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जल्द शुरू होगा गया-किऊल का दोहरीकरण

स्थानीय सांसद सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह शनिवार को अपने तीन दिवसीय दौरे के क्रम में नवादा पहुंचे. उन्होंने कार्यकर्ताओं से मिलने के बाद जिला पदाधिकारी के साथ कई विषयों पर चर्चा की. बाद में मंत्री ने कौआकोल में आयोजित कार्यक्रम में भी भाग लिया. नवादा नगर : गया-किऊल रेलखंड के दोहरीकरण की घोषणा पिछले […]

स्थानीय सांसद सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह शनिवार को अपने तीन दिवसीय दौरे के क्रम में नवादा पहुंचे. उन्होंने कार्यकर्ताओं से मिलने के बाद जिला पदाधिकारी के साथ कई विषयों पर चर्चा की. बाद में मंत्री ने कौआकोल में आयोजित कार्यक्रम में भी भाग लिया.
नवादा नगर : गया-किऊल रेलखंड के दोहरीकरण की घोषणा पिछले रेल बजट में किया गया था. केंद्रीय रेलमंत्री ने कहा है कि मार्च के आखिरी सप्ताह के आसपास निर्माण कार्य के लिए आधारशिला रखे जाने की संभावना है. ये बातें केंद्रीय मंत्री व स्थानीय सांसद गिरिराज सिंह ने कहीं.
उन्होंने कहा कि दोहरीकरण का केंद्रीय रेल राज्य मंत्री आधारशिला रखेंगे. इसके लिए सारी तैयारियां की जा रही है. उन्होंने कहा कि बजट सत्र के बाद रेल परियोजना पर काम शुरू होगा. इसके लिए काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिले में कृषि आधारित उद्योग से लोगों को जोड़कर रोजगार सृजन के नये क्षेत्र पैदा किये जा रहे हैं. खनवां में सोलर चरखा इसका बड़ा उदाहरण बन कर उभरा है. शनिवार को केंद्रीय मंत्री ने डीएम मनोज कुमार के साथ वार्ता कर जिले में चलायी जा रही विकास योजनाओं की जानकारी ली.
साथ ही, आदर्श गांव खनवां में महिलाओं को आर्थिक सशक्त बनाते हुए सोलर चरखा के माध्यम से स्वरोजगार शुरू करने की योजना की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि तीन सौ से अधिक महिलाओं को मार्च के अंत तक सोलर चरखा उपलब्ध हो जायेगा, जिससे तैयार धागा एक अच्छा रोजगार का माध्यम बनेगा. उन्होंने कहा कि चरखा से केवल धागा ही नहीं कई लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा. धागा से कपड़ा बनने तक तथा इसकी बिक्री के लिए दुकानों तक पहुंचने में लोगों को रोजगार मिलनेवाला है.
उन्होंने नवादा के खनवां में सोलर चरखा, डेरमा में मशरूम उद्योग, ओढ़नपुर में कैटलफिड उद्योग व बेलर में एरोमेटिक पौधों के उत्पादन केंद्र बनाने की बात कही. इसके लिए लोगों को प्रशिक्षण व ऋण उपलब्ध कराकर रोजगार से जोड़ने की बात कही.
उन्होंने अप्रैल के अंत तक लघु व सुक्ष्म उद्योग मंत्रालय द्वारा नेशनल स्मॉल इंडस्ट्रीज कॉपोरेशन द्वारा ट्रेनिंग सेंटर शुरू करने की बात कही. इन योजनाओं को शुरू करने के लिए आ रही जमीन की दिक्कत को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री से मिलकर विकास में सहयोग करने की बात भी केंद्रीयमंत्री ने कहा. उन्होंने डीएम से विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर आ रही परेशानियों के बारे में चर्चा की. उन्होंने कहा कि जीविका के माध्यम से महिलाओं को रोजगार से जोड़ने का काम किया जाता है, लेकिन इसे भी कॉमशियल मॉडल अपनाने की जरूरत है.
जब तक लोगों को किये जा रहे काम से आय नहीं होगा तो इसका लाभ सामान्य रूप से नहीं मिल पायेगा. प्रधानमंत्री सोलर चरखा के उपयोग को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा कि पूरे देश में राजस्थान के दौसा व नवादा के खनवां में सोलर चरखा के माध्यम से महिलाओं को रोजगार देने की शुरुआत हुई है. सोलर चरखा एक साथ कई लोगों को रोजगार देने में सक्षम है. उन्होंने आइटीआइ में नये टूल रूम बनाने के लिए दो एकड़ जमीन उपलब्ध कराने की बात कही, ताकि युवाओं को ट्रेनिंग देकर कैंपस सलेक्शन कर रोजगार उपलब्ध कराया जा सके.
ट्रेनिंग सेंटर के लिए जमीन की हो रही खोज
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि एनएसआइसी का ट्रेनिंग सेंटर व आइटीआइ में टूल रूम बनाने के लिए जमीन उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री को लिखा गया है. यदि जमीन राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करा दी जाती है तो युवाओं को रोजगार के लिए प्रशिक्षण देने का संस्थान जिला में बन पायेगा. उन्होंने कहा कि नौ मार्च को मुख्यमंत्री से मिलने के लिए समय मांगे हैं. यदि उनका समय मिलता है तो इसके लिए जमीन की मांग करेंगे. उन्होंने कहा कि जिले में मशरूम उद्योग, कैटलफिड, सोलर चरखा उद्योग, औषधीय पौधे लगाने जैसे काम की शुरुआत हो चुकी है. इससे अधिक से अधिक लोगों को जोड़कर रोजगार सृजन करने की जरूरत है.

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