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यादे सहेज कर गये युवा

यादे सहेज कर गये युवा नेहरू युवा केंद्र का राष्ट्रीय एकता शिविर का हुआ समापन खाने व रहने की समस्या का भी प्रतिनिधियों ने किया शिकायतसात राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे एकता शिविर मेंफोटो-3,4 से 4 एफ तकप्रतिनिधि, नवादा (नगर)नेहरू युवा केंद्र के राष्ट्रीय एकता शिविर का समापन सोमवार को समारोह पूर्वक किया गया. […]

यादे सहेज कर गये युवा नेहरू युवा केंद्र का राष्ट्रीय एकता शिविर का हुआ समापन खाने व रहने की समस्या का भी प्रतिनिधियों ने किया शिकायतसात राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे एकता शिविर मेंफोटो-3,4 से 4 एफ तकप्रतिनिधि, नवादा (नगर)नेहरू युवा केंद्र के राष्ट्रीय एकता शिविर का समापन सोमवार को समारोह पूर्वक किया गया. सभी सात राज्यों से आये प्रतिनिधियों को कार्यक्रम में स्मृति चिह्न देकर विदा किया गया. समारोह का समापन गीत संगीत के साथ किया गया. कभी अलविदा न कहना गीत पर सभी प्रतिनिधियों के आंखों में आंसू आ गये. लोगों ने भारी मन से एक दूसरे को विदाई दिया. समापन कार्यक्रम में जिला पर्षद सदस्य प्रेमा चौधरी भी मौजूद रही. उन्होंने आये प्रतिनिधियों का स्वागत किया और कहा कि जिले में इस प्रकार के कार्यक्रम कम ही देखने को मिलते है, जिसमें देश के कई राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं. समापन कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आये कलाकारों ने कई शानदार प्रस्तुतियां भी दी. युवा कार्यक्रम खेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित राष्ट्रीय एकता शिविर 2015-16 का आयोजन 26 से 30 नवंबर तक बिहार सेवा संस्थान में किया गया. लेकिन, शिविर में तय कार्यक्रमों का संचालन कभी भी सही से नहीं किया गया. समय सारिणी का पालन नहीं किये जाने के कारण राष्ट्रीय स्तर पर तय कई महत्वपूर्ण विषयों पर परिचर्चा का भी आयोजन शिविर में नहीं हो पाया. राष्ट्रीय एकता शिविर में फील इंडिया प्रस्तुति करण, राष्ट्रीय सद्भावना, उद्यान में पौधारोपण, भारत स्वतंत्रता आंदोलन की विशेषता, ऐतिहासिक परिदृष्य, भारतीय लोकतंत्र की विशेषता, नेहरू का आद्युनिक विचार का वैज्ञानिक दृष्टिकोण, लिंग आधारित महिला हिंसा व महिला उत्पीड़न, युवा विकास का सशक्तिकरण, अपंगों का विकास, पर्यावरण संरक्षण जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर परिचर्चा का आयोजन विशेषज्ञों द्वारा किया जाना था. लेकिन, जिला की ओर से एक दो विषयों को छोड़कर किसी अन्य विषयों पर परिचर्चा नहीं हो पायी. शिविर में आये प्रतिभागियों ने इस विषय की शिकायत करते हुए कहा कि शिविर में कार्यक्रमों का सही ढंग से संचालन नहीं होने के कारण दिया गया कार्यक्रम विवरणिका बेकार साबित हुआ. कार्यक्रम का सही से नहीं हुआ प्रचार-प्रसारनवादा जिले में राष्ट्रीय स्तर पर एकता शिविर आयोजित करने का कार्यक्रम वर्ष 2014 में ही तय हो गया था. मार्च 2015 को इसके लिए सारी तैयारी करने का निर्देश खेल एवं युवा मंत्रालय द्वारा जिला के नेहरू युवा केंद्र के पदाधिकारियों को दे दिया गया था. 