17.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एमडीडीएम कॉलेज को मिला सीपीइ का दर्जा, बढ़ेंगी सुविधायें

मुजफ्फरपुर: यूजीसी ने एमडीडीएम कॉलेज का चयन कॉलेज विथ पोटेंशियल फॉर एक्सिलेंस (सीपीइ) के लिए किया है. यह उपलब्धि हासिल करने वाला यह बिहार का इकलौता कॉलेज है. इस दौड़ में नैक से ‘ए’ ग्रेड प्राप्त एलएस कॉलेज व आरडीएस कॉलेज भी थे. हालांकि दोनों देशभर में चयनित 124 कॉलेजों की सूची में जगह पाने […]

मुजफ्फरपुर: यूजीसी ने एमडीडीएम कॉलेज का चयन कॉलेज विथ पोटेंशियल फॉर एक्सिलेंस (सीपीइ) के लिए किया है. यह उपलब्धि हासिल करने वाला यह बिहार का इकलौता कॉलेज है. इस दौड़ में नैक से ‘ए’ ग्रेड प्राप्त एलएस कॉलेज व आरडीएस कॉलेज भी थे. हालांकि दोनों देशभर में चयनित 124 कॉलेजों की सूची में जगह पाने से चूक गये. जिन कॉलेजों को सीपीइ का दर्जा दिया गया है, उनमें अधिकांश स्वायत्त कॉलेज हैं या फिर महिला कॉलेज.
सीपीइ का दर्जा मिलने के बाद एमडीडीएम में शोध व पठन-पाठन की अत्याधुनिक सुविधा विकसित करने का रास्ता साफ होगा. इसके लिए यूजीसी की ओर से फंड मुहैया कराया जायेगा. गाइडलाइन के तहत किसी कॉलेज को सीपीइ का दर्जा तीन फेज के लिये दिया जाता है. प्रत्येक फेज पांच साल का होता है. इसमें बिना किसी अतिरिक्त सुविधा के एक साल का ग्रेस दिया जा सकता है. यूजीसी पहले दो फेज में कॉलेज को डेढ़ करोड़ रुपये का अनुदान देगा. वहीं तीसरे फेज के लिए चयन होने पर दो करोड़ रुपये मिलेंगे.
चार विभाग का भेजा था प्रस्ताव
यूजीसी की ओर से उपलब्ध कराये गये फंड का 50 प्रतिशत हिस्सा कॉलेज के सर्वश्रेष्ठ विभाग को अपग्रेड व अपडेट करने पर खर्च किया जायेगा. शेष 50 प्रतिशत राशि अन्य सामान्य विभागों के विकास पर खर्च करने का प्रावधान है. एमडीडीएम कॉलेज ने सीपीइ के लिए जो प्रस्ताव भेजा था, उसमें एक्सिलेंसी के लिए चार विभागों का नाम शामिल था. ये विभाग हैं, वनस्पति विज्ञान, गृह विज्ञान, मनोविज्ञान व जंतु विज्ञान. एक्सिलेंसी के लिए विभागों का चयन उस विभाग में चल रहे माइनर व मेजर प्रोजेक्ट, शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता, छात्र-छात्राओं के रिजल्ट, छात्र-छात्राओं की वर्तमान संख्या आदि के आधार पर किया जाना था.
विवि की ग्रेडिंग में मिला था तीसरा स्थान
बीआरए बिहार विवि से सीपीइ का दर्जा पाने के लिए तीन कॉलेज दावेदार थे. इसमें एलएस कॉलेज का दावा सबसे मजबूत माना जा रहा था. कारण वह विवि का इकलौता कॉलेज है, जिसे नैक मूल्यांकन में ‘ए’ ग्रेड हासिल था. विवि प्रशासन का भी यही मानना था. यही कारण है कि तीनों कॉलेजों का प्रस्ताव भेजने के दौरान विवि प्रशासन ने जो कॉलेजों की ग्रेडिंग की थी, उसमें एलएस कॉलेज पहले स्थान पर था. आरडीएस दूसरे व एमडीडीएम कॉलेज सबसे आखिरी स्थान पर था.
एडवाइजरी कमेटी का होगा गठन
सीपीइ का दर्जा प्राप्त करने पर कॉलेज को यूजीसी से जो फंड हासिल होगा, उसके खर्च पर नजर रखने के लिए एडवाइजरी कमेटी का गठन होगा. प्राचार्य चार सदस्यीय इस कमेटी के चेयरमैन होंगे. वहीं सीपीइ के कॉलेज को-ऑर्डिनेटर इसके सदस्य सचिव होंगे. दो अन्य सदस्य यूजीसी के चेयरमैन की ओर से मनोनीत विशेषज्ञ होंगे. कॉलेज को हर साल की प्रगति रिपोर्ट यूजीसी को भेजनी होगी.
चयन के लिए यह बना आधार
नामांकन में पारदर्शिता
नियमित शैक्षणिक सुधार
प्रयोगशाला में उपलब्ध सुविधाएं
शैक्षणिक व प्रशासनिक गतिविधियों में आइटी व अन्य अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग
छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन
छात्र-छात्राओं को कैंपस में उपलब्ध सुविधाएं
कैंपस में खेल, सांस्कृतिक व अन्य गतिविधियां
परीक्षा सिस्टम में सुधार
ट्यूटोरियल सिस्टम में सुधार
सामाजिक सारोकार या सहभागिता
गरीब छात्र-छात्राओं के लिए कॉलेज में उपलब्ध सुविधा
पर्यावरण के प्रति जागरूक होने का सबूत
वोकेशनल व स्कील डेवलपमेंट से जुड़े कोर्स की सुविधा

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें