बिहारशरीफ. विभिन्न मांगों को लेकर जिले के चिकित्सक गुरुवार को हड़ताल पर रहेंगे. चिकित्सकों की इस हड़ताल से सदर अस्पताल समेत जिले के अन्य सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को इलाज कराने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. हालांकि डॉक्टरों की हड़ताल से निबटने के लिए सदर अस्पताल के उपाधीक्षक ने वैकल्पिक व्यवस्था […]
बिहारशरीफ. विभिन्न मांगों को लेकर जिले के चिकित्सक गुरुवार को हड़ताल पर रहेंगे. चिकित्सकों की इस हड़ताल से सदर अस्पताल समेत जिले के अन्य सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को इलाज कराने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
हालांकि डॉक्टरों की हड़ताल से निबटने के लिए सदर अस्पताल के उपाधीक्षक ने वैकल्पिक व्यवस्था की है. साथ ही वे स्वयं अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड की कमान संभालेंगे. इसके अलावा अस्पताल के वरीय चिकित्सक भी मरीजों को चिकित्सा सेवा उपलब्ध करायेंगे.ताकि इमरजेंसी वार्ड में आने वाले मरीजों को इलाज में किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.
चिकित्सकों की हड़ताल से अलर्ट है विभाग :
डॉक्टरों की एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल के मद्देनजर जिला स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है. किसी भी स्थिति से निबटने की मुकम्मल व्यवस्था की गयी है.अस्पताल की ओपीडी की कमान पावापुरी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक संभालेंगे. वैसे पावापुरी मेडिकल कॉलेज भवन का शुभारंभ भी सीएम गुरुवार को ही करेंगे. ऐसी स्थिति में देखना होगा कि कॉलेज के कितने चिकित्सक ओपीडी में उपस्थित रहते हैं.
लेकिन पूरी उम्मीद है कि रोस्टर के मुताबिक जिनकी ओपीडी में ड्यूटी है वे तो जरूर आयेंगे. पांच डॉक्टरों ने हड़ताल पर रहने की दी सूचना : सदर अस्पताल में संविदा पर बहाल पांच चिकित्सकों ने मांगों के समर्थन में सांकेतिक हड़ताल पर रहने की सूचना उपाधीक्षक को दी है.संविदा डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने की खबर के बाद अस्पताल के उपाधीक्षक ने मरीजों के इलाज के लिए ठोस कदम उठाया है.हालांकि रेगुलर डॉक्टरों की हड़ताल पर जाने की खबर डीएस को नहीं दी गयी है.
उम्मीद है कि नियमित डॉक्टर हड़ताल से अपने आपको अलग रख सकते हैं. जिले में संविदा के 95 पद हैं. फिलहाल 63 पदों पर संविदा डॉक्टर तैनात हैं. इस संबंध में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ शैलेंद्र कुमार ने बताया कि डॉक्टरों के इलाज मद्देनजर कर्मियों को अलर्ट रहने का सख्त निर्देश दिया गया है. इमरजेंसी सेवा में तत्पर रहने को कहा गया है. इमरजेंसी वार्ड में अस्पताल के वरीय चिकित्सक डटे रहेंगे. एंबुलेंस की भी व्यवस्था की गयी है, ताकि जरूरत पड़ने पर मरीजों को उपलब्ध करायी जा सके.