26 से 30 नवंबर तक शिविर लगाने की तिथि की घोषणा के बावजूद नेहरू युवा केंद्र के पदाधिकारी अंतिम दिनों में तैयारी में जुटे. यही कारण है कि न तो कार्यक्रमों को सही से प्रचार-प्रसार हो पाया और न ही कार्यक्रमों का शिविर में सही से संचालन हुआ. उद्घाटन कार्यक्रम में डीएम मनोज कुमार सहित जिला के अन्य अधिकारियों ने भी इस कार्यक्रम के लिए सही से सूचना उपलब्ध नहीं कराने की बात कही थी. शिविर में आये प्रतिनिधियों को इसका खामियाजा भुतना पड़ा. सभी प्रतिभागियों को नहीं मिल पाया यात्रा भत्ता सरकार की ओर से शिविर में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों के लिए यात्रा भत्ता की व्यवस्था की गयी थी. लेकिन, कई राज्यों से अधिक प्रतिनिधि आने की बात कह के सभी राज्यों से आये प्रतिनिधियों को तय यात्रा भत्ता से कम रुपये दिये गये. कई प्रतिनिधियों ने इसकी शिकायत भी की. पश्चिम बंगाल से आये प्रतिनिधियों को 20 हजार की जगह 18 हजार, सिक्किम से आये प्रतिनिधियों को 36 हजार की जगह 33 हजार, छत्तीसगढ़ से आये प्रतिनिधियों को 32 हजार की जगह 28 हजार, यूपी से आये प्रतिनिधियों को 42 हजार की जगह 32 हजार रुपये दिये गये. बिहार व झारखंड के प्रतिनिधियों को तय रुपये से काफी कम राशि दिया गया. एनवाइके के अधिकारियों की मानें, तो कार्यक्रम के लिए लगभग तीन लाख 90 हजार रुपये का बजट उपलब्ध कराया गया था. लेकिन, प्रतिनिधियों के लिए किये गये व्यवस्था से साफ दिख रहा था कि इसमें गोलमाल किया गया है. बोले प्रतिनिधिकार्यक्रम में खूब मजा आया. सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन तो कई बार हुआ लेकिन सूची में तय कार्यक्रम कम ही हो पाये. शुरू में खानपान एडजस्ट करने में परेशानी हुई लेकिन बाद में यह ठीक हो गया.अंजु राय, सिक्किमशिविर में कई राज्यों के लोगों से दोस्ती करने का मौका मिला. काफी कुछ सीखने को भी मिला है. रहने खाने की व्यवस्था औसत था. ऋतु, दिल्ली हमलोगों को अतिथि सेवा करने का मौका मिला है. दूसरे राज्यों के लोगों के साथ मिल कर खुशी हुई है. अनुशंसा भारती, मुंगेरराष्ट्रीय एकता शिविर जीवन का सबसे अच्छा अनुभव रहा. काफी कुछ सीखने का मिला है. दूसरे राज्यों कर संस्कृति को समझे है. यदि तय विषयों पर चर्चा होती तो और अच्छा होतासंगीता जांगड़े, छत्तीसगढ़ अलग भाषा, अलग ड्रेस के बावजूद हम एक है. यह देखने को हमलोग को मिला.शिविर में राजगीर व अन्य जगह घुमने का भी मौका मिला. अंतरा खान, पश्चिम बंगालहमलोगों को सीखने के लिए यहां बहुत कुछ था. हमने यहां कई लोगों से दोस्ती किया है. हालांकि, समय से कार्यक्रम का संचालन नहीं होने का दु:ख भी है.खुशबू वर्मा, यूपीरहने व खाने की व्यवस्था उतनी अच्छी नहीं थी. कार्यक्रम में मजा आया. बहुत कुछ सीखने को मिला. कार्यक्रम को और अच्छा बनाया जा सकता था. सोनी पटेल, झारखंडबोले अधिकारीशिविर शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया. कुछ गड़बड़ियां हुई है. इसे सुधारने का प्रयास करेंगे. कई राज्यों से तय संख्या से अधिक प्रतिनिधि आ जाने के कारण भी कुछ समस्या हुई है. शिविर में शामिल प्रतिनिधियों को सर्टिफिकेट दिया गया है. चितरंजन मंडल, युवा समन्वयक, एनवाइके

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