नवादा : सुरक्षित बचपन, विकसित समाज की परिकल्पना को धरातल पर उतारने को लेकर नगर भवन में जिला बाल संरक्षण इकाई के तत्वावधान में एक दिवसीय उन्मुखीकरण व प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में उपस्थित पदाधिकारियों को समेकित बाल संरक्षण योजना अंतर्गत बाल समिति के गठन व सुदृढ़ के लिए पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन द्वारा विस्तार से बताया गया. सहायक निदेशक बाल संरक्षण इकाई गीतांजलि ने बताया कि पूर्व में किशोरों के अधिकार का विशेषकर बालिकाओं का शोषण व हनन के काफी मामले प्रकाश में आते थे.
आज संविधान व कानूनी प्रावधानों द्वारा उनके अधिकारों को संरक्षित और सुरक्षित करने हेतु प्रशासनिक व न्यायायिक सहित सभी प्रक्रियाओं का उपयोग किया जा रहा है. बाल विवाह, बाल श्रम, लैंगिक शोषण आदि के विरुद्ध आज कड़े कानून उपलब्ध हैं. बाल संरक्षण पदाधिकारी वंदना गुप्ता ने कहा कि बच्चे हमारे समृद्ध, सांस्कृतिक-सामाजिक विरासत के सशक्त वाहक हैं और हमारे भविष्य हैं. उन्होंने कहा कि हमें ऐसे सामाजिक परिवेश का निर्माण करना होगा जो बच्चों में बिना किसी डर, भेद-भाव के अपना सर्वांगीण विकास के अवसर प्रदान करे.
कार्यक्रम में प्रखंड स्तरीय बाल संरक्षण समिति की संरचना, पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति की संरचना व वार्ड स्तरीय बाल संरक्षण समिति की संरचना व गठन की प्रक्रिया, उसके अधिकारों व कर्तव्यों के बारे में विस्तार से बतलाया गया. बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया, बाल श्रमिक उन्मूलन, मानव व्यापार, परवरिश योजना आदि की भी जानकारी दी गयी तथा योजनाओं से संबंधित बूकलेट व पंपलेट का भी वितरण किया गया. कार्यक्रम में प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रभाकर कुमार सिंह, वंदना गुप्ता, कुमारी संगीता सहित, प्रमुख, उपप्रमुख, मुखिया, सीडीपीओ सहित सभी प्रखंड स्तरीय बाल समिति के सदस्य आदि उपस्थित थे.