बेटियों के चेहरे की खुशी बता रही कार्यक्रम की सफलता
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बेटियों को सशक्त बनने की प्रेरणा
बेटियों के चेहरे की खुशी बता रही कार्यक्रम की सफलता बिहारशरीफ : जिले के बेटियों को नालंदा पुलिस की पहल पर बुधवार को दंगल फिल्म दिखाया गया. इसका उद्देश्य बेटियों को सशक्त बनाने की कोशिश करना है. स्कूल,कॉलेज व कोचिंग की छात्राओं को स्थानीय एक टॉकिज में यह फिल्म दिखायी गयी. फिल्म देखने के लिए […]
बिहारशरीफ : जिले के बेटियों को नालंदा पुलिस की पहल पर बुधवार को दंगल फिल्म दिखाया गया. इसका उद्देश्य बेटियों को सशक्त बनाने की कोशिश करना है. स्कूल,कॉलेज व कोचिंग की छात्राओं को स्थानीय एक टॉकिज में यह फिल्म दिखायी गयी. फिल्म देखने के लिए छात्राओं के ‘दंगल’ से व्यवस्थापकों को पसीने ने छूट गये. नालंदा पुलिस की कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत इस पहल का हर कोई कायल दिखा. टॉकिज परिसर में बुधवार की सुबह से छात्राओं का हुजूम उमड़ पड़ा.
रेसलर गीता फॉगाट के जीवन पर आधारित दंगल फिल्म को देखने के जिले की बेटियों को बुलाया गया. जिले के करीब 700 बेटियों ने यह फिल्म देखी. एसपी कुमार आशीष,नगर आयुक्त कौशल कुमार,डिप्टी मेयर शंकर कुमार ने सिनेमा हॉल में जाकर फिल्म देख रही बेटियों को प्रोत्साहित किया.
एसपी ने उनसे कहा कि सभी बेटियां यह सोच ले कि उन्हें अपने जीवन को सुखद बनाने के लिए कठिन परिश्रम करेंगी. बेटियां आज बोझ नहीं है. दंगल फिल्म में रेसलर गीता फॉगाट ने दिखा दिया है कि वह किस तरह कठिन परिश्रम और मेहनत बलबूते अपने इरादों को अंजाम तक पहुंचा दिया है. सिनेमा देखने आयी बेटियों के चेहरे की मुस्कान इस आयोजन की सफलता को बयां कर रही थी.
एसपी ने कहा कि हमारी इस मुहिम के माध्यम से बेटियों को जागरूक किया गया, जिससे भविष्य में वे अपनी भूमिका निभा सके. उन्होंने बताया कि इस फिल्म के माध्यम से अमिर खान ने बहुत ही बेहतरीन तरीके से यह बात लोगों तक पहुंचायी है कि हमारी छोरियां छोरों से कम नहीं है. लड़कियों को सही चौके दिये जाए तो क्या नहीं कर सकती हैं. फिल्म के जरिये इस कड़वी सच्चाई को भी दिखाने की कोशिश की गयी है कि आज किस तरह लड़को को कुल का दीपक समझा जाता है. लोग समझते है कि उनके वंश का नाम लड़का ही ऊंचा कर सकता है. इस मौके पर देव्यानी शेखर, उर्वशी, डीएसपी निशित प्रिया एवं अन्य महिला पुलिस व इनर व्हील की सदस्य मौजूद थे.
दिव्यांगों ने किया सांस्कृतिक कार्यक्रम: शेखपुरा. ब्रेल लिपि के संस्थापक लुई ब्रेल की जयंती बुधवार को यहां मनायी गयी. अरियरी प्रखंड के बेलछी स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में इस अवसर पर ब्रेल के चित्र पर माल्यापर्ण किया. समारोह में विद्यालय में नामांकित कई दृष्टि बाधित बालिका भी शामिल थी. इस समारोह में बालिकाओं को लुई ब्रेल की जीवनी बतायी गयी और उनके संघर्ष से शिखर पर पहुंचने की जानकारी दी गयी. इस अवसर पर बार्डेन पिंकी सिंहा ने बताया कि हौसला बुलंद और कठिन परिश्रम द्वारा लोगों के लिए कुछ भी प्राप्त करना आसान हो जाता है. बचपन से ही अपनी दोनों आंखों से लाचार ब्रेल ने इसे अपनी कमजोरी नहीं बनने दी. बल्कि उसने इसे एक हथियार बना लिया और दूसरे को भी रास्ता दिखाने में सफलता प्राप्त की.
बालिकाओं को ब्रेल लिपि में मौजूद पठन सामग्री के बारे में जानकारी दी गयी तथा ब्रेल लिपि के माध्यम से कंप्यूटर के क्षेत्र में हो रहे नये-नये सामग्री के बारे में भी जानकारी दी गयी. इस अवसर पर दिव्यांग बालिकाओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में अपनी कला का प्रदर्शन किया. इस मौके पर प्रधानाध्यापक विपिन कुमार रजक, बार्डेन पिंकी सिंहा, शिक्षिका वाजदा तब्बसुम, रूबी कुमारी, नवीन कुमार गोरे लाल ठाकुर सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.
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