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टाउन स्कूल में शुरू नहीं हुई इंटर की पढ़ाई,परेशानी
माध्यमिक कक्षाओं के लिए कमरों का अभाव बुनियादी सुविधाओं का भी है कमी बिहारशरीफ : जिले के सबसे पुराने और प्रसिद्ध विद्यालयों में सुमार बिहार टाउन +2 उच्च विद्यालय में भवन और शिक्षकों के अभाव में अब तक इंटरमीडिएट कक्षाओं में नामांकन शुरू नहीं हो पाया है. विद्यालय के क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय की बड़ी […]
माध्यमिक कक्षाओं के लिए कमरों का अभाव
बुनियादी सुविधाओं का भी है कमी
बिहारशरीफ : जिले के सबसे पुराने और प्रसिद्ध विद्यालयों में सुमार बिहार टाउन +2 उच्च विद्यालय में भवन और शिक्षकों के अभाव में अब तक इंटरमीडिएट कक्षाओं में नामांकन शुरू नहीं हो पाया है. विद्यालय के क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय की बड़ी आबादी होने के कारण इन छात्र-छात्राओं को इससे काफी परेशानी हो रही है.
विद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि जब माध्यमिक कक्षा के विद्यार्थियों के लिए आवश्यक कमरे और फर्नीचर उपलब्ध नहीं है, तो फिर इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों की पढ़ाई कहां की जायेगी.
विद्यालय के इंटरमीडिएट की पढ़ाई की अनुमति के बावजूद अब तक न तो एक भी शिक्षक मिले और न किसी प्रकार का फंड ही उपलब्ध कराया गया है. ऐसे विद्यार्थियों का नामांकन लेना उचित नहीं है. इधर विद्यालय की छात्राएं अंजली,अभिलाषा को नामांकन के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है. इससे सर्वाधिक परेशानी अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र छात्राओं को हो रही है. उन्होंने कहा कि इस पुराने विद्यालय की गौरव को बहाल रखने के लिए यहां जल्द से जल्द इंटरमीडिएट की पढ़ाई शुरू होनी चाहिए.
माध्यमिक कक्षाओं में कमरों का अभाव
बिहार टाउन उच्च विद्यालय की स्थापना 1934 ई में ही हुई थी. लगभग 10 कमरों के विद्यालय का पुराना भवन ध्वस्त हो चुका है. विद्यालय में नवनिर्मित चार अन्य कमरे भी ठेकेदारों की भेंट चढ़ गये हैं.
महज चार से पांच वर्ष में ही इसके छतों से प्लास्टर टूट कर गिरता है तथा बरसात में पानी टपकता है. फर्श के प्लास्टर टूट कर समाप्त हो चुके हैं. शेष महज पांच कमरों में ही लगभग एक हजार छात्र-छात्राओं की पढ़ाई के साथ प्रयोगशाला, पुस्तकालय, कार्यालय आदि संचालित किये जा रहे हैं. हालांकि विद्यालय में विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति की गई है, लेकिन कमरों के अभाव में शिक्षकों का लाभ विद्यार्थियों के पर्याप्त रूप से नहीं मिल रहा है. विद्यालय का छात्र बंटी कुमार तथा जितेन्द्र कुमार ने कहा कि महज पांच कमरे के कारण एक घंटी में सिर्फ पांच ही शिक्षक वर्ग में पढ़ा सकते हैं. शेष शिक्षकों को बैठक कर ही समय काटना पड़ता है.
विद्यालय में है बुनियादी सुविधाओं का अभाव
विद्यालय में जहां वर्ग कक्षा की घोर कमी है, वहीं अन्य बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है. शिक्षकों के लिए अतिरिक्त कक्ष नहीं रहने के कारण उन्हें बरामदे में ही बैठक कर समय काटना पड़ता है. वहीं छात्राओं के कॉमन रूम नहीं रहने के कारण उन्हें काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. विद्यालय की छात्र रीतू कुमारी ने बताया कि गल्र्स कॉमन रूम नहीं रहने के कारण उन्हें कमरे में ही बैठा रहना पड़ता है. विद्यालय का शौचालय भी उपयोग लायक नहीं होने के कारण शिक्षकों तथा विद्यार्थियों को काफी कठिनाई हो रही है.
विद्यालय में मौजूद सुविधाएं
भवन – इंटरमीडिएट का नहीं, माध्यमिक में पांच कमरे,बिजली – है,उपस्कर – 2 चापाकल,शौचालय-2,खेल का मैदान -है,चहारदीवारी- है,प्रयोगशाला-है,पुस्तकालय-है,शिक्षक – इंटरमीडिएट में नहीं, माध्यमिक में 16 शिक्षक,विद्यार्थी-इंटरमीडिएट में नहीं, दशम में 600, नवम् वर्ग में नामांकन जारी है.
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