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बरसात में खान-पान में बरतें सावधानी

वारिसलीगंज : वर्षा ऋतु बहुत ही मनभावन होती है. जब शरीर स्वस्थ हो और मन पसंद हो, हर किसी को इस मौसम पर लुप्त उठाने की इच्छा होती है. लेकिन इसी मौसम में लोग ज्यादा बीमार हो जाते हैं. इसके कारण सरकारी अस्पताल के अलावा निजी क्लिनिकों में भी रोगियों की संख्या में इजाफा हो […]

वारिसलीगंज : वर्षा ऋतु बहुत ही मनभावन होती है. जब शरीर स्वस्थ हो और मन पसंद हो, हर किसी को इस मौसम पर लुप्त उठाने की इच्छा होती है. लेकिन इसी मौसम में लोग ज्यादा बीमार हो जाते हैं.

इसके कारण सरकारी अस्पताल के अलावा निजी क्लिनिकों में भी रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों के चिकित्सकों के यहां भी इसी तरह का नजारा देखने को मिल रहा है. बरसात की शुरुआत होते ही लोग बीमार होने लगे हैं. वातावरण में नमी, वैक्टीरिया व वायरस के पनपने में भी सहायक होती है. इससे मानव शरीर में तरह-तरह की बीमारियां हो जाती है. वारिसलीगंज के फिजिशियन डॉ अशोक कुमार ने बताया कि बरसात के मौसम में वायरल बीमारियां होने का डर ज्यादा रहता है.

इस मौसम में गंदगी व खाने-पीने की पदार्थों में कई तरह की बीमारियां होती है. बरसात में पानी उबाल कर या फिल्टर कर पीना चाहिए. वासी भोजन का सेवन नहीं कर गरम भोजन का प्रयोग करना चाहिए. बारिश में भींगने से बचना जरूरी है. उन्होंने बरसात में बचाव के लिए भी कई टिप्स दिये हैं.

बरसात में पाचन शक्ति हो जाती है कमजोर : बरसात के दिनों में पाचन शक्ति कमजोर हो जाता है.

इसके कारण खान-पान पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. इस मौसम में हल्का व शीघ्र पचने वाला आहार लेना चाहिए. इससे वह ठीक ढंग से पच जाये. चिकित्सक के अनुसार, इस मौसम में छीलके वाली मूंग के दाल का सेवन करना उत्तम होगा. यह रोग प्रतिरोधक व शक्तिवर्धक है. साग-सब्जी, फल अच्छी तरह धोकर प्रयोग में लाना चाहिए. खान-पान में तोराई, लौकी आदि का सेवन करना फायदेमंद है. जबकि फलों में आम व जामुन लाभदायक है.

बरसात के मौसम में गरिष्ठ भोजन, तले हुए चटपटे स्वाद वाले पदार्थों का सेवन से परहेज करना चाहिए. अति आहार, अति व्यायाम, रात्रि जागना, बारिश की पानी में भींगने व खुली आकाश में सोने से बचना चाहिए.

बरसात में रंगीन कपड़े पहनें : बरसात में रंगीन कपड़ा पहनना चाहिए व ऐसे कपड़ों पहने जो गीले होने पर जल्दी सुख जाये. इसमें नाइलॉन, सिंथसेटिक कपड़े ऐसे होते है, जो जल्दी सुख जाते हैं. बारिश में भींगने पर कपड़े बदलना जरूरी है. क्योंकि बारिश में भींगने से सर्दी, खासी, बुखार हो सकते हैं.

गीले कपड़े से फंगल व त्वचा रोग भी हो सकता है.

शरीर की देखभाल जरूरी : बरसात में शरीर के जोड़ों वाले स्थान को साफ व सूखा रखना चाहिए. इस मौसम में जोड़वाले स्थानों पर दाद, खूजली व चर्मरोग होने की संभावना प्रबल होती है. जबकि बरसात में पैरों की देखभाल करना सबसे ज्यादा जरूरी होती है. क्योंकि सड़कों पर सावधानी से चलने के बावजूद कभी-कभी पैर कीचड़ में घूस जाता है. इससे गंदगी नाखून में घुस जाता है. इसके लिए पैरों के नाखून समय-समय पर काटते रहना चाहिए.

बच्चों व बुजुर्गों की करें देखभाल

बरसात के मौसम में बच्चे व बुजुर्ग ज्यादा बीमार होते हैं. इसलिए उनकी देखभाल की जरूरत भी ज्यादा है. बच्चों के शरीर में बीमारी जल्दी घर कर जाती है. बच्चों में बीमारियों से लड़ने की रोग प्रतिरोधक क्षमता व्यस्कों की अपेक्षा काफी कम होती है.

बरसात की बीमारियां : खुजली, दाद, सर्दी, खासी, उल्टी, वायरल बुखार, मलेरिया, डेंगु, टायफायड, पीलिया, हैजा आदि.

बरसात में क्या करें

बारिश में भींगने से बचें, बारिश में भींगने पर बालों को ज्यादा देर तक गीला न रखें, बारिश से बचने के लिए उपाय करें,

रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, घर में मक्खी न आये, इसके लिए फिनाइल से साफ करें,खाने-पीने की सामान को कभी खुला न छोड़े, बरसात के पूर्व बच्चों को टायफायड व हेपेटाइटिस की वैक्सीन लगवाएं, हमेशा ताजा व गरम भोजन का सेवन करें

बरसात में क्या न करें

वासी भोजन व पहले से कटे हुए फलों का सेवन न करें, तले हुए भोजन से बचें,

सड़क के किनारे मिलने वाला भोजन नहीं करें, ज्यादा ठंडी व खट्टी पदार्थ से बचें.

बारिश से भींगने से बचें.

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