मुजफ्फरपुर : आपराधिक वारदात होने के बाद कई मामलों में पुलिस सीमा विवाद खड़ी कर मामले की छानबीन करने के बजाय उसे ठंडे बस्ते में डालने का प्रयास करने लगती है. इसका ताजा उदाहरण है राजद नेता वसीम अहमद मुन्ना के भाई के दुकान में चोरी का मामला. रविवार की रात स्टेशन रोड स्थित उनके […]
मुजफ्फरपुर : आपराधिक वारदात होने के बाद कई मामलों में पुलिस सीमा विवाद खड़ी कर मामले की छानबीन करने के बजाय उसे ठंडे बस्ते में डालने का प्रयास करने लगती है. इसका ताजा उदाहरण है राजद नेता वसीम अहमद मुन्ना के भाई के दुकान में चोरी का मामला. रविवार की रात स्टेशन रोड स्थित उनके भाई मो. नसीम के दुकान को चोरों ने निशाना बनाया. सुबह जानकारी होने पर वहां पहुंचे पीड़ित नसीम ने जब इस मामले की प्राथमिकी रेल थाने में दर्ज करानी चाही तो घटनास्थल नगर थाना क्षेत्र बता उसे वहां से टहला दिया गया. नगर थाने पर पहुंचने पर उसे फिर रेल थाने में ही प्राथमिकी दर्ज कराने की नसीहत देकर टरका दिया गया.
मामले की जानकारी होने पर राजद नेता वसीम रेल एसपी से मिल कर मामले में कार्रवाई का आग्रह किया. उनके आश्वासन देने के बाद जब वे रेल थाना पहुंचे तो वहां उपस्थित अधिकारियों ने कार्रवाई से इनकार कर दिया. अंत में थक हार कर देर शाम वसीम के साथ राजद का एक प्रतिनिधिमंडल एसएसपी विवेक कुमार से मिल उन्हें शिकायती आवेदन दिया. प्रतिनिधिमंडल को एसएसपी ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है. हालांकि देर रात तक इस मामले की प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी है.
स्टेशन रोड में राजद नेता वासिम अहमद मुन्ना के भाई मो. नसीम की कपड़े की दुकान है. रविवार की रात आठ बजे वे दुकान बढ़ा अपने घर गये थे. सोमवार को जब वे दुकान खोलने गये तो चोरी हो जाने की जानकारी मिली. बेखौफ चोर दुकान के पीछे से तख्ती उखाड़कर उसमें रखे नकदी दस हजार समेत 2 लाख रुपये का कीमती कपड़ा और अन्य सामान की चोरी कर ली.
इसके बाद दुकानदार नसीम इस घटना की जानकारी सबसे पहले रेल थाना को दिया. लेकिन रेल थानाध्यक्ष घटनास्थल नगर थाने में होने की बात कह अपना पल्ला झाड़ लिया. नसीम जब नगर थाना पहुंचे तो वहां उपस्थित पुलिस अधिकारी उन्हें रेल थाने में शिकायत दर्ज कराने की नसीहत देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली. इसके बाद उन्होंने इस मामले की जानकारी अपने भाई राजद नेता वसीम को दी. वसीम भी रेल और नगर थाना गये तो सीमा विवाद का पाठ पढ़ा उन्हें चलता कर दिया गया. इसके बाद वे रेल एसपी से मिल इस समस्या के समाधान का आग्रह किया. लेकिन उनका आग्रह बेअसर रहा. रेल एसपी के निर्देश के बाद भी रेल थाना पुलिस ने मामले की जांच तो जरूर करायी. लेकिन उनके शिकायती आवेदन लेने से इनकार कर दिया.
इसके बाद एक प्रतिनिधिमंडल के साथ वे एसएसपी विवेक कुमार से मिल कर शिकायती आवेदन दिया और मामले में कार्रवाई का आग्रह किया. एसएसपी शिष्टमंडल को जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है. हालांकि देर रात तक इस मामले की प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी है.