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आधी आबादी सामने आयी, तो बदली फिज़ा
राज्य सरकार की तरफ से एक अप्रैल से देशी शराब पर रोक लगाने व पांच अप्रैल से पूर्ण शराबबंदी लागू किये जाने का असर समाज पर दिखाई देने लगा है. जो लोग शराब पीते थे, उनकी जिंदगी तो बदल ही रही है और जो लोग शराब पीनेवालों से परेशान रहते थे, उन्हें भी बड़ी राहत […]
राज्य सरकार की तरफ से एक अप्रैल से देशी शराब पर रोक लगाने व पांच अप्रैल से पूर्ण शराबबंदी लागू किये जाने का असर समाज पर दिखाई देने लगा है. जो लोग शराब पीते थे, उनकी जिंदगी तो बदल ही रही है और जो लोग शराब पीनेवालों से परेशान रहते थे, उन्हें भी बड़ी राहत मिली है.
खासकर, महिलाएं पूर्ण शराबबंदी से काफी खुश हैं. समाज के हर तबके के लोग पूर्ण शराबबंदी का खुल कर स्वागत कर रहे हैं. इसका सबसे अधिक फायदा तो उन्हें मिल रहा है, जो पंचायत चुनाव लड़ रहे हैं. अब प्रत्याशियों को शराब बांटने के लिए न तो पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं, न ही कोई शराब मांग रहा है. अगर उनसे मांग की जा रही है, तो गांव की नालियाें, गलियाें व बिगड़े चापाकलों को बनवाने की. पेश है शराबबंदी से हो रहे बदलाव पर रिपोर्ट.
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