कांट्रेक्ट इंस्ट्रक्टर के भरोसे चल रहा आइटीआइ आइटीआइ के 13 ट्रेडों के लिए चाहिए 33 इंस्ट्रक्टरकई ट्रेडों में नहीं है एक भी इंस्ट्रक्टरप्रतिनिधि, नवादा (नगर)स्कील इंडिया के तहत युवाओं को कार्य कुशल बना कर रोजगार के लिए अवसर प्रदान करने की सोंच भारत सरकार कर रही है. लेकिन, युवाओं को हुनरमंद बनाने वाले संस्थानों में ट्रेनरों का घोर अभाव है. कम ट्रेनरों के भरोसे संस्थान को चलाया जा रहा है. जिला में स्थित आइटीआइ में कई ट्रेडों में इंस्ट्रक्टर बहाल नहीं है. इनकी जगह दूसरे ट्रेडों के ट्रेनर किसी तरह कोर्स पूरा करने का काम करते हैं. आइटीआइ में इलेक्ट्रीशियन, फीटर, टर्नर, मैसनिस्ट, वायरमैन, एमआरएसी, मैकेनिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, वेल्डर, मोल्डर, मैकेनिक ट्रैक्टर, एएमवी जैसे कई ट्रेडों में पढ़ाई की व्यवस्था है. लेकिन, इन ट्रेडों में नामांकन के बावजूद पर्याप्त मात्रा में इंस्ट्रक्टर का घोर अभाव है. आइटीआइ में सृजित पद के अनुसार 33 इंस्ट्रक्टर का पद है. लेकिन, वर्तमान में केवल 11 इंस्ट्रक्टरों के भरोसे संस्थान चलाया जा रहा है. इस वर्ष से मैकेनिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी जैसे नये कोर्स भी शुरू किये गये है, लेकिन इन ट्रेडों में एक भी इंस्ट्रक्टर बहाल नहीं है. विद्यार्थियों का नामांकन भले ही इन ट्रेडों में हो गया है, लेकिन दूसरे ट्रेडों के इंस्ट्रक्टर के भरोसे इनकी क्लास चलायी जा रही है. किसी तरह चल रहा काम आइटीआइ के पास पर्याप्त मात्रा में इंस्ट्रक्टर की बहाली नहीं होने के कारण कुछ ट्रडों के लिए राज्य कार्यालय के निर्देशानुसार कांट्रेक्ट पर इंस्ट्रक्टर बहाल किये गये हैं. लेकिन, कांट्रेक्ट पर भी पर्याप्त मात्रा में इंस्ट्रक्टर नहीं रखे गये है. फिलहाल इलेक्ट्रीशियन व फीटर ट्रेडों में नामांकित विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए कांट्रेक्ट पर छह इंस्ट्रक्टर रखे गये हैं. इससे से विद्यार्थियों को इन ट्रेडों में पढ़ाई की सुविधा बढ़ी है. लेकिन, अन्य ट्रेडों में अभी भी ट्रेनरों का घोर अभाव है. खास कर मैकेनिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, मैकेनिक ट्रैक्टर जैसे ट्रेडों में ट्रेनर नहीं रहने के कारण किसी तरह काम चलाया जा रहा है. एक ओर जहां सरकार युवाओं का स्कील डेवलपमेंट करने की बात कर रही है वहीं आइटीआइ जैसे प्रशिक्षण के संस्थानों में इंस्ट्रक्टर ही नहीं है. विद्यार्थियों को होती है परेशानीआइटीआइ का सिलेबस अब समेस्टर वाइज कर दिया गया है. ऐसे में हरेक समेस्टर में अलग-अलग सिलेबस बनाये गये हैं. नये सिलेबस के अनुसार विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल वर्क भी अधिक करना पड़ रहा है. इंस्ट्रक्टर की कमी के कारण विद्यार्थी अपने सिलेबस को पूरा नहीं कर पाते हैं. आइटीआइ प्रशासन द्वारा पाठ्यक्रम को पूरा करने का दावा, तो किया जाता है, लेकिन सीमित संसाधन के कारण शायद ही सिलेबस पूरा हो पाता है. आइटीआइ प्रशासन द्वारा सभी ट्रेडों के लिए आवश्यकतानुसार ट्रेनर रखने की बात कही जा रही है, लेकिन कई बार राज्य कार्यालय से पत्राचार होने के बाद भी अनुबंध पर ट्रेनर रखने की अनुमति नहीं मिला है. फिलहाल आवश्यकता से काफी कम ट्रेनरों के मदद से संस्था की गाड़ी चल रही है. खास कर नये ट्रेडों के चालू होने से यह समस्या और बढ़ी है. 33 की जगह 11 इंस्ट्रक्टर जिले में इंस्ट्रक्टरों की कमी है. 33 सृजित पद की जगह केवल 11 इंस्ट्रक्टर कार्यरत है. छह ट्रेनरों को अनुबंध पर रखा गया है. ट्रेनरों को अनुबंध पर रखने के लिए पत्राचार किया जा रहा है, लेकिन फिलहाल अभी नये ट्रेनरों को रखने की अनुमति नहीं मिली है. विद्यार्थियों को सिलेबस को पूरा करने का काम अन्य ट्रेडों के इंस्ट्रक्टर द्वारा किया जाता है. सुनील कुमार, उप प्राचार्य, आइटीआइ, नवादा
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कांट्रेक्ट इंस्ट्रक्टर के भरोसे चल रहा आइटीआइ
कांट्रेक्ट इंस्ट्रक्टर के भरोसे चल रहा आइटीआइ आइटीआइ के 13 ट्रेडों के लिए चाहिए 33 इंस्ट्रक्टरकई ट्रेडों में नहीं है एक भी इंस्ट्रक्टरप्रतिनिधि, नवादा (नगर)स्कील इंडिया के तहत युवाओं को कार्य कुशल बना कर रोजगार के लिए अवसर प्रदान करने की सोंच भारत सरकार कर रही है. लेकिन, युवाओं को हुनरमंद बनाने वाले संस्थानों में […]
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