एकंगरसराय : नालंदा जिला कृषि प्रधान जिला है. यहां के 76 प्रतिशत लोग कृषि पर आधारित है. सिंचाई विभाग के अधिकारी जो पिछले 10 वर्षो से जदयू मंत्रियों के साथ रह रहे हैं फिर भी नालंदा जिले में पटवन हेतु एक इंच जमीन की सिंचाई नहीं हो सकी है. उक्त बातें विधायक राजीव रंजन ने एकंरसराय में कही.
विधायक श्री रंजन ने कहा कि इस्लामपुर विधानसभा क्षेत्र में केंद्र सरकार ने चार नहरों की स्वीकृति दी थी, जिसके लिए खुदाई व बनायी का काम दो सालों में होना चाहिए था,लेकिन छह साल बीत जाने के बाद भी महज 20 प्रतिशत काम ही हो सका है. 30 साल पहले गाड़े गये सरकारी नलकूपों में से 56 प्रतिशत खराब पड़े है.
पिछले 10 सालों में एक भी नलकूप नहीं लग पाया है. नालंदा जिले में खेती भगवान भरोसे होती है. अगर सही समय पर वर्षा हुई तो एक साल में 11 से 12 लाख टन उत्पादन करते हैं. श्री रंजन ने कहा कि नीतीश जी को भाषण के साथ-साथ किसानों के लिए काम करना चाहिए. 2013-14 में 753 करोड़ का प्रावधान किया. 2014-15 में 942 करोड़ का प्रवधान किया.
नीतीश सरकार ने केंद्र का एक भी पैसा खर्च नहीं किया. उन्होंने कहा कि बिहार में हरित क्रांति के तहत 154 करोड़ का प्रावधान किया.एक समय ऐसा लगने लगा कि नीतीश जी किसानों के प्रति संवेदनशील है. उनकी कथनी और करनी में इतना अंदर होगा कोई सोच भी नहीं सकता. किसानों द्वारा अब बिहार में भी अन्य प्रदेशों की तरह आत्महत्या करना शुरू कर दी है. फिर भी सरकार गंभीर नहीं है.