नवादा : एक तरफ सरकार विद्युत आपूर्ति राज्य भर में 24 घंटा निर्बाध रूप से किये जाने की बात कह रही है और दूसरी तरफ इसकी लचर व्यवस्था से लोग त्रस्त हो रहे हैं. इससे बिजली की आपूर्ति प्रभावित हो रही है. दुर्भाग्य यह हो गया है कि लाखों की आबादी वाले इस जिले में मात्र एक ही फ्यूज काॅल सेंटर है.
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एक ही फ्यूज कॉल सेंटर के सहारे पूरे जिले की हो रही देखभाल
नवादा : एक तरफ सरकार विद्युत आपूर्ति राज्य भर में 24 घंटा निर्बाध रूप से किये जाने की बात कह रही है और दूसरी तरफ इसकी लचर व्यवस्था से लोग त्रस्त हो रहे हैं. इससे बिजली की आपूर्ति प्रभावित हो रही है. दुर्भाग्य यह हो गया है कि लाखों की आबादी वाले इस जिले में […]
इसके भरोसे पूरे जिले का शिकायत दर्ज किया जाता है. इससे भी बड़ी दुर्भाग्य इस बात की है कि यहां जिस नंबर पर शिकायत दर्ज की जाती है वह भी व्यस्त ही पाया जाता है. मात्र एक ही नंबर के सहारे पूरे जिले के विद्युत समस्याओं का कम्पलेन दर्ज की व्यवस्था से आम नागरिक पूरी तरह से त्रस्त हो चुके हैं.
शहर के पारनवादा डोभरा पर पावर सब स्टेशन बनी हुई है. जहां विद्युत से होने वाली कोई भी समस्या या दुर्घटना होती है तो दर्ज कराया जाता है. इतना ही नहीं रजौली को भी अलग डिवीजन बना दिया गया है. बावजूद यहां का भी कम्पलेन अभी नवादा में ही दर्ज किया जा रहा है. यही वजह है कि छोटी या बड़ी कोई भी विद्युत से जुड़ी समस्या होती है तो 24 घंटा के बाद ही सुनवाई होती है.
पुराने तार बदल कर कवर्ड तार लगाने में विलंब से लोग परेशान
हाईटेंशन के 11 हजार व लो-टेंशन के 440 वोल्ट के तारों को कवर्ड करने में हो रही विलंब के कारण तार गिरने की समस्या सबसे अधिक आ रही है. जिला मुख्यालय के पुराने व जर्जर खुले तारों को बदलने का काम शुरू किया गया है. शहरी क्षेत्र में सभी हाईटेंशन व लो-टेंशन के तारों को बदलते हुए कवर्ड किया जा रहा है.
लेकिन इसकी गति इतनी धीमी है कि बरसात में सही से बिजली सप्लाई संभव नहीं दिख रही है. शहर के अस्पताल रोड, स्टेडियम रोड आदि में मैकेनिक काम को पूरा किये हैं. बार-बार तार टूटने, बिजली चोरी को रोकने आदि में भी कवर्ड तारों से लाभ तो मिलेगा, लेकिन इसमें तेजी नहीं आने से आये दिन हादसाएं हो रही है.
बारिश शुरू होने से पहले काम में तेजी नहीं
अधिकारी की माने तो आंधी व तूफान के कारण सड़क किनारे लगे ओपेन तारों से पेड़ की डाली, पत्ते या अन्य चीजों के टकराने के कारण बिजली की सप्लाई रोकनी पड़ती है. फॉल्ट आने के बाद इसे ठीक करने में समय लगता है.
हीट एंड थ्रो के नियम पर ही फॉल्ट आये तारों की जांच संभव होती है. इस कारण बरसात होने पर कुछ समय के लिए सप्लाई बाधित हो जाती है. इस समस्या के समाधान के लिए कवर्ड तार लगाये जा रहे हैं. लेकिन, इसकी गति धीमी होने के कारण हमलोगों को परेशानी हो रही है.
