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बोतल की जगह पैग से बेची जा रही शराब

नवादा (सदर) : बिहार में शराब पर लगे प्रतिबंध के बाद भी प्रतिदिन झारखंड से काफी मात्रा में जिले में अंगरेजी व देशी शराब की खेप पहुंच रही है. हालांकि, पुलिस लगातार छापेमारी कर शराब व कारोबारी को पकड़ा जा रहा है. झारखंड की सीमा से सटे नवादा जिले का रजौली व गोविंदपुर के रास्ते […]

नवादा (सदर) : बिहार में शराब पर लगे प्रतिबंध के बाद भी प्रतिदिन झारखंड से काफी मात्रा में जिले में अंगरेजी व देशी शराब की खेप पहुंच रही है. हालांकि, पुलिस लगातार छापेमारी कर शराब व कारोबारी को पकड़ा जा रहा है. झारखंड की सीमा से सटे नवादा जिले का रजौली व गोविंदपुर के रास्ते शराब की आवक हो रही है.
झारखंड से शराब लाकर जिले में धंधा करने वाले कई गिरोह इन दिनों सक्रिय हो गये हैं. धंधे में कई चैनल काम कर रहा है, जो सुरक्षित व्यवसाय को बढ़ावा दे रहे हैं. पुलिस व उत्पाद विभाग की ओर से शराब की बरामदगी करने व कारोबारियों को पकड़ने के लिए तरह-तरह की कवायद कर रही है. इसके बाद भी प्रतिदिन लाखों रुपये की शराब नवादा व आसपास के इलाकों में पहुंच रही है. दिलचस्प बात यह है कि अब शराब की बोतल की जगह पैग की बिक्री का धंधा जोरों पर है.
ब्रांड पर तय होती पैग की कीमत
जिला मुख्यालय के अस्पताल रोड, हाटपर, पुरानी जेल रोड, स्टेडियम रोड, मिर्जापुर, स्टेशन रोड में कई स्थानों पर शाम ढलते ही पैग की बिक्री शुरू हो जाती है. पैग की कीमत सौ रुपये से लेकर तीन सौ रुपये तक होती है.
ब्रांड के अनुसार, पैग की कीमत चुकाने वालों की भीड़ होती है. पैग खत्म कर शराब पीनेवाले अपने रास्ते हो जाते हैं. इस धंधे का ग्राहक बने एक युवक ने बताया कि चोरी-छिपे चल रहे इस धंधे की जानकारी कुछ पुलिस वालों को भी होती है. लेकिन विभाग के कुछ लोग भी पैग के शौकीन रहने के कारण कुछ नहीं कर पाते हैं.
होटलों में भी चल रहा पिलाने का धंधा
एनएच-31 पर स्थित कई होटल ऐसे भी हैं जहां झारखंड से लायी शराब कोपिलाने का धंधा चलाया जा रहा है. शराब की बोतल होटलों में नजर नहीं आयेगी, परंतु होटल के कर्मचारी से संपर्क करके शराब का आनंद लिया जा सकता है. पुलिस व उत्पाद विभाग की दबिश के कारण सड़क मार्ग से नहीं लाकर कारोबारी गांव से होकर शराब को लेकर नवादा पहुंच रहे हैं.
तीन चैनल में धंधे को अंजाम दिया जा रहा है. झारखंड से शराब नवादा की सीमा में प्रवेश कराने का काम पहले चैनल का होता हैं. दूसरे चैनल का काम शराब को मुख्य धंधेबाज के पास पहुंचाना होता है. इसके बाद के चैनल का काम शराब को ग्राहकों तक पहुंचाना होता है.

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