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जिला माप तौल विभाग का जर्जर कार्यालय.

13 की जगह सिर्फ 02 कर्मियों से चल रहा काम बिहारशरीफ : आम उपभोक्ता विक्रेता के हाथों आये दिन ठगे जा रहे हैं. इस धोखाधड़ी से बचाव के लिए मापतौल उपकरणों का सत्यापन जरूरी है. लेकिन यह तभी संभव है, जब सत्यापन के लिए जिला मापतौल विभाग के यहां समुचित मैनपावर हो. आपको यह जानकर […]

13 की जगह सिर्फ 02 कर्मियों से चल रहा काम

बिहारशरीफ : आम उपभोक्ता विक्रेता के हाथों आये दिन ठगे जा रहे हैं. इस धोखाधड़ी से बचाव के लिए मापतौल उपकरणों का सत्यापन जरूरी है. लेकिन यह तभी संभव है, जब सत्यापन के लिए जिला मापतौल विभाग के यहां समुचित मैनपावर हो. आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि आजकल जिला मापतौल विभाग की गाड़ी सिर्फ दो कर्मियों के भरोसे ही खींची जा रही है. ऐसे में अत्यधिक कार्य बोझ से दबे यहां के कर्मी चिड़चिड़े हो रहे हैं. इधर, बाजार में विभिन्न सामान की कम मापतौल कर रहे विक्रेताओं पर विभाग का अनुशासनिक एवं दंडात्मक कार्रवाई का डंडा नहीं चल पाने से इनके हौसले बुलंद हो रहे हैं.
13 की जगह सिर्फ दो कर्मी : जिला मापतौल विभाग में कर्मियों के कुल 13 पद सृजित किये गये हैं. इसमें एक सहायक नियंत्रक पदाधिकारी, तीन निरीक्षक, चार लिपिक एवं पांच अनुसेवक के पद शामिल हैं लेकिन फिलहाल यहां एक निरीक्षक एवं एक लिपिक ही कार्यरत हैं. मतलब साफ है कि जिले में मापतौल उपकरणों का सत्यापन सिर्फ दो कर्मियों के सहारे ही चल रहा है.
कौन-सा पद कब से है खाली : विभाग के निरीक्षक सुजीत कुमार ने बताया कि सहायक नियंत्रक पदाधिकारी का पद गत दो साल से खाली पड़ा है. इसी प्रकार तीन में से दो पद क्रमश: राजगीर एवं हिलसा अनुमंडल का निरीक्षक पद करीब दो वर्ष एवं पांच लिपिक में से चार लिपिक का पद गत पांच वर्ष से खाली पड़ा है. उन्होंने बताया कि चार माह पूर्व एक कार्यरत अनुसेवक रिटायर्ड हो चुके हैं. इसलिए अब अनुसेवक के सभी पांच पद खाली हो चुके हैं. इसमें से अनुसेवक के चार पद गत आठ वर्ष से खाली पड़े हैं.
निरीक्षण के लिए वाहन तक नहीं : कायदे से मापतौल उपकरणों के सत्यापन एवं सामान की कम मापतौल कर रहे विक्रेताओं की धर- पकड़ के लिए विभाग के यहां एक चार पहिया वाहन होना चाहिए. लेकिन गत 16 वर्ष से विभाग के यहां इस वाहन के नाम पर एक जीर्ण- शीर्ण खटारा जीप है. फिलहाल इस जीप की उपयोगिता सिर्फ कबाड़ी दुकान में बिकने भर है.
गोदाम में चल रहा कार्यालय : विभाग का कार्यालय गत 20 वर्ष से एग्रीकल्चर विभाग के एक पुराने एवं जीर्ण- शीर्ण गोदाम में चल रहा है. कार्यालय की छत लोहे की कर्कट से बनी है. बारिश के दिनों में यहां जगह – जगह पानी का रिसाव होता है. यहां कार्यरत कर्मियों की मानें तो थोड़ी सी बारिश होने पर ही यहां तीन फुट तक जलजमाव हो जाता है. तब कार्यालीय कार्यों के निष्पादन में काफी परेशानी होती है.
कम मापतौल को लेकर नोक- झोक : जिले के शहरी एवं सुदूर कस्बाई क्षेत्रों के बाजारों में आये दिन सामान की कम मापतौल को लेकर नोक- झोक होती रहती है. क्रेता एवं विक्रेता के बीच हो रही यह नोक- झोक उस समय ज्यादा हो जाती है जब विक्रेता मानक बाट की जगह ईंट एवं पत्थर का बाट बना कर तौल करते हैं. ऐसे में स्थिति उस समय भयावह हो जाती है जब यह नोक- झोंक मारपीट की नौबत तक आ पहुंच जाती है.
धर-पकड़ के लिए अभियान जरूरी : शहर के मंगला स्थान रोड स्थित टिंबर व्यवसायी अनुज कुमार कहते हैं कि उपभोक्ताओं को ठगी से बचाने के लिए विभाग द्वारा माप तौल उपकरणों का सत्यापन जरूरी है. इधर, स्थानीय रामचंद्रपुर बाजार समिति रोड स्थित बीज व कीटनाशक व्यवसायी संजय कुमार मेहता का कहना है कि कम मापतौल के दोषी विक्रेताओं की धर- पकड़ के लिए विभाग द्वारा सघन रूप से नियमित अभियान चलाया जाना चाहिए.
विभाग के मैन पावर पर एक नजर
स्वीकृत पद संख्या कार्यरत कब से खाली
सहायक नियंत्रक पदाधिकारी 01 शून्य 02 वर्ष से
माप तौल निरीक्षक 03 01 02 वर्ष से
लिपिक 04 01 05 वर्ष से
अनुसेवक 05 शून्य 08 वर्ष से

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