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पीएम की खादी विकास योजना से बुनकरों को होगा लाभ
चर्खे व पूंजी कराये जायेंगे उपलब्ध बिहारशरीफ : भारत सरकार के खादी सुधार विकास योजना से खादी ग्रामोद्योग के साथ-साथ बुनकरों के भी दिन बहुरने की उम्मीद भी बढ़ गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 68 वीं पुण्यतिथि पर खादी ग्रामोद्योग को पुणर्जीवित करने की वकालत की गई थी. उन्होंने कहा […]
चर्खे व पूंजी कराये जायेंगे उपलब्ध
बिहारशरीफ : भारत सरकार के खादी सुधार विकास योजना से खादी ग्रामोद्योग के साथ-साथ बुनकरों के भी दिन बहुरने की उम्मीद भी बढ़ गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 68 वीं पुण्यतिथि पर खादी ग्रामोद्योग को पुणर्जीवित करने की वकालत की गई थी. उन्होंने कहा था कि खादी को गांव-गांव तक विस्तार करने की जरूरत है.
इससे जहां गांवों में रोजगार के अवसर बढ़ेगे वहीं खादी का भी विकास होगा. उन्होंने खादी ग्रामोद्योग के नेटवर्क बनाकर खादी का विकास करने की बात कही थी. वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा खादी सुधार विकास योजना (केआरईडीपी) के तहत खादी ग्रामोद्योग को सशक्त बनाने की पहल शुरू कर दी गई है. इसके तहत खादी ग्रामोद्योग को चरखे, लुम, बार्फिंग मशीन, शेड निर्माण, कर्मियों को प्रशिक्षण के साथ-साथ रेडिमेड वस्त्र निर्माण तथा आउटलेट खोलने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा. हालांकि भविष्य में बुनकरों को सोलर चरखा, सोलर लुम आदि भी उपलब्ध कराने की योजना है. जिससे बुनकरों का लाभ काफी अधिक बढ़ जायेगा. फिलहाल नालंदा जिला खादी ग्रामोद्योग संघ को 75 लाख रूपये इस योजना के तहत अनुदान के रूप में मिलने जा रहा है. जिसका उपयोग खादी तथा इससे जुड़े कामगारों के विकास पर खर्च किया जायेगा.
इस संबंध में खादी ग्रामोद्योग के अध्यक्ष मनोज पांडेय ने बताया कि प्राप्त राशि से संंस्था में कार्यरत कामगारों को रोजगार मुहैया कराया जायेगा. बुनकरों को आठ तकु ए वाले 50 चरखे भी प्रदान किये जायेंगे. विशेष रूप से महिला बुनकरों को यह चरखा नि:शुल्क उपलब्ध कराया जायेगा. यदि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित सभी योजनाऐं धरातल पर उतरती है तो सचमुच में खादी ग्रामोद्योग तथा बुनकरों के बुरे दिन खत्म हो जायेगे. उन्होंने बताया कि बुनकरों के लिए अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना आदि का भी लाभ दिया जायेगा.
इसी प्रकार रेलवे, पुलिस, नेभी, डाक विभाग सहित दूसरे विभागों में भी खादी वस्त्रों को खपाने की योजना बनाई गई है. खादी कपड़ों के रेडिमेड वस्त्र बनाकर उन्हें आधुनिक फैशन से भी जोड़ने की योजना बनाई गयी है. यदि केंद्र सरकार का प्रयास सफल होता है तो खादी ग्रामोद्योग के सुनहरे दिन वापस लौट जायेंगे.
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