बिहारशरीफ : बैंक ग्राहकों के साथ लूटपाट की घट रही घटनाओं के पीछे की सच्चाई काफी चौंकाने वाली है.वारदातों को अंजाम देने वाला गैंग पूरे बिहार में सक्रिय है. प्रत्येक माह का प्रथम सप्ताह इनके लिए खास होता है. बुजुर्ग बैंक ग्राहक इनके निशाने पर होते हैं. जिस बाइक से यह घटना को अंजाम देते हैं,वह कानूनी तौर पर वैद्य रहता है. बाइक के कागज से लेकर ड्राइविंग लाइसेंस तक पास में होता है. यातायात नियमों की अनदेखी यह गैंग बिल्कुल ही नहीं करता है.
बाइक को ड्राइव करने वाला शातिर हेलमेट तक पहने रखता है,लेकिन घटना से ठीक पहले ये अपराधी बाइक के नंबर प्लेट को थोड़ी देर के लिए चेंज कर देते हैं. घटना को अंजाम देने के बाद सही नंबर लगा दिया जाता है.इनकी शारीरिक भाषा काफी उम्दा होती है.घटनाओं को अंजाम देने के लिए वह उस स्थान का चयन पहले ही कर लेते हैं,जहां बैंक के ग्राहक से उनके रुपये लुटने हैं.
पीड़ित को नहीं दिया जाता है मौका: बाइक सवार अपराधी लूट की घटना को काफी होशियारी से अंजाम देते है.इनकी पहली पसंद वह जगह होती है,जहां बालू गिरा हो.बालू वाले स्थान पर पीड़ित को संभलने में थोड़ा वक्त लग जाता है,तब तक वह काफी दूर निकल जाते हैं.रुपया छीनने से पहले यह पीड़ित को अपने तरीके से बाइक सहित सड़क पर गिरा देते हैं.एक शहर में गैंग का एक सदस्य एक ही बार आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता है.
मोबाइल फोन व सोशल मीडिया से रखते हैं दूर
ऐसे अपराधी मोबाइल फोन व सोशल मीडिया से काफी दूरियां बना कर रखते हैं.पुलिस भी इस बात को मानती है.पुलिस के एक वरीय अधिकारी ने बताया कि बैंक ग्राहकों के साथ छीन-झपट करने वाला यह गैंग दूसरे जिले से आ कर घटना को अंजाम दे रहे हैं.पुलिस उनकी गिरफ्तारी को लेकर काफी परिश्रम कर रही है.
निकट भविष्य में सकारात्मक परिणाम सामने आयेंगे.यहां बता दें कि पांच दिन पूर्व लहेरी थाना क्षेत्र के एक गैस गोदाम के पास कुछ इसी अंदाज में एक अवकाश प्राप्त सरकारी कर्मी से अपराधियों ने 2.5 लाख रुपये की लूट कर ली थी.पीड़ित द्वारा अज्ञात के खिलाफ कांड दर्ज कराया गया है, इस मामले में पुलिस को कोई बड़ी या छोटी सफलता हाथ नहीं लगी है.