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मात्र चार शिक्षकों के भरोसे चल रहीं इंटर की कक्षाएं
विज्ञान संकाय में मात्र जीव विज्ञान के है शिक्षक माध्यमिक भवन जजर्र, कई विषयों में शिक्षक की कमी बिहारशरीफ : बिंद प्रखंड का पुराना और प्रतिष्ठित खोता जा रहा है. प्रखंड क्षेत्र के गिने-चुने इंटरमीडिएट विद्यालय में शुमार इस विद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी के कारण इंटरमीडिएट की पढ़ाई बाधित हो रही है. यहां […]
विज्ञान संकाय में मात्र जीव विज्ञान के है शिक्षक
माध्यमिक भवन जजर्र, कई विषयों में शिक्षक की कमी
बिहारशरीफ : बिंद प्रखंड का पुराना और प्रतिष्ठित खोता जा रहा है. प्रखंड क्षेत्र के गिने-चुने इंटरमीडिएट विद्यालय में शुमार इस विद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी के कारण इंटरमीडिएट की पढ़ाई बाधित हो रही है. यहां का विज्ञान संकाय एकमात्र जीव विज्ञान के शिक्षक पर निर्भर है.
जबकि कला संकाय में हिंदी, इतिहास तथा राजनीति शास्त्र के मात्र तीन शिक्षक ही मौजूद है.विद्यालय में नामांकित विद्यार्थियों का कहना है कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण यहां विद्यार्थियों को अलग से ट्यूशन कोचिंग में भी पढ़ने की व्यवस्था नही है. विद्यार्थियों में इससे भारी क्षोभ व्याप्त है. उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
विद्यालय के दशम वर्ग का छात्र राजू कुमार ने कहा कि इंटरमीडिएट की अच्छी तरह पढ़ाई किये बिना विद्यार्थी कैसे डॉक्टर, इंजीनियर बन सकते हैं अथवा किसी ऊंचे पद पर पहुंच सकते हैं. सर्वाधिक परेशानी तो क्षेत्र की छात्राओं को हो रही है, जो इंटरमीडिएट की पढ़ाई करने दूसरे प्रखंड अथवा जिला मुख्यालय में भी नहीं जा सकती है. यही कारण है कि साधारण परिवार की बच्चियां मैट्रिक उत्तीर्ण होने के उपरांत अपनी पढ़ाई को समाप्त मान लेती है.
माध्यमिक भवन हो रहा जजर्र
विद्यालय का माध्यमिक भवन काफी पुराना होने के कारण अब जजर्र स्थिति में पहुंच गया है. विद्यालय के कई कमरों का तो इस्तेमाल बंद कर दिया गया है, जबकि कई कमरों में विद्यार्थियों की पढ़ाई मजबूरी में जारी है. दूसरी ओर विद्यालय का छात्रावास भी आधा-अधूरा निर्मित होने के कारण तथा बुनियादी सुविधाओं के अभाव में बंद ही रहता है. दो दशक पूर्व तक यह छात्रावास छात्र तथा शिक्षकों से गुलजार रहता था.
माध्यमिक कक्षाओं में भी शिक्षकों का अभाव
उच्च विद्यालय बिंद में आसपास के दर्जनों गांवों के एक हजार से अधिक विद्यार्थी पढ़ने आते हैं. इनमें छात्राओं का अनुपात आधा से अधिक है. इसके बावजूद विद्यालय में विषयवार शिक्षक के साथ-साथ लिपिक का भी अभाव है. कई विषयों में दो शिक्षकों के बजाय मात्र एक शिक्षक ही नियुक्त है. इससे विद्यालय में नामांकित विद्यार्थियों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा विद्यालय का खेल मैदान चहारदीवारी के अभाव में असुरक्षित है.
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