बिहारशरीफ : जिला न्यायालय के पाक्सो स्पेशल एडीजे प्रथम शशिभूषण प्रसाद सिंह के कोर्ट में 26 सितंबर को पीड़िता की बड़ी बहन के दस दिनों तक चले परीक्षण प्रतिपरीक्षण के पश्चात पीडि़ता का परीक्षण प्रतिपरीक्षण जारी है. सूत्रों के अनुसार परीक्षण के दौरान पीडि़ता ने आरोपी विधायक राजवल्लभ सहित अन्य आरोपियों सुलेखा, तुसी, छोटी, राधा व संदीप की बखूबी और बेहिचक पहचान की. अपने परीक्षण के दौरान उसने कोर्ट को घटना तथा घटनास्थल की साफ और स्पष्ट जानकारी दी. उसमें छह फरवरी को अपने बिहार शरीफ स्थित डेरा से षडृयंत्र के तहत ले जाने से घटना स्थल तक पहुंचने की जानकारी दी.
उसने बताया कि नौ फरवरी को महिला थाना कांड संख्या 15/2016 के तहत मामला दर्ज करने के बाद पुलिस के साथ घटना स्थल की पहचान करने अनुसंधान के क्रम में गई. इस दिन गिरियक में ही इधर उधर घूमती रही. परंतु पता नहीं चला. चूंकि रात में घटना स्थल पर घटना के दिन गिरियक से कच्चे रास्ते से एक भट्ठा पर रुकने के बाद गई थी.
परंतु अगले दिन पुन: अनुसंधान के क्रम में गिरियक से आगे बढ़ने पर वह भट्ठा देखते ही पहचान गयी. उसके आगे ही पथरा इंगलिश का मकान घटना स्थल था और आरोपी भी वहीं घूम रहा था. सभी के बारे में मैंने अनुसंधान क्रम में पुलिस के बताया. घटना के बाद छोटी कुमारी से कहा भी इसी काम के लिए बहाने से लायी थी तो उसने कहा कि हमारी कई सहेलियां यहां आयी है
और इससे काफी कमाई कर हमलोग आराम से रहते हैं. तुम भी सहेली हो और बराबर यहां आया करो. आज के प्रतिपरीक्षण में आरोपित राजबल्लभ पक्ष से कमलेश कुमार ने जिरह करते हुए पीड़िता से मैट्रिक प्रमाणपत्र पुलिस को सौंपने के बारे में जानकारी चाही. जिस पर पीड़िता ने कहा कि मुझे याद नहीं, जबकि न्यायालय में इसकी कॉपी जमा है और अधिवक्ता के अनुसार पुलिस को नहीं दी गयी है. जबकि आगे का प्रतिपरीक्षण वरीय अधिवक्ता वीरेन कुमार ने किया. अभी इस प्रतिपरीक्षण प्रक्रिया में अधिवक्ता संजय कुमार,दीपक कुमार रस्तोगी व अन्य है.