बिहारशरीफ : बलगम जांच पंजी का संधारण नियमित रूप से करें. पंजी का रखरखाव भी व्यवस्थित रूप से की जाये. खराब फुलोरेसेंट स्कोपिंग मशीन की शीघ्र मरम्मत कराएं, ताकि जांच कार्य में आसानी हो सके. टीबीडीसी, पटना के चीफ मेडिकल अफसर(सीएमओ) डाॅ. जेपी सुकुमार ने मंगलवार को जिला यक्ष्मा केंद्र के औचक निरीक्षण के दौरान […]
बिहारशरीफ : बलगम जांच पंजी का संधारण नियमित रूप से करें. पंजी का रखरखाव भी व्यवस्थित रूप से की जाये. खराब फुलोरेसेंट स्कोपिंग मशीन की शीघ्र मरम्मत कराएं, ताकि जांच कार्य में आसानी हो सके. टीबीडीसी, पटना के चीफ मेडिकल अफसर(सीएमओ) डाॅ. जेपी सुकुमार ने मंगलवार को जिला यक्ष्मा केंद्र के औचक निरीक्षण के दौरान जिला यक्ष्मा पदाधिकारी व कर्मियों को यह दिशा निर्देश दिया.
डाॅ. सुकुमार जिला टीबी केंद्र की प्रयोगशाला, दवा वितरण काउंटर, दवा भंडारण आदि का भी निरीक्षण किया. इस दौरान फुलोरेसेंट माइकोस्कोपिंग मशीन दुरुस्त नहीं पायी गयी. साथ ही जांच कर में बलगम जांच पंजी का संधारण नियमित नहीं पाया गया. इस मामले को उन्होंने गंभीरता से लेते हुए संबंधित कर्मी को इसे सुव्यस्थित करने का निर्देश दिया, ताकि टीबी मरीजों को बलगम जांच में सुविधा हो सके. इस दौरान सुपरवाइजरों को हिदायत दी कि अग्रिम परिभ्रमण प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं. क्षेत्र में प्रतिदिन जाएं़
और टीबी मरीजों की अद्यतन स्थिति से संबंधित प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं. साथ ही इस बात पर ध्यान दें कि मरीज नियमित रूप से दवा खा रहे हैं या नहीं. उन्हें नियमित रूप से दवा मिल रही है या नहीं. इन सारी बिंदुओं पर भी ध्यान दें, ताकि टीबी मरीजों को इलाज में किसी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े. एसटीएफ अपने क्षेत्रों में चिह्नित टीबी के मरीजों की चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दें.
इस कार्य में लापरवाही बरतने वाले कर्मियों पर कार्रवाई की चेतावनी उन्होंने दी. क्षेत्र परिभ्रमण के लिए सुपरवाइजरों को नयी बाइक उपलब्ध कराने की दिशा में निविदा निकालने की प्रक्रिया शुरू की जाय, ताकि कर्मियों को बाइक उपलब्ध करायी जा सके. बाइक उपलब्ध रहने सुपरवाइजर लोग आसानी से क्षेत्र का भ्रमण कर सकेंगे और जांच प्रतिवेदन उपलब्ध करायेंगे.
अस्थावां अस्पताल में बलगम जांच की उपलब्धि पायी गयी कम :
टीबीडीसी के चीफ मेडिकल अफसर डाॅ. सुकुमार ने अस्थावां अस्पताल का भी औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने टीबी वार्ड का भी जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान टीबी मरीजों की बलगम जांच की संख्या कम पायी. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उन्होंंने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व लैब कर्मी को उसकी उपलब्धि में वृद्धि लाने का निर्देश दिया.साथ ही माइक्रो स्कोपिंग लैब का संधारण सही नहीं पाया गया. इसे दुरुस्त करने की हिदायत दी. सुधार नहीं होने पर उन्होंने कार्रवाई की चेतावनी भी दी. चीफ मेडिकल ऑफिसर ने बताया कि निरीक्षण के दौरान प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व एक महिला चिकित्सा पदाधिकारी डा. रेणु सिन्हा ड्यूटी पर तैनात थे.
एमडीआर मरीजों पर रखें नजर :
टीबी के एमडीआर के मरीजों पर विशेष नजर रखने की जरूरत है. इसके मरीजों की बलगम जांच से लेकर इलाज तक निगरानी करने की जरूरत है. इसके मरीजों को नियमित रूप से दवा दी जानी चाहिए. साथ ही दवा नियमित से मिले. इस पर कर्मी नजर रखेंगे. इस मौके पर जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डा. रवींद्र कुमार भी मौजूद थे.