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डीपीएस पर पांच लाख का जुर्माना
मुजफ्फरपुर : डीपीएस पीएंडटी मिठनपुरा पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. आरोप है कि पांच साल से शिक्षा विभाग व अभिभावकों को धोखे में रख कर अवैध तरीके से विद्यालय का संचालन किया है. स्कूल पर हाइस्कूल के छात्रों का विभिन्न विद्यालयों से फॉर्म भरवाने व प्रमाणपत्र देने के नाम पर अवैध […]
मुजफ्फरपुर : डीपीएस पीएंडटी मिठनपुरा पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. आरोप है कि पांच साल से शिक्षा विभाग व अभिभावकों को धोखे में रख कर अवैध तरीके से विद्यालय का संचालन किया है. स्कूल पर हाइस्कूल के छात्रों का विभिन्न विद्यालयों से फॉर्म भरवाने व प्रमाणपत्र देने के नाम पर अवैध वसूली का भी आरोप है. डीपीओ प्रारंभिक शिक्षा व सर्व शिक्षा अभियान ने स्कूल के निदेशक को पत्र भेज कर जुर्माना की राशि एक महीने में जमा कराने को कहा है साथ ही तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा है.
डीपीओ ने जांच में पाया है कि वर्ष 2011 में विद्यालय का संचालन शुरू किया गया. पहले यह विद्यालय रामदयालुनगर में दिल्ली पब्लिक स्कूल के नाम से शुरू हुआ था. वर्तमान में यह विद्यालय मिठनपुरा दुर्गा स्थान के पास संचालित हो रहा है. इसकी सूचना उस समय सभी अभिभावकों को लिखित रूप से दी गयीूsss थी. हालांकि विभाग की ओर से मांगे गये स्पष्टीकरण के जवाब में स्कूल के निदेशक ने बताया कि स्कूल की स्थापना जुलाई 2015 में की गयी है. हालांकि विभिन्न बिंदुओं पर की गयी जांच में यह बात सामने आयी है कि फर्जी तरीके से विद्यालय संचालित करते हुए अभिभावकों को धोखे में रख कर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. शिक्षा के अधिकार अधिनियम का भी उल्लंघन किया जा रहा है. विभाग ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धारा 18 के आलोक में वर्ष 2011 से 2016 तक लगातार अवैध ढंग से विद्यालय संचालन के लिए प्रति वर्ष एक लाख रुपये के हिसाब से जुर्माना की राशि निर्धारित की गयी है.
अवैध राशि के लिए रोका प्रमाण पत्र, तो शुरू हुई जांच
विद्यालय ने हाइस्कूल के छात्र अमन राज का प्रमाण पत्र अवैध राशि के लिए रोक दिया, तो उसके पिता जूरन छपरा निवासी अजय कुमार उपाध्याय ने डीएम के यहां शिकायत की. डीएम के निर्देश पर ही डीपीओ एसएसए ने जांच की. अजय कुमार ने साक्ष्य के साथ प्रतिवेदन दिया था. बताया था कि वर्ष 2011 में अपने तीन बच्चों का नामांकन दिल्ली पब्लिक स्कूल में कक्षा 6, 7 व 8 में कराया था. तीनों बेटे वर्ष 2014,15 व 16 में हाइस्कूल की परीक्षा में शामिल हुए. 2014 में डीपीएस सीतामढ़ी, 2015 में ग्लोबल इंटरनेशनल स्कूल व 2016 में दिल्ली पब्लिक स्कूल इंटरनेशनल, गरहां से परीक्षा दिलायी गयी. पहले दोनों बच्चों का प्रमाणपत्र मिल गया, लेकिन इस साल अमन राज का प्रमाण पत्र विवाद उत्पन्न होने की स्थिति में रोक दिया गया. इसके एवज में अवैध राशि की मांग की जा रही है. साक्ष्य के रूप में अजय कुमार ने मोबाइल के कॉल रिकॉर्ड के साथ ही अन्य अभिलेख भी दिये हैं.
डीपीओ ने स्कूल से स्पष्टीकरण मांगा था, जिसका जवाब 12 सितंबर को विद्यालय के निदेशक ने दिया. हालांकि साक्ष्य की जांच के बाद सभी आरोप सही पाये गये.
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