मुजफ्फरपुर: जुलाई 2013 की शुरुआत नगर निगम की चर्चित नोट फॉर वोट मामले से हुई. इस मामले में निगम के किंग मेकर माने जाने वाले पूर्व विधायक बिजेंद्र चौधरी व पूर्व मेयर विमला देवी तुलस्यान सहित करीब दो दर्जन पार्षदों की गिरफ्तारी को लेकर सस्पेंस बना रहा. हालांकि, मामला कुछ ही दिनों में ठंडे बस्ते में चला गया. जिले में आयी बाढ़ के कारण करीब डेढ़ लाख लोगों का संपर्क जिला व प्रखंड मुख्यालय से टूट गया.
कटरा, औराई व गायघाट में 1500 से अधिक घरों में पानी घुसने से लोग बेहाल हो गये. इधर, भीषण गरमी में ग्रिड फेल होने से ब्लैक आउट से बिजली पानी के लिए लोगों को परेशानी ङोलनी पड़ी. खरौना में 220 टावर ध्वस्त होने के बाद उत्तर बिहार में ब्लैक आउट की स्थिति हो गयी थी. यह स्थिति 30 घंटे तक बनी रही. रेलवे स्टेशन पर एमआइटी के छात्रों द्वारा हमला बोलने का मामला भी काफी गरमाया. पार्किग स्टैंड में छात्रों ने जम कर उत्पात मचाया था.
स्टैंड को तोड़फोड़ कर आग के हवाले कर दिया. इस मामले में 14 छात्रों पर एफआइआर करायी गयी थी. पुराने सोलर लाइट घोटाले की जांच के लिए पहुंची कैग की टीम से हड़कंप मच गया था. टीम मीनापुर, मुशहरी व सकरा के 17 पंचायतों में खरीदी गयी सोलर लाइट की जांच की. सिर्फ चार प्रखंडों में चार करोड़ से अधिक राशि के घोटाले का मामला आने पर टीम पहुंची थी. शहर को पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए ‘प्रभात खबर’ की ओर से चलाया गया अभियान भी काफी असरदार रहा. इसको लेकर विभिन्न संगठन व संस्थानों से जुड़े लोगों का हुजूम सड़क पर उतर गया. इसमें प्रशासन के आला अधिकारी, मेयर, चिकित्सक, सीनियर सिटीजंस समेत कई संस्थानों के लोग शामिल हुए.