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हर माह दर्ज हो रहे 10 मुकदमे
समाधान की उम्मीद. उपभोक्ता फोरम में पहुंच रहे बिजली विभाग के मामले नवादा (नगर) : पैसे के बदले में सही सेवा मिलना हरेक उपभोक्ता का अधिकार है. यदि उपभोक्ता को सही सेवा नहीं मिलती है, तो इसके लिए उपभोक्ता फोरम भी मददगार साबित होता है. फोरम में इन दिनों बिजली विभाग से जुड़े मामलों की […]
समाधान की उम्मीद. उपभोक्ता फोरम में पहुंच रहे बिजली विभाग के मामले
नवादा (नगर) : पैसे के बदले में सही सेवा मिलना हरेक उपभोक्ता का अधिकार है. यदि उपभोक्ता को सही सेवा नहीं मिलती है, तो इसके लिए उपभोक्ता फोरम भी मददगार साबित होता है. फोरम में इन दिनों बिजली विभाग से जुड़े मामलों की शिकायत सबसे अधिक प्राप्त हो रही है. प्रतिमाह पांच से 10 ऐसे मुकदमे दायर हो रहे हैं, जिनमें विभाग द्वारा अनियमितता बरती गयी होती है.
उपभोक्ताओं के पास यदि विभाग से संबंधित कोई भी गलत बिल अथवा अन्य प्रकार की परेशानी होती है, तो वह उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज करा सकते हैं. पिछले दिनों बिजली विभाग के कारनामों से परेशान कई उपभोक्ताओं ने फोरम की मदद से न्याय पाया है.
उपभोक्ता ऐसे करें शिकायत
उपभोक्ता फोरम में शिकायत करने के लिए किसी भी ग्राहक को सबसे पहले विभाग द्वारा होने वाली गलती की जानकारी संबंधित अधिकारी से करनी होगी़ शिकायत लिखित में की गयी हो उसकी प्राप्ति रसीद भी उपभोक्ता के पास रहे़ उपभोक्ता को यदि गलत बिजली मिल मिलने की शिकायत है, तो उनको अपना सही बिल व गलत बिल दोनों रखना होगा. उपभोक्ता फोरम में केस दर्ज करने के लिए 50 रुपये से भी कम खर्च होते हैं. इसके बाद ग्राहक खुद से अपना मुकदमा लड़ सकता है. इसके लिए किसी वकील की आवश्यकता नहीं है.
उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज करने के पहले ग्राहकों को प्रयास करना चाहिए कि वह विभाग से संबंधित वरीय अधिकारियों को भी सेवा में हुई त्रुटि की जानकारी दें. ताकि, वरीय अधिकारी को भी यह कहने का मौका नहीं मिले कि हमें इससे संबंधित जानकारी नहीं दी गयी.
एक माह में सुधार नहीं होने पर करें शिकायत
अधिक बिजली बिल आने, मीटर रीडिंग नहीं होने, बिजली बिल नहीं आने, विलंब से बिजली बिल मिलने एक साथ कई महीनों का बिल जुड़ कर आने, मीटर रीडिंग का पठन गलत लिखा जाने आदि से संबंधित यदि कोई शिकायत होने पर लिखित रूप से संबंधित अधिकारियों को शिकायत करें. इसकी रिसीविंग भी प्राप्त करें व एक माह के अंदर यदि सेवा में हुई गलती का सुधार नहीं होता है, तो तत्काल उपभोक्ता फोरम में केस करें, ताकि उसका निबटारा जल्द हो सके. यदि विलंब से केस किया जाता है, तो इसका निबटारा होने में समय अधिक लगता है.
ग्राहकों को यदि सही सेवा नहीं मिलती है तो इसके बदले में विभाग पर 20 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. उपभोक्ताओं को यह अधिकार है कि वह अपने द्वारा खर्च किये गये रुपये के बदले में सही सेवा प्राप्त करें. यदि विभाग द्वारा उसे सही सेवा नहीं मिलती है, तो वह अपने साथ हुए शारीरिक, मानसिक व आर्थिक नुकसान के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में जुर्माना प्राप्त करें.
स्वयं रख सकते हैं अपनी समस्या
ग्राहकों को सही सेवा पाने का पूरा हक है. यदि बिजली विभाग द्वारा गड़बड़ बिल भेजने सहित किसी भी अन्य प्रकार क शिकायतें है तो उपभोक्ता आसानी में कम खर्च में अपना न्याय पा सकते है. उपभोक्ता फोरम में केस लड़ने के लिए किसी वकील को रखने की जरूरत नहीं है.
उपभोक्ता स्वयं ही अपनी समस्या को फोरम के सामने रख सकता है. उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे अपनी शिकायत सबसे पहले संबंधित अधिकारी को करें तथा उसकी लिखित रिसीविंग भी प्राप्त करे. बिजली विभाग की शिकायतों से जुड़ी कई मामले फोरम को प्राप्त हुए है. जिसमें कई मामलों में विभाग पर जुर्माना हुआ है अथवा ग्राहकों के साथ समझौता करके मामलों का निबटारा किया गया है. डॉ पूनम शर्मा, सदस्य, जिला उपभोक्ता फोरम
कई मामलों का हुआ निबटारा
जनवरी से अब तक उपभोक्ता फोरम द्वारा बिजली विभाग से संबंधित कई मामलों का निबटारा किया गया है. श्वेता सिन्हा, प्रसाद बिगहा के राजकुमार जैसे कई उपभोक्ताओं के मामले का निबटारा किया गया है.
इनमें से कई मामलों में विभाग ने अपनी गलती मानते हुए ग्राहकों से समझौता करके मामलों का निबटारा किया है. फोरम में न्यूनतम तीन महीनों में केस का फैसला हो जाता है. यदि सही तरीके से कोर्ट की कार्रवाई चली तो 90 दिनों में कार्रवाई तय है.
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