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परीक्षा की तिथि घोषित होते ही छात्र गंभीर

तैयारी. खेलकूद छोड़ परीक्षा की तैयारी को दे रहे महत्व, सेल्फ स्टडी पर जोर बिहारशरीफ : मैट्रिक व इंटर की परीक्षा की तिथियों की घोषणा होते ही विद्यार्थी अपनी परीक्षा के प्रति गंभीर हो गये हैं. वे अब खेल कूद छोड़ कर अपना सारा समय पढ़ाई में लगाना चाहते हैं. अभिभावक भी अपने अपने बच्चों […]

तैयारी. खेलकूद छोड़ परीक्षा की तैयारी को दे रहे महत्व, सेल्फ स्टडी पर जोर

बिहारशरीफ : मैट्रिक व इंटर की परीक्षा की तिथियों की घोषणा होते ही विद्यार्थी अपनी परीक्षा के प्रति गंभीर हो गये हैं. वे अब खेल कूद छोड़ कर अपना सारा समय पढ़ाई में लगाना चाहते हैं. अभिभावक भी अपने अपने बच्चों के भविष्य संवारने में प्रयत्नशील दिख रहे हैं. विगत दो वर्षों के मैट्रिक व इंटरमीडिएट के परीक्षाओं के अनुभव भी विद्यार्थियों को किताबों की ओर रुख करने को विवश कर रहे हैं. जिले में मैट्रिक व इंटर की परीक्षा इन दिनों जिला प्रशासन की सख्त निगरानी में आयोजित हो रही है.
मैट्रिक व इंटरमीडिएट के सभी परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे, वीडियोग्राफरों की तैनाती तथा केंद्राधीक्षक व दंडाधिकारियों की सख्ती के कारण जिले में विगत दो तीन वर्षों से कदाचारमुक्त परीक्षा का अच्छा माहौल देखा जा रहा है. हालांकि प्रशासनिक सख्ती का असर विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम पर भी पड़ा.
अब विद्यार्थियों को भी कदाचार से मोह भंग हो चुका है. कई विद्यार्थियों ने बताया कि समय रहते परीक्षा की तैयारी कर लेनी चाहिए. कदाचार के भरोसे रहने से छात्र तथा अभिभावकों को पछतावे के सिवा कुछ नहीं मिलता है.विद्यार्थियों के कमरों की लाइट अब तीन बजे सुबह से ही जलने लगी है. अधिकांश अभिभावक अपने बच्चों को ब्रहममुहुर्त में ही पढ़ने की सलाह दे रहे हैं. ऐसा माना जाता है कि इस समय शांत वातावरण में पढ़ने से ज्यादा याद हो पाता है.
कई विद्यार्थियों ने बताया कि इंटर परीक्षा में अब चार माह तथा मैट्रिक परीक्षा में पांच माह का समय है. यदि अभी से पढ़ाई के प्रति गंीाीरता बरती जाये तो बिना कदाचार के भी अच्छे मार्क्स जा सकते हैं.
जिले को मिली निराशा
बिहारशरीफ : बिहार सरकार युवा एवं खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित महिला वर्ग के विभिन्न खेलों का समापन हो चुका है. तीन से पांच अक्तूबर तक मधेपुरा में होने वाली महिला खो खो तथा बैडमिंटन प्रतियोगिता में जिले के खिलाडि़यों का अच्छा प्रदर्शन नहीं रहने के कारण असफलता मिली है. खो खो तथा बैडमिंटन के लीग मैच से ही जिले की महिला टीम बाहर हो गई. महिला कबड्डी में जिले के खिलाड़ी क्वार्टर फाइनल तक ही पहुंच सके.
इसी प्रकार विगत दिनों पटना में आयोजित महिला एथलेटिक्स खेलों में भी जिले के खिलाडि़ों से निराशा ही मिली है. इस संबंध में शारीरिक शिक्षा उपाधीक्षक ओम प्रकाश कुमार ने बताया कि जिले के खिलाडि़यों ने कई खेलों में अच्छा प्रदर्शन कर जिले को विजेता तथा उपविजेता भी बनाये हैं. कराटे तथा ताइक्वांडों प्रतियोगिता में जिले के खिलाडि़यों ने कई गोल्ड मेडल भी जीते हैं.
आगे 17 अक्टूबर से गया मेंं आयोजित होने वाले सीके नायडू अंडर 19 क्रिकेट टीम को खेलना है. टीम के खिलाडि़यों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वीनू मांकड़ अंडर 17 तथा सीके नायडू अंडर 19 की जिला टीम से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद हैं. महिला खिलाडि़यों का अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने के संबंध में बताया कि खिलाडि़यों को प्रशिक्षण के लिए समय नहीं मिल पाया.
क्या कहते हैं विद्यार्थी
पढ़ाई के लिए अभी भरपुर समय है. अभी से समय का सदुपयोग कर सभी विषयों की अच्छी तैयारी कर लिया जायेगा.
मोहित राज, छात्र संुदरगढ़
कदाचार के भरोसे रहना बहुत बड़ी मूर्खता होगी. ट्यूशन, कोचिंग तथा गेस पेपर आदि के सहयोग से अच्छी तैयारी हो सकती है.
शशिकांत कुमार, छात्र अम्बेर
-ब्रहममुहुर्त में पढ़ाई करना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है. हर विद्यार्थी को इस समय अधिक से अधिक रटने तथा याद करने का काम करना चाहिए.
अंकित कुमार, छात्र नई सराय
दसवीं कक्षा की पढ़ाई इस वर्ष देर से शुरू होने के कारण अभी तो कोर्स की आधी पढ़ाई हो सकी है. ऐसे में ट्यूशन कोचिंग से सहयोग लेकर तैयारी किया जा सकता है.
नेहा कुमारी, छात्रा मुरारपुर अड्डा

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