखने के लिए कुमार अतुल को सर्वश्रेष्ठ वक्ता का इनाम दिया गया. कार्यक्रम का संचालन अंगरेजी के शिक्षक दिवस कुमार ने किया. आयोजन को सफल बनाने में अभिषेक कुमार, शुभेंदु कुमार, संजीत कुमार, विशाल जयसवाल, नीलकमल, प्रिफेक्ट मास्टर मनीष कुमार व प्रिफेक्ट मिस्ट्रेस प्रियंका कुमारी की भूमिका अहम थी. प्रधानाध्यापिका तृप्ति अग्निहोत्री बच्चों में वाद विवाद से मिलने वाले आत्मविश्वास व भाषा पर पकड़ की सराहना की.
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