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नये रेगुलेशन को नहीं, संशोधन को मिलेगी मंजूरी

मुजफ्फरपुर: बिहार विवि के पीजी विभाग व विभिन्न कॉलेजों में चल रहे सात व्यावसायिक कोर्स पर संशय कायम है. राजभवन ने विवि की ओर से इन कोर्सो के रेगुलेशन को मंजूरी देने से संबंधित प्रस्ताव लौटा दिया है. ऐसा प्रस्ताव के साथ दस्तावेज संलग्न नहीं होने के कारण हुआ है. राजभवन ने कोर्स के संबंध […]

मुजफ्फरपुर: बिहार विवि के पीजी विभाग व विभिन्न कॉलेजों में चल रहे सात व्यावसायिक कोर्स पर संशय कायम है. राजभवन ने विवि की ओर से इन कोर्सो के रेगुलेशन को मंजूरी देने से संबंधित प्रस्ताव लौटा दिया है. ऐसा प्रस्ताव के साथ दस्तावेज संलग्न नहीं होने के कारण हुआ है. राजभवन ने कोर्स के संबंध में विवि से 22 बिंदुओं पर जवाब भी मांगा है. इसके लिए उसे 25 फरवरी तक का समय दिया है. इस दिन एक विशेष बैठक बुलायी गयी है.

21 फरवरी को एक बैठक बुलायी गयी. इसमें कुलपति डॉ पंडित पलांडे, कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला व सीसीडीसी डॉ विनोद प्रसाद सिंह ने हिस्सा लिया. बैठक में एलएस कॉलेज में चल रहे बैचलर इन जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन, एसएनएस कॉलेज मोतिहारी में कंपाउंड अक्वाकल्चर, एमडीडीएम कॉलेज में फूड साइंस क्वालिटी कंट्रोल, एमएसकेबी कॉलेज में चल रहे फैशन डिजाइनिंग, एलएस कॉलेज में तीन वर्षीय बीलिस कोर्स, विवि मनोविज्ञान विभाग मेंक्लीनिकल साइकोलॉजी व विभिन्न कॉलेजों में चल रहे बायो टेक्नोलॉजी कोर्स पर चर्चा की गयी.

इनके रेगुलेशन के मंजूरी से संबंधित प्रस्ताव लंबित था. प्रस्ताव के साथ एकेडमिक काउंसिल, सिंडिकेट व सीनेट की मंजूरी से संबंधित संचिकाओं को भी भेजना था. पर जांच में पता चला कि प्रस्ताव में एकेडमिक काउंसिल की प्रोसिडिंग शामिल नहीं है. इसके अलावा राजभवन के अधिकारियों ने प्रस्ताव की भाषा पर भी सवाल उठाये. विवि के प्रस्ताव में कोर्स के रेगुलेशन को मंजूरी देने की बात अंकित थी. अधिकारियों का तर्क था कि कोर्स के रेगुलेशन को मंजूरी दी जा चुकी है, जिसके बाद उसे कई अन्य विवि में शुरू भी किया गया है. विवि को रेगुलेशन की मंजूरी नहीं, बल्कि उसमें किये गये संशोधन की मंजूरी लेनी चाहिए.

दो नये कोर्स का प्रस्ताव भी होगा पेश
बैठक में सीसीडीसी डॉ विनोद प्रसाद सिंह ने फिश एंड फिशरीज व एमलिस कोर्स का मामला भी उठाया. यह कोर्स फिलहाल जूलॉजी विभाग में चल रहा है. इसके लिए एकेडमिक काउंसिल व सिंडिकेट की मंजूरी मिल चुकी है. पर सीनेट की मुहर बाकी है. वहीं एमलिस कोर्स शुरू करने के लिए सिंडिकेट की मंजूरी मिल चुकी है.

सीनेट की बैठक में इसे पेश किया जाना है. डॉ सिंह ने सीनेट की मंजूरी की प्रत्याशा में इन दोनों कोर्स के रेगुलेशन को मंजूरी देने की मांग रखी. इसे राजभवन के अधिकारियों ने स्वीकार कर लिया व मामले 25 फरवरी को प्रस्तावित बैठक में इसे रखने का निर्देश दिया.

सात कोर्स के रेगुलेशन की मंजूरी के लिए राजभवन की ओर से कुछ संचिकाएं मांगी गयी है. उसे आगामी बैठक में पेश किया जायेगा. जहां तक 22 बिंदुओं पर सवाल की बात है, तो इसमें कुछ नया नहीं है. इसका जवाब पूर्व में भी दिया जा चुका है. आगामी बैठक में एमलिस व फिश एंड फिशरीज कोर्स को मंजूरी दिलाने का भी प्रयास होगा.

– डॉ विनोद प्रसाद सिंह, सीसीडीसी

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