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इंस्पेक्टर से सिपाही तक कई पद खाली
छापेमारी में होती है परेशानी नवादा सदर : बिहार-झारखंड के सीमाई इलाका नवादा में शराबबंदी को लेकर चलाये जा रहे अभियान पर कर्मचारियों की कमी के कारण प्रभाव पड़ रहा है. सीमित संसाधन के बीच ही उत्पाद विभाग अपने कार्यों का निबटारा कर रहा है. विभाग में स्वीकृत बल के अनुरूप भी कर्मचारियों के नहीं […]
छापेमारी में होती है परेशानी
नवादा सदर : बिहार-झारखंड के सीमाई इलाका नवादा में शराबबंदी को लेकर चलाये जा रहे अभियान पर कर्मचारियों की कमी के कारण प्रभाव पड़ रहा है. सीमित संसाधन के बीच ही उत्पाद विभाग अपने कार्यों का निबटारा कर रहा है. विभाग में स्वीकृत बल के अनुरूप भी कर्मचारियों के नहीं रहने से परेशानी हो रही है. सूचना के बाद भी छापेमारी नहीं हो रही है.
मात्र एक टीम ही कार्यों को निबटाने में पूरा दिन गुजार देते हैं. जिले के 14 प्रखंडों के अनुसार भी 14 उत्पाद इंस्पेक्टर या दारोगा कार्यरत नहीं हैं. इसके कारण शराबबंदी को जीरो टालरेंस बनाने में सफलता नहीं मिल रही है. झारखंड के रास्ते नवादा में प्रवेश करने वाले चेक पोस्ट पर वाहनों की चेकिंग अभियान उत्पाद विभाग द्वारा चलाया जाता है, तो दूसरी कार्रवाई बाधित हो जाती है. चोरी-छिपे बिकने वाले शराब के खिलाफ भी पूरी कार्रवाई कर्मचारियों की कमी के कारण नहीं की जाती है.
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