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जर्जर तार से हादसे की आशंका

अनदेखी. शहर से लेकर गांव तक जर्जर तार का दिख रहा नजारा शहर के ही कई मोहल्ले में जर्जर बिजली के तार किसी बड़े हादसे को निमंत्रण दे रहे हैं. स्थानीय शिवपुरी मोहल्ले व सलेमपुर स्थित स्कूल के पास रास्ते पर इतनी कम ऊंचाई पर बिजली प्रवाहित तार गुजर रहे हैं, जो कभी भी दुर्घटना […]

अनदेखी. शहर से लेकर गांव तक जर्जर तार का दिख रहा नजारा

शहर के ही कई मोहल्ले में जर्जर बिजली के तार किसी बड़े हादसे को निमंत्रण दे रहे हैं. स्थानीय शिवपुरी मोहल्ले व सलेमपुर स्थित स्कूल के पास रास्ते पर इतनी कम ऊंचाई पर बिजली प्रवाहित तार गुजर रहे हैं, जो कभी भी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं. इसके अलावा पूरे शर में लक्ष्मण झूलों की भरमार है. ये सभी हादसे के कारण बन सकते हैं.
शिकायतों के बाद भी अधिकारी नहीं दे रहे इस ओर ध्यान
बिहारशरीफ : जर्जर तार,जर्जर तारों पर झूलते लक्ष्मण झूले (टोका) अभी भी बड़े हादसों का कारण बन सकते हैं. कहीं जर्जर पोल, तो कहीं बांस के सहारे विद्युत प्रवाहित लंगे तारों को लटका दिया गया है. यह नजारा शहरी क्षेत्र से लेकर सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में भी देखा जा सकता है. इसे विद्युत विभाग की लापरवाही कहें या मजबूरी! शहर के मोहल्ले से लेकर गांवों में बसने वाले लोग इस तरह के दृश्य के बीच हमेशा भय के साये में रहने को मजबूर हैं. इसकी सूचना कई बार विभाग के अधिकारियों को दी गयी है, मगर कोई फर्क नहीं पड़ा है.
झूलते तार लोगों के अरमानों पर फेर रहे पानी :
जर्जर बिजली के तार के कारण जहां घर, मकान, दुकान जल रहे हैं, वहीं किसानों के कई महीने की मेहनत की कमाई रूपी फसल राख हो रहे हैं. बिजली की चिनगारी से चालू वर्ष में फसल जलने की कई घटनाएं हुई है. इसके अलावा दुकान व मकान जलने की भी कई घटनाएं हो चुकी है. कितने लोगों के बेटी की शादी करने के अरमान इन घटनाओं में पूरी तरह दब गये. राजगीर के घनछुई गांव में 26 अप्रैल को बिजली की चिनगारी से एक घर में आग लगने से घर का सारा सामान जल कर राख हो गया. गृहस्वामी की बेटी की शादी 30 अप्रैल को होनी थी. इस दुखद घटना के कारण शादी नहीं हो सकी.
राजगीर के घनछुई गांव में 26 अप्रैल को बिजली की चिनगारी से घर में लगी आग से 50 हजार से अधिक का नुकसान
सिलाव के खोजागाछी में बिजली की चिनगारी से घर में लगी आग से घर में रखे सारे सामान राख.
नूरसराय के वृजपुर गांव में बिजली की चिनगरारी से छह अप्रैल को लगी आग से पांच कट्ठे में लगी गेहूं की फसल राख.
नूरसराय के उद्यान महाविद्यालय में ट्रांसफॉर्मर की चिनगारी से लगी आग में 09 अप्रैल को 15 लाख की क्षति
– नूरसराय के ही मुजफ्फरपुर गांव में 09 अप्रैल को बिजली की चिनगारी से लगी आग में फूसनूमा घर राख
– मुजफ्फरपुर गांव में बिजली की चिनगारी से लगी आग में 12 कट्ठा खेत की गेहूं की फसल राख
– कतरीसराय के सैदी गांव के दबड़ा पर खंधा में बिजली की चिनगारी से तीन किसानों की करीब एक एकड़ गेहूं की फसल राख
– इसी प्रखंड के मैरा गांव निवासी अनिल चौधरी के खलिहान में बिजली की चिनगारी से लगी आग से बड़ी मात्रा में रबी फसल राख
– नूरसराय के मेयार गांव में 14 अप्रैल को विद्युत की चिनगारी से लगे आग से धान की पुंज राख.
– नूरसराय में ही 29 अप्रैल को विद्युत चिनगारी से शाह सराय में किराना दुकान में लगी आग से पांच लाख का नुकसान.
यमुनापुर डीह में बिजली की चिनगारी से जेनरल स्टोर में लगी आग से ढाई लाख का नुकसान. इसके अलावा भी कई घटनाएं हो चुकी है.
क्या है खामियां :
जिले में कई जगहों पर है जर्जर बिजली के तार.
विद्युत उपकेंद्रों पर एलए एवं एबी स्विच नहीं .
उपकेंद्रों के अर्थिंग पाइप जमीन में गाड़ दिये गये हैं.
एबी स्विच कहीं-कहीं उलटे लगे हैं. डीबी के कट आउट ढीले पड़े हैं.
उपकेंद्रों पर एबी स्विच, एलएफडीओ बेरल लीक होकर ऑयल लीकेज हो रहे हैं.
क्या है मुआवजे का प्रावधान
विद्युत विभाग की गलती से कोई हादसा होता और उसमें किसी की जान चली जाती है तो मृतक को दो लाख रुपये तक मुआवजा देने का प्रावधान है. इसके लिए एफआइआर व पोस्टर्माटम रिपोर्ट में यह उल्लेख होना जरूरी है कि विद्युत विभाग की गलती की वजह से यह हादसा हुआ है. संपत्ति के नुकसान होने के संबंध में विद्युत विभाग से मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है. इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग से मुआवजा दिया जाता है, जो स्थानीय अधिकारी के रिपोर्ट के आधार पर दिया जाता है.
क्या कहते हैं अधिकारी :
”शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के जर्जर तारों को बदला जा रहा है. जर्जर तारों की जगह ओवरहेड केबल लगाये जा रहे हैं. कैपकॉर्न कंपनी को इसकी जिम्मेवारी दी गयी है. जर्जर तारों की जगह ओवरहेड केबल लगाने के इस कार्य में भी उपभोक्ता जगह-जगह रोड़े अटका रहे हैं, जिससे काम बाधित हो रहा है. टोका को हटाने के लिए भी विभाग प्रयासरत है. सभी टोकों को पोल के पास स्टीच किया जाना है. इसमें लगने वाला केबल उपभोक्ताओं को देना है. उपभोक्ता वायर खरीद कर नहीं दे रहे हैं. इसके कारण टोका हटाने का कार्य भी बाधित है.”
मो. रिजवान, एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, बिहारशरीफ

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