ट्रांसफॉर्मर की बढ़ायी जा रही क्षमता
अधिकारी ने कहा कि ओवरलोड ट्रांसफॉर्मर को बदल कर उसमें अधिक क्षमता का ट्रांसफॉर्मर लगाने या आवश्यकतानुसार नया ट्रांसफॉर्मर भी लगाया जा रहा है. पिछले कुछ दिनों में दस से अधिक ट्रांसफॉर्मरों को हटा कर अधिक पावर का ट्रांसफॉर्मर लगाया गया है.
कवर्ड तार से मिलेगी सुरक्षा
शहरी क्षेत्र के सभी 11 हजार के हाईटेंशन व 440 वोल्ट के लो-टेंशन के तारों को बदलने का काम चल रहा है. अस्पताल रोड, खुरी नदी के पास, एक नंवर फीडर हाट के पास सहित अन्य स्थानों में पिछले दिनों 11 हजार का तार टूट कर गिरने की घटना हो चुकी है.
कवर्ड तार हो जाने से तार टूट कर गिरने की समस्या का हद तक समाधान हो जायेगा. पुराने तारों को बदलने के लिए बड़ा सिमेंटेड पोल को खड़ा करके पहले हाईटेंशन तथा दूसरे स्थान पर लो टेंशन के तारों को लगाकर बिजली की आपूर्ति होगी. कवर्ड तारों को लगाये जाने से बिजली वितरण की समस्या भी दूर होगी.
क्या कहते हैं अधिकारी
रेवन्यू में तेजी नहीं आने से फ्यूल सेंटर को बढ़ाने में परेशानी हो रही है. जिले में अभी मात्र 20 से 40 फीसदी ही रेवन्यू वसूली हो पा रही है. वैसे रजौली के लिए अलग फ्यूल सेंटर बनाया जायेगा. शहरी क्षेत्रों में कवर्ड तारों को लगाया जा रहा है.
तार बदले जाने के बाद आपूर्ति सही हो पायेगी. कवर्ड तार लग जाने से उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा. सुरक्षा के लिए यह तार अच्छा रहेगा. जरूरत के अनुसार ट्रांस्फार्मर को बदला या उसकी क्षमता बढ़ाई जा रही है.
अंबुज कुमार हिमांशु, सहायक कार्यपालक अभियंता
बिजली चोरी पर लगेगी रोक
कवर्ड तार हो जाने से बिना मीटर कनेक्शन के टोंका फंसाकर बिजली का उपयोग नहीं हो पायेगा. शहरी क्षेत्र में वैसे भी बिजली चोरी कम हो पाती है कवर्ड तार लगने से इस पर और सख्ती के साथ रोक लगेगा. कवर्ड तार सुरक्षा व बिजली चोरी रोकने दोनो के लिहाज से अच्छा रहेगा.
शहर के कई हिस्सों में ओपन बिजली तार संकरी गलियों व सड़कों के ऊपर से गुजरी है, जो अक्सर दुर्घटना का कारण बनती है. हाल में वीआइपी कॉलोनी में 11 हजार वोल्ट के तार की चपेट में आने से एक भैंस मर गयी थी.
काम की रफ्तार है धीमी
विभाग की एजेंसी क्रिप्स व क्रेप्टन के द्वारा तार बदलने का काम धीमी गति से किया जा रहा है. विभागीय अधिकारी के अनुसार, मुख्यालय में तार बदलने के लिए प्रत्येक दिन दो घंटे बिजली सप्लाई बंद करके काम कराया जा रहा है. लेकिन, अब इसे भी लोगों की शिकायत के बाद कम करना पड़ रहा है. काम की धीमी गति होने के कारण शहर के अधिकतर हिस्सों में तार बदलने जाने का काम शुरू भी नहीं हो पाया है.
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