इन तीनों पावर सब स्टेशन को हाल ही बने भिखनपुर एसकेएमसीएच ग्रिड से जोड़ने की योजना है. इसका 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. मात्र दस प्रतिशत ही काम शेष बचा है. 33 केवीए लाइन को अखाड़ाघाट बूढ़ी गंडक नदी के आर-पार कर लिया गया है, लेकिन लाइन को इससे आगे बढ़ाने में एस्सेल कंपनी को लोगों के कड़े विरोध का सामना कर पड़ रहा है. इससे पिछले एक माह से काम ठप पड़ा है. एस्सेल के अधिकारी विद्युत विभाग के साथ डीएम धमेंद्र सिंह व एसएसपी विवेक कुमार को पत्र लिख प्रशासनिक मदद की मांग की है, लेकिन पंचायत चुनाव में पुलिस व प्रशासन के व्यस्तता रहने के कारण जिला व पुलिस प्रशासन ने फिलहाल मदद करने से एस्सेल को मना कर दिया है.
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पांच लाख आबादी की खुशहाली पर अड़ंगा
मुजफ्फरपुर: शहर को स्मार्ट बनाने के साथ यहां की बिजली आपूर्ति सिस्टम को भी एस्सेल स्मार्ट करने में जुटी है. शहरी व आसपास के ग्रामीण इलाके में पड़ने वाले करीब पांच लाख की आबादी को निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए तीन सबसे महत्वपूर्ण बेला, मिस्कॉट व चंदवारा पावर सब स्टेशन को डबल सर्किट से जोड़ने […]
मुजफ्फरपुर: शहर को स्मार्ट बनाने के साथ यहां की बिजली आपूर्ति सिस्टम को भी एस्सेल स्मार्ट करने में जुटी है. शहरी व आसपास के ग्रामीण इलाके में पड़ने वाले करीब पांच लाख की आबादी को निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए तीन सबसे महत्वपूर्ण बेला, मिस्कॉट व चंदवारा पावर सब स्टेशन को डबल सर्किट से जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है.
झील नगर के लोग कर रहे विरोध
बूढ़ी गंडक नदी के किनारे से डबल सर्किट के लिए 33 केवीए का जो लाइन खींचा जा रहा है. उसे झील नगर बस्ती से होकर गुजरना है. इस कारण वहां के लोग लाइन को इस रूट से गुजरने पर आपत्ति कर रहे हैं. फिलहाल कंपनी के पास रूट बदलने का कोई दूसरा विकल्प नहीं सूझ रहा है. इससे कंपनी के अधिकारी पेशो-पेश में पड़े हैं. उनका कहना हैं कि अब अगर डबल सर्किट लाइन को नहीं खींचा जाता है, तब एक ओर सरकार को जहां लाखों-करोड़ों का नुकसान होगा. वहीं सरकार के सात निश्चय में शामिल बिजली आपूर्ति सिस्टम को ठीक करने में भी परेशानी होगी.
डबल सर्किट होने से आधे शहर की बिजली व्यवस्था सुदृढ़ हो जायेगी. वहीं भिखनपुरा ग्रिड का जो लोड है. उसमें भी कमी आयेगी. लोगों के विरोध के कारण काम रुका है. प्रशासनिक मदद मिलने के बाद तेजी के साथ एक पखवारा में काम को पूरा कर लिया जायेगा. डबल सर्किट होने से सीएम का जो 24 घंटे बिजली देने का निश्चय है. उसमें भी सफलता मिलेगी.
राजेश कुमार चौधरी, पीआरओ एस्सेल
लोड नहीं ले रहा सिस्टम
एसकेएमसीएच ग्रिड से ही 33 केवीए चंदवारा व मिस्काॅट को फिलहाल बिजली मिल रही है. पिछले वर्ष बेला को भी इसी ग्रिड से जोड़ा गया था, लेकिन जोड़ने के साथ फीडर ब्रेक डाउन होने लगा. समाधान के बदले समस्या ही बढ़ गयी है. इसके बाद एस्सेल ने नये सिरे से ग्रिड से चंदवारा फीडर होते हुए मिस्कॉट व बेला तक डबल सर्किट करने का फैसला लिया था.
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